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अब निषाद वोट बैंक पर JDU की नजर, आयोजित की गई सहनी गोलमेज सम्मेलन - 24 sub-castes to be considered as one caste

बिहार में सहनी वोट बैंक को साधने के लिए जदयू ने पटना में सहनी गोलमेज सम्मेलन का आयोजन किया. इस दौरान 24 उप जातियों को टाइटिल में निषाद जाति लिखे जाने का फैसला लिया गया.

गोलमेज सम्मेलन
गोलमेज सम्मेलन
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Published : Sep 5, 2021, 10:30 PM IST

पटना: बिहार में जातीय जनगणना (Caste Census) की मांग को लेकर राजनीतिक सरगर्मी बढ़ी हुई है. विपक्षी दल जातिगत जनगणना कराने की मांग को लेकर अड़े हैं. वहीं, जदयू ने सहनी वोट बैंक (Sahni Vote Bank) को साधने के लिए जोर आजमाइश शुरू कर दी है. तमाम उप जातियों को एकजुट करने के लिए जदयू ने रविवार को पटना के अधिवेशन भवन में सहनी गोलमेज सम्मेलन का आयोजन किया गया. इस दौरान समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी भी मौजूद रहे.

ये भी पढ़ें- महिलाओं ने भी माना- समाज के उत्थान के लिए जरूरी है जातीय जनगणना, जरूरतमंदों को होगा लाभ

बिहार में सहनी वोट बैंक को लेकर राजनीतिक दल जोर आजमाइश कर रहे हैं. वीआईपी पार्टी सहनी वोट बैंक पर दावा करती है. वहीं, माना जाता है कि सहनी वोट बैंक का बड़ा हिस्सा भाजपा के पक्ष में हैं. जदयू भी सहनी वोट बैंक पर सेंधमारी के लिए राजधानी पटना के अधिवेशन भवन में सहनी गोलमेज सम्मेलन का आयोजन किया गया. जिसमें पूरे बिहार से नेताओं और कार्यकर्ताओं को आमंत्रित किया गया था. बिहार सरकार के समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की. इस दौरान तमाम दलों के नेताओं ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया.

देखें वीडियो

ये भी पढ़ें- कुर्मी क्षत्रिय महासभा में कुशवाहा की हुंकार, 'जब जाति के आधार पर भेदभाव तो जातीय जनगणना क्यों नहीं?'

वहीं, समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी ने कहा कि सहनी समुदाय के तमाम उप जातियों को एकजुट करने के लिए सम्मेलन बुलाया गया था. सम्मेलन में बिहार के तमाम नेताओं और प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया और इस बात को लेकर सहमति बनी कि सभी 24 उप जातियों को एक जाति माना जाए. सभी अपने नाम में निषाद शब्द का इस्तेमाल करेंगे. इसके अलावा सहनी जाति के लोग अनुसूचित जनजाति श्रेणी में आरक्षण की मांग करते आ रहे हैं. फिलहाल बिहार में अभी सहनी जाति अत्यंत पिछड़ा वर्ग की श्रेणी में है.

पटना: बिहार में जातीय जनगणना (Caste Census) की मांग को लेकर राजनीतिक सरगर्मी बढ़ी हुई है. विपक्षी दल जातिगत जनगणना कराने की मांग को लेकर अड़े हैं. वहीं, जदयू ने सहनी वोट बैंक (Sahni Vote Bank) को साधने के लिए जोर आजमाइश शुरू कर दी है. तमाम उप जातियों को एकजुट करने के लिए जदयू ने रविवार को पटना के अधिवेशन भवन में सहनी गोलमेज सम्मेलन का आयोजन किया गया. इस दौरान समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी भी मौजूद रहे.

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बिहार में सहनी वोट बैंक को लेकर राजनीतिक दल जोर आजमाइश कर रहे हैं. वीआईपी पार्टी सहनी वोट बैंक पर दावा करती है. वहीं, माना जाता है कि सहनी वोट बैंक का बड़ा हिस्सा भाजपा के पक्ष में हैं. जदयू भी सहनी वोट बैंक पर सेंधमारी के लिए राजधानी पटना के अधिवेशन भवन में सहनी गोलमेज सम्मेलन का आयोजन किया गया. जिसमें पूरे बिहार से नेताओं और कार्यकर्ताओं को आमंत्रित किया गया था. बिहार सरकार के समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की. इस दौरान तमाम दलों के नेताओं ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया.

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वहीं, समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी ने कहा कि सहनी समुदाय के तमाम उप जातियों को एकजुट करने के लिए सम्मेलन बुलाया गया था. सम्मेलन में बिहार के तमाम नेताओं और प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया और इस बात को लेकर सहमति बनी कि सभी 24 उप जातियों को एक जाति माना जाए. सभी अपने नाम में निषाद शब्द का इस्तेमाल करेंगे. इसके अलावा सहनी जाति के लोग अनुसूचित जनजाति श्रेणी में आरक्षण की मांग करते आ रहे हैं. फिलहाल बिहार में अभी सहनी जाति अत्यंत पिछड़ा वर्ग की श्रेणी में है.

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