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'जातीय जनगणना में रोहिंग्या और बांग्लादेशी का नाम न जुड़ जाए', BJP ने जाहिर की आशंका

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल (BJP State President Sanjay Jaiswal) ने अपनी आशंकाएं जताते हुए कहा कि हमें ये गंभीरता से ध्यान रखना होगा कि जातीय जनगणना में रोहिंग्या और बांग्लादेशी (Rohingya and Bangladeshi) का नाम नहीं जुड़ जाए और बाद में वह इसी के आधार पर नागरिकता को आधार नहीं बनाए.

जातीय जनगणना में रोहिंग्या और बांग्लादेशी
जातीय जनगणना में रोहिंग्या और बांग्लादेशी
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Published : Jun 2, 2022, 7:28 AM IST

Updated : Jun 2, 2022, 10:59 AM IST

पटना: बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में बिहार में जातीय जनगणना (Cast Census in Bihar) पर सर्वदलीय बैठक आयोजित की गई. जहां ये तय हुआ कि जातीय जनगणना के लिए कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जाएगा. इस बीच बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल (BJP State President Sanjay Jaiswal) ने फेसबुक के जरिए बैठक में उठे विषयों के बारे में जानकारी दी. उन्होंने लिखा कि इस बात की सहमति व्यक्त की गई कि जातीय एवं जाति में भी उपजातीय आधारित सभी धर्मों की गणना या सर्वेक्षण होगा. हम केंद्र के बाबा साहब अंबेडकर के संविधान प्रदत सातवें शेड्यूल के अधिकारों में किसी तरह की छेड़खानी नहीं करेंगे. नेता प्रतिपक्ष ने भी कहा कि यह सर्वे या गणना ओबीसी कमीशन या अन्य तरह से होनी चाहिए.

ये भी पढ़ें: सर्वदलीय बैठक के बाद नीतीश कुमार का ऐलान- बिहार में होगी जातीय जनगणना

डॉ. संजय जायसवाल ने लिखा कि भारत सरकार अपने जनगणना के आधार पर गरीबों के लिए योजनाएं बनाती हैं. अभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 60 से ज्यादा योजनाएं गरीब कल्याण के लिए ही हैं. हम कभी उसमें जाति आधारित विभेद नहीं करते. बैठक में जातिगत जनगणना से जुड़ी आशंकाओं पर हुई चर्चा के बारे में बताते हुए उन्होंने लिखा कि मैंने अपनी बातों को रखते हुए मुख्यमंत्री के सामने तीन आशंकाएं प्रकट की, जिनका निदान गणना करने वाले कर्मचारियों को स्पष्ट रूप से बताना होगा.

जातीय जनगणना पर क्या हैं बीजेपी की आशंकाएं?

  • जातीय एवं उप-जातीय गणना के कारण कोई रोहिंग्या और बांग्लादेशी का नाम नहीं जुड़ जाए और बाद में वह इसी के आधार पर नागरिकता को आधार नहीं बनाए.
  • सीमांचल में मुस्लिम समाज में यह बहुतायत देखा जाता है कि अगड़े शेख समाज के लोग शेखोरा अथवा कुलहरिया बन कर पिछड़ों की हकमारी करने का काम करते हैं. यह भी गणना करने वालों को देखना होगा कि मुस्लिम में जो अगड़े हैं वह इस गणना की आड़ में पिछड़े अथवा अति-पिछड़े नहीं बन जाएं. बीजेपी नेता ने कहा कि ऐसे हजारों उदाहरण सीमांचल में मौजूद हैं जिनके कारण बिहार के सभी पिछड़ों की हकमारी होती है.
  • भारत में सरकारी तौर पर 3747 जातियां है और केंद्र सरकार ने स्वयं सुप्रीम कोर्ट के हलफनामे में बताया कि उनके 2011 के सर्वे में 4.30 लाख जातियों का विवरण जनता ने दिया है. यह बिहार में भी नहीं हो इसके लिए सभी सावधानियां बरतने की आवश्यकता है.

बिहार में होगी जातीय जनगणना: इससे पहले सर्वदलीय बैठक में शामिल होने के लिए सभी दलों के नेता पहुंचे थे. सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) , उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी, ऊर्जा मंत्री विजेंद्र यादव बैठक में शामिल हुए. इसके अलावा नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (RJD Leader Tejashwi Yadav) के साथ-साथ विपक्षी दलों के नेता भी शामिल हुए. बैठक से पहले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने महागठबंधन के नेताओं के साथ बैठक की. बैठक की सबसे प्रमुख बात रही कि बैठक में पहली बार एआईएमआईएम के सदस्य भी पहुंचे.

