पटना : बिहार में हाईकोर्ट के आदेश के बाद बिहार में जातीय जनगणना का काम युद्ध स्तर पर शुरू हो चुका है. सभी प्रगणक अपने-अपने आवंटित क्षेत्रों में घर-घर जाकर कुल 17 बिंदुओं पर आंकड़े इकट्ठा करने में जुट गए हैं. गणना का काम ठीक तरीके से हो रहा है या नहीं इसकी माॅनिटरिंग भी वरीय पदाधिकारियों के द्वारा की जा रही है. डाटा इकट्ठा करने के काम की मसौढ़ी में एसडीएम जांच कर रही है.
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मसौढ़ी में 1437 प्रगणक कर रहे गणना : जाति आधारित गणना को लेकर पूरे मसौढ़ी अनुमंडल में 1437 प्रगणक और तकरीबन 170 सुपरवाइजर लगे हुए हैं. बीते 7 जनवरी को पहले चरण में मकान सूचीकरण की गई थी. इसमें 80 हजार मकानों की सूची बनी थी. वहीं द्वितीय चरण की जाति आधारित गणना 15 अप्रैल से शुरू हुई थी. इसमें तकरीबन 1 लाख 2037 परिवारों की सूची का आंकड़ा तैयार किया गया था. ऐसे में अब छूटे हुए परिवारों का डाटा इकट्ठा करने को लेकर हर प्रगणक अपने अपने क्षेत्रों में युद्ध स्तर पर काम कर रहे हैं.
जातीय गणना की निगरानी कर रही एसडीएम : जातीय गणना में लगे प्रगणकों के काम की मॉनिटरिंग करने के लिए एसडीएम प्रीति कुमारी मसौढ़ी के रहमतगंज मोहल्ला पहुंची और वहां जाकर एक परिवार के मुखिया से लिए गए आंकड़े का मिलान कर उसकी जांच की. साथ ही उन्होंने यह भी देखा कि सभी डाटा अपलोड हो रहा है या नहीं. एसडीएम प्रीति कुमारी ने बताया कि पूरे मसौढ़ी, धनरूआ और पुनपुन में सभी प्रगणक जाति आधारित गणना के कार्य में जुटे हुए हैं.
"प्रगणकों के द्वारा इकट्ठा किए जा रहे आंकड़े का जायजा लेने किए निकली हूं. क्योंकि हमलोगों को निर्देश मिला है कि जातीय गणना का काम जल्द से जल्द संपन्न कराना है. इसके लिए फिल्ड में काम कर रहे प्रगणक और सुपरवाइजरों के काम की माॅनिटिरिंग की जा रही है कि वेलोग कैसे काम कर रहे हैं." - प्रीति कुमारी, एसडीएम मसौढ़ी