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जातीय जनगणना पर सम्राट चौधरी का बड़ा बयान, 'राज्य सरकार स्वतंत्र, चाहे तो करा ले'

देश में जाति के आधार पर जनगणना कराने की मांग पर बिहार सरकार के पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि इसे कराने को लेकर राज्य सरकार स्वतंत्र है.

सम्राट चौधरी
सम्राट चौधरी
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Published : Sep 26, 2021, 8:13 PM IST

पटनाः जातिगत जनगणना (Caste Census) पर छिड़े सियासी घमासान के बीच बिहार सरकार में भाजपा (BJP) कोटे से मंत्री सम्राट चौधरी (Samrat Chaudhary) ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर इसे कराने में केन्द्र सरकार को कठिनाई हो रही है. लेकिन राज्य सरकार इसे लेकर स्वतंत्र है.

इसे भी पढ़ें- RJD का दावा- 'जातीय जनगणना पर फंस गई BJP, NDA के सहयोगी भी हमारे साथ'

सम्राट चौधरी ने कहा कि देश में जातीय जनगणना कराने को लेकर प्रधानमंत्री को तय करना है और वही तय करेंगे. क्योंकि सभी लोग चाहते हैं कि जाति के आधार पर जनगणना हो. पंचायती राज मंत्री ने कहा कि पिछली बार जब जनगणना हुआ था तो स्थिति कुछ और थी.

देखें वीडियो

"पिछली बार हुए जनगणना में 4 लाख 28 हजार उपजातियों के नाम आए थे. एक कॉलम में इन जातियों की गणना संभव नहीं है. इसीलिए राज्य सरकारों को इसके लिए स्वतंत्र किया गया है. जो भी सरकारें है वो इसपर काम करे. राज्यों में 200 से लेकर 300 तक जातियां है."- सम्राट चौधरी, पंचायती राज मंत्री

इसे भी पढ़ें- जातीय जनगणना: केंद्र के इंकार पर दिल्ली में बोले नीतीश, 'बिहार जाकर लूंगा आगे का निर्णय'

बता दें कि बिहार के 10 दलों के 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने बीते दिनों पीएम मोदी से जाति के आधार पर जनगणना कराने की मांग का एक प्रस्ताव सौंपा था. इसके बाद इस प्रस्ताव को केन्द्र सरकार ने नामंजूर कर दिया. इसके बाद बिहार में राज्य सरकार के खर्चे पर जातिगत जनगणना कराने की मांग उठ रही है.

पटनाः जातिगत जनगणना (Caste Census) पर छिड़े सियासी घमासान के बीच बिहार सरकार में भाजपा (BJP) कोटे से मंत्री सम्राट चौधरी (Samrat Chaudhary) ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर इसे कराने में केन्द्र सरकार को कठिनाई हो रही है. लेकिन राज्य सरकार इसे लेकर स्वतंत्र है.

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सम्राट चौधरी ने कहा कि देश में जातीय जनगणना कराने को लेकर प्रधानमंत्री को तय करना है और वही तय करेंगे. क्योंकि सभी लोग चाहते हैं कि जाति के आधार पर जनगणना हो. पंचायती राज मंत्री ने कहा कि पिछली बार जब जनगणना हुआ था तो स्थिति कुछ और थी.

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"पिछली बार हुए जनगणना में 4 लाख 28 हजार उपजातियों के नाम आए थे. एक कॉलम में इन जातियों की गणना संभव नहीं है. इसीलिए राज्य सरकारों को इसके लिए स्वतंत्र किया गया है. जो भी सरकारें है वो इसपर काम करे. राज्यों में 200 से लेकर 300 तक जातियां है."- सम्राट चौधरी, पंचायती राज मंत्री

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बता दें कि बिहार के 10 दलों के 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने बीते दिनों पीएम मोदी से जाति के आधार पर जनगणना कराने की मांग का एक प्रस्ताव सौंपा था. इसके बाद इस प्रस्ताव को केन्द्र सरकार ने नामंजूर कर दिया. इसके बाद बिहार में राज्य सरकार के खर्चे पर जातिगत जनगणना कराने की मांग उठ रही है.

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