पटना: राजधानी पटना के गांधी मैदान में सरस मेला आज शुक्रवार से लोगों के लिए खोल दिया गया है. मेरा का उद्घाटन ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री श्रवण कुमार के द्वारा फीता काटकर और दीप प्रज्ज्वलित करके किया गया है. प्रतिदिन सुबह 10:00 बजे से लेकर रात्रि 8:00 बजे तक लोग इस सरस मेला का लुफ्त उठा सकते हैं. सबसे खास बात यह है की संस्कृति ,परंपरा ,व्यंजन और लोककला को बढ़ावा को लेकर सरस मेला का आयोजन किया गया है जो 15 से लेकर 29 दिसंबर तक चलेगा.
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पटना गांधी मैदान में सरस मेला शुरू: सरस मेला में बिहार के सभी 38 जिलों से लगभग 191 स्वयं सहायता समूह से जुड़ी जीविका वीडियो द्वारा सूक्ष्म उद्यमी के तौर पर काउंटर लगाए गए हैं. बिहार के साथ-साथ इस सरस मेला में उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, केरल, लद्दाख, उत्तर प्रदेश, पंजाब, महाराष्ट्र, जम्मू कश्मीर, कर्नाटक, असम, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना आंध्र प्रदेश एवं मणिपुर सहित 22 राज्यों से महिला उद्यमी एवं स्वरोजगारी अपने-अपने उत्पाद व्यंजन एवं शिल्प को लेकर सरस मेला में काउंटर लगाई है.
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मेले में 500 से अधिक स्टॉल : जीविका निदेशक राम निरजन सिंह ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान बताया कि सरस मेला में 500 से अधिक स्टॉल पर शिल्प हुनर एवं लोक कला का प्रदर्शन बिक्री केंद्र लगाए गए है. इस मेल में जीविका दीदियों की अहम भूमिका है. जीविका दीदियों के द्वारा घर में उपयोग होने वाले सामानों का काउंटर लगाए गए हैं. आचार, बरी, पापड़, ठंड के मौसम में टोपी, सत्तू, बेसन, दनौरी, अदौरी मरुआ, कोदो का आटा लेकर मेला में पहुंची हुई हैं जो बाजारों में नहीं मिलेगी. वह भी यहां मेले में लोगों को मिलेगा.
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"बिहार में अलग-अलग जगह पर लजीज व्यंजनों का टेस्ट लोगों को मिलता है. मेला में दीदी की रसोई लगाई गई है. राज्य के विभिन्न जिलों का लजीज व्यंजन का अलग-अलग काउंटर लगाया गया है. लिट्टी चोखा और मिठाई भी है. सरस मेला में आएंगे उनको खाने-पीने सामान खरीदने और संस्कृति कार्यक्रम का लुफ्त उठाने का मौका मिलेगा. सरस मेला प्रतिदिन सुबह 10:00 बजे से लेकर रात्रि 8:00 बजे तक निशुल्क प्रवेश के साथ खुला रहेगा. मेला 15 से लेकर 29 दिसंबर तक चलेगा." -राम निरजन सिंह, जीविका निदेशक
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22 राज्यों के हस्त निर्मित सामानों मिलेंगे : राम निरजन सिंह ने कहा कि लोगों के हुनर को प्रमोट करने के लिए यह मेला लगाया गया है.वीडियो के हुनर और उनके हाथ हो से निर्मित सामानों का प्रदर्शनी और बिक्री केंद्र लगाया गया है. 22 राज्यों के हस्त निर्मित सामानों का एक जगह पर देखने और खरीदने का मौका मिलेगा. सरस मेला में खादी,सिल्क, सूती कपड़े, टेरा कोट, लकड़ी एवं पत्थर से बने समान,चूड़ियां, कंगन मोती एवं अन्य वस्तुओं से बने आभूषण का भी काउंटर लगाए गए हैं.
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कैशलेस खरीदारी की व्यवस्था : बैंक एवं विभिन्न विभागों के 45 स्टाल लगाए गए हैं जिससे कि लोग बैंक और विभागों के योजनाओं से रूबरू हो सकेंगे. सरस मेला में डिजिटल बढ़ावा को लेकर के कैशलेस खरीदारी की भी व्यवस्था दी गई है. बच्चों के लिए सरस मेला में खेलने कूदने के साथ पालना घर एवं फन जोन लगाया गया है.
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