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पटना: नीतीश कुमार के एकतरफा फैसले से भाजपा नेताओं में उबाल

भाजपा और जदयू के बीच सीट शेयरिंग को लेकर अंतिम फैसला नहीं हो पाया है. साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले ही नीतीश कुमार ने प्रत्याशियों को सिंबल देना शुरू कर दिया है. नीतीश के फैसले से भाजपा नेता सकते में हैं. भाजपा के कई नेता बगावत के मूड में है. दोनों दलों के बीच जारी तनातनी का असर राजग गठबंधन पर देखने को मिल सकता है.

नीतीश कुमार
नीतीश कुमार
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Published : Oct 6, 2020, 11:44 AM IST

Updated : Oct 6, 2020, 12:32 PM IST

पटना: पहले चरण के नामांकन में महज 2 दिन शेष बचे हुए हैं. लेकिन अभी तक राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में सीट शेयरिंग का मामला नहीं सुलझ सका है. इन सब के बीच जदयू ने अपने प्रत्याशियों को पार्टी का सिंबल देना शुरू कर दिया है. इस वजह से चुनाव से पूर्व ही जदयू-बीजेपी के रिश्तों में खटास आ गई है. भाजपा नेता नीतीश कुमार एक तरफा फैसला से काफी नाराज हैं. बीजेपी के कई वरीय नेता खुले तौर पर बगावती तेवर दिखा रहे हैं.

कुछ भी संभव !
राजग में सीट शेयरिंग का मामला सुलझ नहीं सका है. जिस वजह से प्रत्याशियों के नाम पर औपचिरक मुहर अभी तक नहीं लग पाई है. इन सब के बीच नीतीश कुमार ने प्रत्याशियों को सिंबल देना शुरू किया है. जिससे बीजेपी नेता सकते में हैं. नीतीश के इस एक तरफा फैसला को लेकर बीजेपी नेताओं की बीच गहमागहमी बनी हुई है. भाजपा और जदयू के बीच जारी तनातनी का अंजाम कुछ भी हो सकता है.

भाजपा के सामने झुकने से नीतीश कुमार की मनाही
भाजपा और जदयू के बीच सीट शेयरिंग को लेकर अंतिम फैसला नहीं हो पाया है. साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले ही नीतीश कुमार ने प्रत्याशियों को सिंबल देना शुरू कर दिया है. नीतीश के फैसले से भाजपा नेता सकते में हैं. भाजपा के कई नेता बगावत के मूड में है. दरअसल कुछ सीटों को लेकर बीजेपी और जदयू के बीच सुलह नहीं हो पाया है. इसमें कई ऐसी सीटें हैं जिस पर भाजपा ने दावा कर रखा था सूर्यगढ़ा सीट पर भाजपा प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल लड़ना चाहते थे. प्रेम रंजन इस सीट से एक बार विधायक भी रह चुके हैं. लेकिन वहां से नीतीश कुमार ने रामाकांत मंडल को सिंबल दे दिया है. इसके अलावा पालीगंज विधानसभा सीट पर भी नीतीश कुमार ने प्रत्याशी मैदान में उतार दिए है.

मिल रही जानकारी के मुताबिक सासाराम विधानसभा सीट पर हाल ही में राजद से जदयू में शामिल हुए अशोक कुशवाहा को जदयू ने सिंबल दे दिया है. इसके अलावे नोखा सीट पर भी जदयू ने नागेंद्र चंद्रवंशी को मैदान में उतार दिया है. नोखा विधानसभा सीट से भाजपा नेता रामेश्वर चौरसिया तीन बार विधायक रह चुके हैं.

बीजेपी की पारंपरिक सीट पर कब्जा जमा रही जदयू
जदयू बीजपी की पारांपरिक सीट पर अपने प्रत्याशियों की टिकट दे रही है. जिस वजह से दोनों दलों के नेताओं के बीच मामला बढ़ चुका है. जदयू ने झाझा विधानसभा सीट पर भी जेडीयू ने पूर्व मंत्री दामोदर रावत को सिंबल दे दिया है. झाझा से फिलहाल भाजपा कोटे के विधायक हैं. नीतीश कुमार भाजपा की परवाह किए बगैर प्रत्याशियों को सिंबल दे रहे हैं. नीतीश कुमार के इस फैसले से भाजपा सकते में है. नीतीश के रूख में अचानक हुआ इस बदलाव का तोड़ अब बीजेपी नेताओं को समझ में नहीं आ रहा है.