बैठक में शामिल हुए 9 दल के नेता: सीएम नीतीश कुमार और संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी के साथ ही 9 दलों के नेता इस महत्वपूर्ण बैठक में शामिल हुए थे. मंत्री विजेंद्र यादव, उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा, वाम दल के अजय कुमार और महबूब आलम बैठक में शामिल हुए. इसके साथ ही पूर्व सीएम जीतन राम मांझी भी बैठक में मौजूद थे. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के अलावा और भी कई नेता व विधायक इस बैठक का हिस्सा बने.

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पटना: बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में बिहार में जातीय जनगणना (Cast Census in Bihar) पर सर्वदलीय बैठक आयोजित की गई. जहां ये तय हुआ कि जातीय जनगणना के लिए कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जाएगा. इस बीच बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल (BJP State President Sanjay Jaiswal) ने फेसबुक के जरिए बैठक में उठे विषयों के बारे में जानकारी दी. उन्होंने लिखा कि इस बात की सहमति व्यक्त की गई कि जातीय एवं जाति में भी उपजातीय आधारित सभी धर्मों की गणना या सर्वेक्षण होगा. हम केंद्र के बाबा साहब अंबेडकर के संविधान प्रदत सातवें शेड्यूल के अधिकारों में किसी तरह की छेड़खानी नहीं करेंगे. नेता प्रतिपक्ष ने भी कहा कि यह सर्वे या गणना ओबीसी कमीशन या अन्य तरह से होनी चाहिए.

ये भी पढ़ें: सर्वदलीय बैठक के बाद नीतीश कुमार का ऐलान- बिहार में होगी जातीय जनगणना

डॉ. संजय जायसवाल ने लिखा कि भारत सरकार अपने जनगणना के आधार पर गरीबों के लिए योजनाएं बनाती हैं. अभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 60 से ज्यादा योजनाएं गरीब कल्याण के लिए ही हैं. हम कभी उसमें जाति आधारित विभेद नहीं करते. बैठक में जातिगत जनगणना से जुड़ी आशंकाओं पर हुई चर्चा के बारे में बताते हुए उन्होंने लिखा कि मैंने अपनी बातों को रखते हुए मुख्यमंत्री के सामने तीन आशंकाएं प्रकट की, जिनका निदान गणना करने वाले कर्मचारियों को स्पष्ट रूप से बताना होगा.

जातीय जनगणना पर क्या हैं बीजेपी की आशंकाएं?

  • जातीय एवं उप-जातीय गणना के कारण कोई रोहिंग्या और बांग्लादेशी का नाम नहीं जुड़ जाए और बाद में वह इसी के आधार पर नागरिकता को आधार नहीं बनाए.
  • सीमांचल में मुस्लिम समाज में यह बहुतायत देखा जाता है कि अगड़े शेख समाज के लोग शेखोरा अथवा कुलहरिया बन कर पिछड़ों की हकमारी करने का काम करते हैं. यह भी गणना करने वालों को देखना होगा कि मुस्लिम में जो अगड़े हैं वह इस गणना की आड़ में पिछड़े अथवा अति-पिछड़े नहीं बन जाएं. बीजेपी नेता ने कहा कि ऐसे हजारों उदाहरण सीमांचल में मौजूद हैं जिनके कारण बिहार के सभी पिछड़ों की हकमारी होती है.
  • भारत में सरकारी तौर पर 3747 जातियां है और केंद्र सरकार ने स्वयं सुप्रीम कोर्ट के हलफनामे में बताया कि उनके 2011 के सर्वे में 4.30 लाख जातियों का विवरण जनता ने दिया है. यह बिहार में भी नहीं हो इसके लिए सभी सावधानियां बरतने की आवश्यकता है.

बिहार में होगी जातीय जनगणना: इससे पहले सर्वदलीय बैठक में शामिल होने के लिए सभी दलों के नेता पहुंचे थे. सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) , उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी, ऊर्जा मंत्री विजेंद्र यादव बैठक में शामिल हुए. इसके अलावा नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (RJD Leader Tejashwi Yadav) के साथ-साथ विपक्षी दलों के नेता भी शामिल हुए. बैठक से पहले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने महागठबंधन के नेताओं के साथ बैठक की. बैठक की सबसे प्रमुख बात रही कि बैठक में पहली बार एआईएमआईएम के सदस्य भी पहुंचे.

बैठक में शामिल हुए 9 दल के नेता: सीएम नीतीश कुमार और संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी के साथ ही 9 दलों के नेता इस महत्वपूर्ण बैठक में शामिल हुए थे. मंत्री विजेंद्र यादव, उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा, वाम दल के अजय कुमार और महबूब आलम बैठक में शामिल हुए. इसके साथ ही पूर्व सीएम जीतन राम मांझी भी बैठक में मौजूद थे. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के अलावा और भी कई नेता व विधायक इस बैठक का हिस्सा बने.

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Last Updated : Jun 2, 2022, 10:59 AM IST
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