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बिहार की बेहाल चिकित्सा व्यवस्था, 43 फीसदी डॉक्टरों के भरोसे है पूरा राज्य - सेवानिवृत्त

स्वास्थ्य विभाग के तहत नियमित डॉक्टरों के 7,249 पद स्वीकृत हैं, जबकि 4,146 यानी 43 फीसदी कार्यरत हैं. आधे से भी कम डॉक्टरों के भरोसे राज्य की चिकित्सा व्यवस्था चल रही है. इसमें भी औसतन 100 डॉक्टर प्रति माह सेवानिवृत्त हो रहे हैं.

स्वास्थ्य विभाग
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Published : Sep 1, 2019, 11:26 PM IST

पटना: एक तरफ राज्य की सरकार स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार के बड़े-बड़े वादे कर रही है. सरकार की तरफ से बड़ी संख्या में पदों पर वैकेंसी भी निकाली जा रही है. लेकिन सरकार इन पदों नियुक्ति करना सरकार भूल गई है. यही कारण है कि सूबे की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से बेहाल है.

बिहार की बेहाल चिकित्सा व्यवस्था

मात्र 43 फीसदी डॉक्टर कार्यरत
स्वास्थ्य विभाग के तहत नियमित डॉक्टरों के 7,249 पद स्वीकृत हैं, जबकि 4,146 यानी 43 फीसदी कार्यरत हैं. आधे से भी कम डॉक्टरों के भरोसे राज्य की चिकित्सा व्यवस्था चल रही है. इसमें भी औसतन 100 डॉक्टर प्रति माह सेवानिवृत्त हो रहे हैं.

इस क्रम में बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ ने डॉक्टरों और दवाओं की कमी की मांग को लेकर राज्यकार्यकारिणी की बैठक की. इसमें राज्य भर से विभिन्न डॉक्टर शामिल हुए. इस बैठक में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई.

  • पटना: गर्ल्स हॉस्टल में शराब पार्टी, DSP के मकान में छलकाया जा रहा था जाम पर जाम https://t.co/1PayXPzmbT

    — ETV Bharat Bihar (@etvbharatbihar) September 1, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

डॉक्टरों की मांग:

  • कॉन्ट्रैक्ट खत्म कर डॉक्टर को नियमित करने की मांग
  • ग्रामीण स्तर पर सेवा दे रहे डॉक्टरों को मिले ग्रामीण भत्ता
  • डॉक्टरों की नियुक्ति
  • दवाईयों की कमी को पूरा किया जाए

पटना: एक तरफ राज्य की सरकार स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार के बड़े-बड़े वादे कर रही है. सरकार की तरफ से बड़ी संख्या में पदों पर वैकेंसी भी निकाली जा रही है. लेकिन सरकार इन पदों नियुक्ति करना सरकार भूल गई है. यही कारण है कि सूबे की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से बेहाल है.

बिहार की बेहाल चिकित्सा व्यवस्था

मात्र 43 फीसदी डॉक्टर कार्यरत
स्वास्थ्य विभाग के तहत नियमित डॉक्टरों के 7,249 पद स्वीकृत हैं, जबकि 4,146 यानी 43 फीसदी कार्यरत हैं. आधे से भी कम डॉक्टरों के भरोसे राज्य की चिकित्सा व्यवस्था चल रही है. इसमें भी औसतन 100 डॉक्टर प्रति माह सेवानिवृत्त हो रहे हैं.

इस क्रम में बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ ने डॉक्टरों और दवाओं की कमी की मांग को लेकर राज्यकार्यकारिणी की बैठक की. इसमें राज्य भर से विभिन्न डॉक्टर शामिल हुए. इस बैठक में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई.

  • पटना: गर्ल्स हॉस्टल में शराब पार्टी, DSP के मकान में छलकाया जा रहा था जाम पर जाम https://t.co/1PayXPzmbT

    — ETV Bharat Bihar (@etvbharatbihar) September 1, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

डॉक्टरों की मांग:

  • कॉन्ट्रैक्ट खत्म कर डॉक्टर को नियमित करने की मांग
  • ग्रामीण स्तर पर सेवा दे रहे डॉक्टरों को मिले ग्रामीण भत्ता
  • डॉक्टरों की नियुक्ति
  • दवाईयों की कमी को पूरा किया जाए
Intro:बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ ने स्वास्थ्य विभाग से डॉक्टरों की कमी और दवाओं की कमी को को जल्द ही पुरी करने कि मांग


Body:स्वास्थ्य विभाग ने राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार को लेकर पदों की स्वीकृति तो काफी तेज कर दी है, किंतु उन पदों पर नियुक्ति करना भूल गया, इस कारण स्वास्थ्य व्यवस्था बेहाल है, संविदा के तहत नियुक्ति कर इसकी भरपाई की कोशिश की जा रही है लेकिन वह भी नाकाफी साबित हो रही हैं, स्वास्थ्य विभाग के तहत नियमित डॉक्टरों के 7249 पद स्वीकृत हैं जबकि 4146 यानी 43 फ़ीसदी कार्यरत हैं यानी आधी से भी कम डॉक्टरों के भरोसे राज्य के चिकित्सा व्यवस्था चल रही है इसमें भी औसतन 100 डॉक्टर प्रतिमा सेवानिवृत्त हो रहे हैं

मौका था राजधानी पटना के आईएमए हॉल में बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ के राज्यकार्यकारिणी की बैठक में जहां राज्य के विभिन्न जिलों से डॉक्टर शामिल हुए और विभिन्न मुद्दों पर परिचर्चा हुई, डॉक्टरों की कमी, अस्पताल में दवाओं की कमी


बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ ने डॉक्टरों को नियुक्ति करने एवं दवाओं की कमी को पूरा करने की मांग लंबे समय से करता रहा है किंतु अब तक इसे अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका है


Conclusion:बिहार सेवा स्वास्थ्य संघ ने कॉन्ट्रैक्ट खत्म करने डॉक्टर को नियमित करने की मांग कर रहे हैं वहीं ग्रामीण स्तर पर सेवा दे रहे डॉक्टरों को ग्रामीण भत्ता देने की मांग कर रहे हैं आज राजधानी पटना में बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ की राज्य कारिणी बैठक हुई और बैठक में कई तरह का निर्णय भी लिया गया है


बाईट:-डॉ अमिताभ
बाईट-डॉ दिपक
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