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बोले संजय जायसवाल- पहले जैसे ही चलेगी मछुआरा सहयोग समिति, मछुआरों के खिलाफ था मुकेश सहनी का फैसला - बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल

मछुआरा सहयोग समिति को लेकर तत्कालीन मंत्री मुकेश सहनी के निर्णय को बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने गलत बताया और उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद (Deputy CM Tarkishore Prasad) से मिलकर आदेश को बदलने की मांग की है. उन्होंने मुकेश सहनी पर तंज कसते हुए कहा कि निषाद समाज के लोग अब समझ गए हैं कि निषाद को आगे बढ़ाने के नाम पर राजनीति करने वालों ने उनके साथ क्या-क्या किया है.

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Published : Apr 5, 2022, 4:08 PM IST

पटनाः वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी (VIP Chief Mukesh Sahani) को लेकर बीजेपी का तेवर अभी भी कम नहीं हुए हैं. अब बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल (Sanjay Jaiswal on Fishermen Cooperation Committee) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि बिहार में मछुआरा सहयोग समिति को लेकर जो निर्णय मुकेश सहनी ने मंत्री रहते 15 मार्च को लिया था, उससे परम्परागत मछुआरों को काफी परेशानी होगी. इसे जल्द बदला जाएगा और पहले जो नियम था, उसी के अनुसार प्रदेश में मछुआरा सहयोग समिति चलेगी.

ये बी पढ़ें - मुकेश सहनी नहीं रहे पशुपालन मंत्री.. जानें किस तरह से हुई बर्खास्तगी की कार्रवाई

'मछुआरा सहयोग समिति में मछुआरा समाज के ही लोग होते थे, लेकिन मुकेश सहनी ने उस सहयोग समिति में सभी जिलों में सरकारी अधिकारी को रहने की बात कही थी. इसको लेकर हमने आज उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद को एक पत्र लिखा है और मांग किया है कि मछुआरों के सहयोग समिति को पहले जैसा बनाया जाय. जिसमे कोई सरकारी दखलअंदाजी नहीं हो. उपमुख्यमंत्री ने इस बात को माना है और हमें उम्मीद है कि मछुआरा सहयोग समिति जो हर जिलों में होती है, जल्द पहले जैसे होगी और कहीं से भी परंपरागत मछुआरे के कार्य में कोई सरकारी दखल नहीं होगा'- संजय जायसवाल, प्रदेश अध्यक्ष, बीजेपी


ये भी पढ़ें: बिहार में VIP अध्यक्ष मुकेश सहनी को बड़ा झटका, तीनों विधायक BJP में हुए शामिल

संजय जायसवाल ने साफ-साफ कहा कि मंत्री रहते हुए मुकेश सहनी ने मछुआरा सहयोग समिति को लेकर जो निर्णय लिया था. बिल्कुल गलत था और शुरू से ही भारतीय जनता पार्टी इसका विरोध करती रही है. अभी उपमुख्यमंत्री के पास ही पशुपालन विभाग का प्रभार है, हम चाहेंगे कि पहले का जो नियम था, उसी के अनुसार प्रदेश में मछुआरा सहयोग समिति चले. जिससे कि परंपरागत मछुआरों को कोई दिक्कत नहीं हो.

ये भी पढ़ेंः मुकेश सहनी ने ट्विटर पर खुद को बताया पूर्व मंत्री, कहा- 'लड़ाई के लिए समर्पित हूं'

दरअसल, मंत्री रहते वीआईपी प्रमुख मुकेश साहनी ने मत्स्यजीवी सहयोग समिति को मजबूत करने के लिए हर प्रखंड में कार्यालय खोलने की योजना बनाई थी. साथ ही उसके देखभाल के लिए सरकारी पदाधिकारी बहाल करना था. इन सारे विषय पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने तत्कालीन सहकारिता मंत्री पर आरोप लगाया है कि ये गलत फैसला था. पार्टी और मंत्री पद से बाहर किए जाने के बाद अब बीजेपी उनके इस निर्णय में सुधार की मांग कर रही है.

बता दें कि यूपी चुनाव में बगावत, मुजफ्फरपुर की बोचहां सीट पर उपचुनाव और 24 सीटों पर एमएलसी चुनाव में वीआई उम्मीदवार उतारने की वजह से एनडीए और बिहार मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखाया जा चुका है. मुकेश सहनी को हटाने के बाद पशुपालन एवं मत्स्य विभाग का प्रभार डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद को सौंप दिया गया है.


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पटनाः वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी (VIP Chief Mukesh Sahani) को लेकर बीजेपी का तेवर अभी भी कम नहीं हुए हैं. अब बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल (Sanjay Jaiswal on Fishermen Cooperation Committee) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि बिहार में मछुआरा सहयोग समिति को लेकर जो निर्णय मुकेश सहनी ने मंत्री रहते 15 मार्च को लिया था, उससे परम्परागत मछुआरों को काफी परेशानी होगी. इसे जल्द बदला जाएगा और पहले जो नियम था, उसी के अनुसार प्रदेश में मछुआरा सहयोग समिति चलेगी.

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'मछुआरा सहयोग समिति में मछुआरा समाज के ही लोग होते थे, लेकिन मुकेश सहनी ने उस सहयोग समिति में सभी जिलों में सरकारी अधिकारी को रहने की बात कही थी. इसको लेकर हमने आज उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद को एक पत्र लिखा है और मांग किया है कि मछुआरों के सहयोग समिति को पहले जैसा बनाया जाय. जिसमे कोई सरकारी दखलअंदाजी नहीं हो. उपमुख्यमंत्री ने इस बात को माना है और हमें उम्मीद है कि मछुआरा सहयोग समिति जो हर जिलों में होती है, जल्द पहले जैसे होगी और कहीं से भी परंपरागत मछुआरे के कार्य में कोई सरकारी दखल नहीं होगा'- संजय जायसवाल, प्रदेश अध्यक्ष, बीजेपी


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संजय जायसवाल ने साफ-साफ कहा कि मंत्री रहते हुए मुकेश सहनी ने मछुआरा सहयोग समिति को लेकर जो निर्णय लिया था. बिल्कुल गलत था और शुरू से ही भारतीय जनता पार्टी इसका विरोध करती रही है. अभी उपमुख्यमंत्री के पास ही पशुपालन विभाग का प्रभार है, हम चाहेंगे कि पहले का जो नियम था, उसी के अनुसार प्रदेश में मछुआरा सहयोग समिति चले. जिससे कि परंपरागत मछुआरों को कोई दिक्कत नहीं हो.

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दरअसल, मंत्री रहते वीआईपी प्रमुख मुकेश साहनी ने मत्स्यजीवी सहयोग समिति को मजबूत करने के लिए हर प्रखंड में कार्यालय खोलने की योजना बनाई थी. साथ ही उसके देखभाल के लिए सरकारी पदाधिकारी बहाल करना था. इन सारे विषय पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने तत्कालीन सहकारिता मंत्री पर आरोप लगाया है कि ये गलत फैसला था. पार्टी और मंत्री पद से बाहर किए जाने के बाद अब बीजेपी उनके इस निर्णय में सुधार की मांग कर रही है.

बता दें कि यूपी चुनाव में बगावत, मुजफ्फरपुर की बोचहां सीट पर उपचुनाव और 24 सीटों पर एमएलसी चुनाव में वीआई उम्मीदवार उतारने की वजह से एनडीए और बिहार मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखाया जा चुका है. मुकेश सहनी को हटाने के बाद पशुपालन एवं मत्स्य विभाग का प्रभार डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद को सौंप दिया गया है.


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