पटना : बिहार में जातीय जनगणना का मसाला सियासी हथकंडा बनता जा रहा है. महागठबंधन नेता इस मुद्दे पर लगातार भाजपा को घेरने की कोशिश कर रहे है. वहीं बीजेपी ने भी महागठबंधन से निपटने की तैयारी कर ली है और पार्टी नेता आक्रामक अंदाज में जवाब दे रहे हैं. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि महागठबंधन नेता बिहार में जातीय उन्माद फैलाना चाहते हैं. इनलोगों को जनता पहचान गई है.
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24 घंटे में रिपोर्ट प्रकाशित करने की सरकार को चुनौती : सम्राट चौधरी ने कहा कि आज यदि जातीय सर्वेक्षण बिहार में हो रहा है तो इसे रोका किसने. हिम्मत है नीतीश बाबू तो इसकी रिपोर्ट 24 घंटे में रिलीज करो. किसने रोका है. यह लोग कुछ नहीं सिर्फ राजनीति करते हैं और जातियों में हमलोगों को बांटना चाहते हैं. येलोग इंतजार करते हैं कि नई-नई घटना घटे और दूसरे को फंसाएं. भाई सभी अपनी संख्या जानना चाहते हैं, आप रिपोर्ट प्रकाशित कीजिए, किसने रोका है.
"जातीय जनगणना कराने से किसने रोका. न सिर्फ न्यायालय ने रोका, न भाजपा ने रोका. हमलोग तो सरकार में 29 मंत्री में 16 मंत्री ने कैबिनेट में इसे पास कराया. येलोग रोज सिर्फ जातीय उन्माद फैलाना चाहते हैं. जिस तरह से लालू यादव ने 2015 में अगड़ी पिछड़े कर गए वही वह दोबारा दोहराना चाहते हैं".- सम्राट चौधरी, प्रदेश अध्यक्ष, बीजेपी
'लालू यादव बैकवर्ड-फाॅरवर्ड की राजनीति में लगे हैं': बीजेपी प्रदेश ने कहा है कि महागठबंधन नेताओं को जातीय जनगणना से मतलब नहीं है. वह इसका चुनावी लाभ लेना चाहते हैं. लोग लालू जी को भी पहचान रहा है, कि बैकवर्ड के नाम पर सिर्फ अपने और अपने परिवार को आगे बढ़ाने की राजनीति कर रहे हैं. लालू यादव तो अब मुखिया भी नहीं बन सकते और नीतीश कुमार फैक्टर नहीं रह गए हैं. बिहार सरकार से तो मैं बार-बार आग्रह कर रहा हूं कि रिपोर्ट प्रकाशित करके दिखाए.