बीजेपी की पारंपरिक सीट पर कब्जा जमाने के अलावे भी नीतीश कुमार ने रोहतास जिले के 5 विधानसभा सीटों पर दावा कर रखा है. ऐसे में अहम सवाल यह है कि जदयू के अड़ियल रवैया से गठबंधन किस दिशा जाएगी. जानकारी के अनुसार रोहतास जिले की विधानसभा सीट पर जेडीयू ने सासाराम, नोखा, करहगर, दिनारा और चेनारी सीट पर प्रत्याशी मैदान में उतारने का फैसला ले लिया है. कई प्रत्याशियों को सिंबल भी दिया जा चुका है.

पटना: पहले चरण के नामांकन में महज 2 दिन शेष बचे हुए हैं. लेकिन अभी तक राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में सीट शेयरिंग का मामला नहीं सुलझ सका है. इन सब के बीच जदयू ने अपने प्रत्याशियों को पार्टी का सिंबल देना शुरू कर दिया है. इस वजह से चुनाव से पूर्व ही जदयू-बीजेपी के रिश्तों में खटास आ गई है. भाजपा नेता नीतीश कुमार एक तरफा फैसला से काफी नाराज हैं. बीजेपी के कई वरीय नेता खुले तौर पर बगावती तेवर दिखा रहे हैं.

कुछ भी संभव !
राजग में सीट शेयरिंग का मामला सुलझ नहीं सका है. जिस वजह से प्रत्याशियों के नाम पर औपचिरक मुहर अभी तक नहीं लग पाई है. इन सब के बीच नीतीश कुमार ने प्रत्याशियों को सिंबल देना शुरू किया है. जिससे बीजेपी नेता सकते में हैं. नीतीश के इस एक तरफा फैसला को लेकर बीजेपी नेताओं की बीच गहमागहमी बनी हुई है. भाजपा और जदयू के बीच जारी तनातनी का अंजाम कुछ भी हो सकता है.

भाजपा के सामने झुकने से नीतीश कुमार की मनाही
भाजपा और जदयू के बीच सीट शेयरिंग को लेकर अंतिम फैसला नहीं हो पाया है. साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले ही नीतीश कुमार ने प्रत्याशियों को सिंबल देना शुरू कर दिया है. नीतीश के फैसले से भाजपा नेता सकते में हैं. भाजपा के कई नेता बगावत के मूड में है. दरअसल कुछ सीटों को लेकर बीजेपी और जदयू के बीच सुलह नहीं हो पाया है. इसमें कई ऐसी सीटें हैं जिस पर भाजपा ने दावा कर रखा था सूर्यगढ़ा सीट पर भाजपा प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल लड़ना चाहते थे. प्रेम रंजन इस सीट से एक बार विधायक भी रह चुके हैं. लेकिन वहां से नीतीश कुमार ने रामाकांत मंडल को सिंबल दे दिया है. इसके अलावा पालीगंज विधानसभा सीट पर भी नीतीश कुमार ने प्रत्याशी मैदान में उतार दिए है.

मिल रही जानकारी के मुताबिक सासाराम विधानसभा सीट पर हाल ही में राजद से जदयू में शामिल हुए अशोक कुशवाहा को जदयू ने सिंबल दे दिया है. इसके अलावे नोखा सीट पर भी जदयू ने नागेंद्र चंद्रवंशी को मैदान में उतार दिया है. नोखा विधानसभा सीट से भाजपा नेता रामेश्वर चौरसिया तीन बार विधायक रह चुके हैं.

बीजेपी की पारंपरिक सीट पर कब्जा जमा रही जदयू
जदयू बीजपी की पारांपरिक सीट पर अपने प्रत्याशियों की टिकट दे रही है. जिस वजह से दोनों दलों के नेताओं के बीच मामला बढ़ चुका है. जदयू ने झाझा विधानसभा सीट पर भी जेडीयू ने पूर्व मंत्री दामोदर रावत को सिंबल दे दिया है. झाझा से फिलहाल भाजपा कोटे के विधायक हैं. नीतीश कुमार भाजपा की परवाह किए बगैर प्रत्याशियों को सिंबल दे रहे हैं. नीतीश कुमार के इस फैसले से भाजपा सकते में है. नीतीश के रूख में अचानक हुआ इस बदलाव का तोड़ अब बीजेपी नेताओं को समझ में नहीं आ रहा है.

बीजेपी की पारंपरिक सीट पर कब्जा जमाने के अलावे भी नीतीश कुमार ने रोहतास जिले के 5 विधानसभा सीटों पर दावा कर रखा है. ऐसे में अहम सवाल यह है कि जदयू के अड़ियल रवैया से गठबंधन किस दिशा जाएगी. जानकारी के अनुसार रोहतास जिले की विधानसभा सीट पर जेडीयू ने सासाराम, नोखा, करहगर, दिनारा और चेनारी सीट पर प्रत्याशी मैदान में उतारने का फैसला ले लिया है. कई प्रत्याशियों को सिंबल भी दिया जा चुका है.

Last Updated : Oct 6, 2020, 12:32 PM IST
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