पटना: राज्य में 1507 भवनहीन विद्यालयों का संविलियन हुआ है, जबकि 266 विद्यालय के संविलियन पर आपत्ति है. टीईटी शिक्षक संघ द्वारा लोक शिकायत निवारण, शिक्षा विभाग में दायर परिवाद पर यह जानकारी दी गई है. इस बारे में और जानकारी देते हुए टीईटी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अमित विक्रम ने बताया कि टीईटी शिक्षक संघ ने लोक शिकायत निवारण, शिक्षा विभाग में परिवाद दायर किया था कि पूरे बिहार में प्रारंभिक विद्यालयों को भूमिहीन या भवनहीन बता कर क्यों बंद कर दिया जा रहा है.
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1507 भवनहीन विद्यालयों का हुआ संविलियन: टीईटी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अमित विक्रम ने कहा कि शिक्षा के अधिकार कानून के तहत सभी टोले या बसावट के एक किलोमीटर के दायरे में प्राथमिक विद्यालय होने का प्रावधान है. इसकी अनदेखी करना और भूमि की उपलब्धता की कमी बताकर इसे बंद कर देना शिक्षा के अधिकार कानून का उल्लंघन है. अमित विक्रम ने शिक्षा विभाग से मांग की थी कि पूरे बिहार में ऐसे विद्यालयों की सूची तैयार कर अधिग्रहण नीति बनाकर जमीन खरीदी जाए.
"यदि दान स्वरूप भूमि नहीं मिल पा रही तो भूमि के बदले पैसे मुआवजा स्वरूप देकर विद्यालय के लिए भूमि अधिग्रहण किया जाए. जिसके परिणाम स्वरूप शिक्षा विभाग के द्वारा 1773 भूमिहीन एवं भवनहीन विद्यालय को मूलभूत सुविधा युक्त एवं भवन युक्त विद्यालय में संविलियन किए जाने का आदेश दिया गया था. जिसमे से 1507 विद्यालयों का संविलियन हो चुका है जबकि 266 विद्यालय के संविलियन पर आपत्ति प्राप्त हुई है."- अमित विक्रम, प्रदेश अध्यक्ष, टीईटी शिक्षक संघ
लोक शिकायत निवारण में प्रथम अपील दायर: वहीं दूसरी ओर एक आरटीआई के जवाब में बिहार शिक्षा परियोजना परिषद बताया था कि 5418 विद्यालय भवनहीन हैं. जब बिहार लोक शिकायत में समस्या दर्ज कराई तो वहां सिर्फ 1773 विद्यालय के संविलियन की बात की गई. बाकी 3645 विद्यालय बचे हैं उसके बारे में अब तक विभाग में कोई ब्योरा क्यों नहीं दिया? उपरोक्त परिवाद में आपत्ति दर्ज कराते हुए अमित विक्रम ने लोक शिकायत निवारण में प्रथम अपील दायर की है.
10 अप्रैल को मामले की सुनवाई: मामले की सुनवाई 10 अप्रैल 2023 को होने वाली है. उन्होंने मांग की है कि शिक्षा के अधिकार कानून के तहत खोले गए सभी विद्यालयों के लिए भवन निर्माण सुनिश्चित किया जाए. जिन 1507 भवनहीन विद्यालयों का संविलयन किया गया है उन्हें पुनर्जीवित भी कर उनके लिए भी भवन निर्माण करवाया जाए.