पटना : पटना में हर साल सरस मेला का आयोजन किया जाता है. इसी कड़ी में संस्कृति, परंपरा, व्यंजन और लोककला का समागम बिहार सरस मेला का उद्घाटन आज होगा. सरस मेला का आयोजन 15 से 29 दिसंबर तक होगा. ग्रामीण विकास विभाग के तत्वाधान में सरस मेला का आयोजन किया जा रहा है. राष्ट्रीय स्तर के बहुउद्देशीय मेला में देश के कोने-कोने से महिला शिल्पकार एवं स्वरोजगारियों द्वारा देशी अंदाज में निर्मित उत्पादों एवं व्यंजनों की खरीद बिक्री किया जाएगा. सरस मेला के आयोजन का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण शिल्प एवं हुनर को प्रोत्साहन के लिए किया जाता है.
पटना गांधी मैदान में सरस मेला : गांधी मैदान में लगने वाले सरस मेले में बिहार समेत कुल 17 राज्यों के स्वयं सहायता समूह से जुड़े उद्यमी एवं शिल्पकार अपने-अपने प्रदेश के शिल्प, परंपरा, लोककला एवं व्यंजन को अपने गांव प्रदेश के अंदाज में प्रस्तुत करेंगे. बिहार के सभी 38 जिलों से कुल 180 स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी जीविका दीदियां सूक्ष्म उद्यमी के तौर पर काउटर लगाएंगी. इसके अलावा छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, झारखण्ड, केरला, लद्दाख, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, मध्य प्रदेश, जम्मू काश्मीर, कर्नाटक, असम, दिल्ली, पश्चिम बंगाल एवं मणिपुर से स्वयं सहायता समूह की महिला उद्यमी एवं स्वरोजगारी अपने उत्पाद, व्यंजन एवं शिल्प को लेकर शिरकत करेंगी.
15 से 29 दिसंबर तक आयोजन : इस मेला में 15 से 29 दिसंबर तक 500 से अधिक स्टॉल पर शिल्प, हुनर एवं लोककला का प्रदर्शन सह खरीद बिक्री किया जाएगा. इसके अलावें समाज सुधार अभियान पर आधारित प्रतिदिन नुक्कड़ नाटक समेत कई जन जागरूकता अभियान चलाया जाएगा. सरस मेला में आने वाले लोगों के मनोरंजन के लिए प्रतिदिन संध्या काल में लोकगीत, लोकनृत्य, गजल , का आयोजन किया जाएगा.
सुबह 10 बजे से रात 8 बजे तक सरस मेला : आयोजन में नामचीन कलाकारों द्वारा प्रतिदिन प्रस्तुति दिया जाएगा. सरस मेला प्रतिदिन सुबह 10:00 बजे से लेकर रात्रि 8:00 बजे तक निशुल्क प्रवेश के साथ खुला रहेगा. सरस मेला में खादी, सिल्क एवं सूती कपड़े एवं परिधान, टेरोकोटा, लकड़ी एवम पत्थर से बने आकर्षक शिल्प, चूड़ियां, कंगन, मोती एवं अन्य वस्तुओं से बने कृत्रिम आभूषण का काउंटर आकर्षण का केंद्र रहेगा साथ ही बच्चों के लिए पालनाघर एवं फन जोन लगाया गया है.
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