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आम लोगों के साथ VIP पर भी कहर बरपा रहा कोरोना, ये रहा फेहरिस्त - कोरोना संक्रमण से बिहार में मौत

दूसरी लहर में कोरोना संक्रमण इतनी तेजी से बढ़ रहा है कि सरकार को हालात पर काबू पाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. कोरोना आमलोगों के साथ VIP पर भी कहर बरपा रहा है. पढ़ें यह रिपोर्ट...

second wave of corona
कोरोना संक्रमण का कहर
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Published : May 1, 2021, 10:03 PM IST

पटना: कोरोना की दूसरी लहर ने भयावह रूप अख्तियार कर लिया है. आम लोग बदस्तूर दम तोड़ रहे हैं तो खास लोग भी कोरोना के संक्रमण से अछूते नहीं हैं. ऐसे वीआईपी की फेहरिस्त लंबी हो चुकी है जिन्होंने कोरोना संक्रमण की वजह से दम तोड़ दिया.

यह भी पढ़ें- श्मशान में लाश गिनने के बाद बोले पप्पू यादव-'नेताओं को यहीं जला देना चाहिए'

बिहार में कोरोना का कहर जारी है. पहली लहर के मुकाबले दूसरी लहर बेहद खतरनाक है. पहली लहर में संक्रमण की रफ्तार नियंत्रण में थी, लेकिन दूसरे लहर में संक्रमण इतनी तेजी से बढ़ रहा है कि सरकार को हालात पर काबू पाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

वीआईपी की भी जान नहीं बचा पा रही सरकार
दूसरी लहर में वीआईपी भी नहीं बच रहे हैं. सरकारी इंतजाम नाकाफी साबित हो रहे हैं. अस्पताल में ना तो बेड हैं ना ही जरूरी दवाएं मिल रहीं हैं. ऑक्सीजन की समस्या के चलते भी मरीज लगातार दम तोड़ रहे हैं. राज्य के मुख्य सचिव से लेकर पूर्व शिक्षा मंत्री तक जान गंवा चुके हैं.

कोरोना से इनकी हुई मौत

  1. मुख्य सचिव अरुण कुमार
  2. राजद के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन
  3. बिहार के पूर्व शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी
  4. बीजेपी एमएलसी हरीनारायण चौधरी
  5. सुप्रीम कोर्ट में बिहार के स्टैंडिंग काउंसलर केसव मोहन
  6. स्वास्थ्य विभाग के अपर सचिव रविशंकर चौधरी
  7. वरिष्ठ पत्रकार सुकांत नागार्जुन
  8. भोजपुरी सिनेमा के मशहूर सिंगर अजय पांडे
  9. सिविल सर्जन डॉक्टर रती रमन झा
  10. चीफ पोस्ट मास्टर जनरल अनिल कुमार
  11. उद्योग विभाग के निदेशक पंकज कुमार

एक साल में सरकार ने नहीं की तैयारी
भाजपा नेता और विधान परिषद के उप नेता नवल किशोर यादव ने कहा "महामारी आम और खास नहीं देखती. जिसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक होती है वे कोरोना से जंग जीत जाते हैं, लेकिन जो एयर कंडीशन में रहते हैं उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है. वे कोरोना से जंग नहीं जीत पाते."

देखें रिपोर्ट

"एक साल में सरकार ने कोई तैयारी नहीं की, जिसके चलते बड़ी संख्या में नौकरशाह और जनप्रतिनिधि दम तोड़ रहे हैं. सरकार जब ऐसे लोगों की जान नहीं बचा पा रही है तो आम लोगों की जान की कीमत क्या होगी इसे समझा जा सकता है."- दानिश रिजवान, प्रवक्ता, हम

यह भी पढ़ें- प्रवासियों की नहीं हुई कोरोना जांच इसलिए गांव में फैला संक्रमण, गया के ग्रामीण इलाकों में दहशत

पटना: कोरोना की दूसरी लहर ने भयावह रूप अख्तियार कर लिया है. आम लोग बदस्तूर दम तोड़ रहे हैं तो खास लोग भी कोरोना के संक्रमण से अछूते नहीं हैं. ऐसे वीआईपी की फेहरिस्त लंबी हो चुकी है जिन्होंने कोरोना संक्रमण की वजह से दम तोड़ दिया.

यह भी पढ़ें- श्मशान में लाश गिनने के बाद बोले पप्पू यादव-'नेताओं को यहीं जला देना चाहिए'

बिहार में कोरोना का कहर जारी है. पहली लहर के मुकाबले दूसरी लहर बेहद खतरनाक है. पहली लहर में संक्रमण की रफ्तार नियंत्रण में थी, लेकिन दूसरे लहर में संक्रमण इतनी तेजी से बढ़ रहा है कि सरकार को हालात पर काबू पाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

वीआईपी की भी जान नहीं बचा पा रही सरकार
दूसरी लहर में वीआईपी भी नहीं बच रहे हैं. सरकारी इंतजाम नाकाफी साबित हो रहे हैं. अस्पताल में ना तो बेड हैं ना ही जरूरी दवाएं मिल रहीं हैं. ऑक्सीजन की समस्या के चलते भी मरीज लगातार दम तोड़ रहे हैं. राज्य के मुख्य सचिव से लेकर पूर्व शिक्षा मंत्री तक जान गंवा चुके हैं.

कोरोना से इनकी हुई मौत

  1. मुख्य सचिव अरुण कुमार
  2. राजद के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन
  3. बिहार के पूर्व शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी
  4. बीजेपी एमएलसी हरीनारायण चौधरी
  5. सुप्रीम कोर्ट में बिहार के स्टैंडिंग काउंसलर केसव मोहन
  6. स्वास्थ्य विभाग के अपर सचिव रविशंकर चौधरी
  7. वरिष्ठ पत्रकार सुकांत नागार्जुन
  8. भोजपुरी सिनेमा के मशहूर सिंगर अजय पांडे
  9. सिविल सर्जन डॉक्टर रती रमन झा
  10. चीफ पोस्ट मास्टर जनरल अनिल कुमार
  11. उद्योग विभाग के निदेशक पंकज कुमार

एक साल में सरकार ने नहीं की तैयारी
भाजपा नेता और विधान परिषद के उप नेता नवल किशोर यादव ने कहा "महामारी आम और खास नहीं देखती. जिसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक होती है वे कोरोना से जंग जीत जाते हैं, लेकिन जो एयर कंडीशन में रहते हैं उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है. वे कोरोना से जंग नहीं जीत पाते."

देखें रिपोर्ट

"एक साल में सरकार ने कोई तैयारी नहीं की, जिसके चलते बड़ी संख्या में नौकरशाह और जनप्रतिनिधि दम तोड़ रहे हैं. सरकार जब ऐसे लोगों की जान नहीं बचा पा रही है तो आम लोगों की जान की कीमत क्या होगी इसे समझा जा सकता है."- दानिश रिजवान, प्रवक्ता, हम

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