पटना: बिहार सरकार ने कोरोना महामारी से निपटने के लिए एक अहम फैसला लिया है. सरकार अब ग्रामीण स्तर के स्वास्थ्य कर्मियों की सेवा लेगी. कोरोना संक्रमण से निपटने और कार्य बल में इजाफा करने के उद्देश्य से सरकार ने यह फैसला लिया है. इन कर्मियों को सरकार उचित मानदेय भी देगी.
ये भी पढ़ें- कोविड-19 वैक्सीनेशन को लेकर तैयारियां तेज, निजी स्वास्थ्य कर्मियों को दिया जा रहा प्रशिक्षण
इस मामले को लेकर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में संभावित कोरोना मरीजों की पहचान और होम आइसोलेशन में इलाजरत मरीजों के सहयोग के लिए ये निर्णय लिया गया है. इसके लिए सीएम नीतीश कुमार की ओर से निर्देश जारी किया गया है. इस कार्य के लिए इन स्वास्थ्य कर्मियों को सूचक सह ट्रीटमेंट सपोर्टर कहा जाएगा. स्वास्थ्य विभाग की ओर से इससे संबंधित आदेश जारी कर दिया गया है. इन स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को सेवा के बदले संपूर्ण कार्य को संपन्न किए जाने पर प्रति मरीज 200 रुपये भुगतान किया जाएगा. राशि का भुगतान डीबीटी के माध्यम से आधार से लिंक सीधे बैंक खाता में किया जाएगा.
15 हजार ग्रामीण स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को किया गया है प्रशिक्षित
इसके साथ ही मंगल पांडेय ने कहा कि राज्य में राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) से पास लगभग 15 हजार ग्रामीण स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को पूर्व में ही प्रशिक्षित किया जा चुका है. वहीं, नए ग्रामीण स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को जिला स्तर पर वर्चुअल माध्यम से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के अनुसार कोरोना से संबंधित कई पहलूओं पर प्रशिक्षण दिया जाएगा. इन ट्रेंड ग्रामीण स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की सेवा लेने से ग्रामीण क्षेत्रों में भी कोरोना मरीजों की ट्रैकिंग, ट्रेसिंग और जांच में स्वास्थ्य विभाग को सहायता मिलेगा. साथ ही साथ पाॅजिटिव मरीजों को भी तत्काल स्वास्थ्य सुविधाओं का पूरा लाभ मिल सकेगा.
'जिला नियंत्रण कक्ष के साथ समन्वय करना'
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि ग्रामीण स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का मुख्य कार्य ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना से संबंधित मरीज की पहचान करना, उनकी जांच करवाने के लिए पीएचसी ले जाना और जांच के बाद पॉजिटिव पाए जाने पर मरीजों को होम आइसोलेशन कर जिला नियंत्रण कक्ष के साथ समन्वय करना है. वहीं, गंभीर मरीजों को तुरंत डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर और डेडिकेटेड कोविड अस्पताल में भर्ती करवाने के लिए सूचना देना है.
13 सौ ‘बी’ टाइप ऑक्सीजन सिलेंडर पटना पहुंचा
दूसरी ओर भारत सरकार की ओर से 13 सौ ‘बी’ टाइप ऑक्सीजन सिलेंडर पटना पहुंच गया है. इन ऑक्सीजन सिलेंडर को अलग-अलग जिला अस्पतालों में भेजा जा रहा है. ताकि अस्पतालों में ऑक्सीजन की उपलब्धता बनी रहे और कोरोना मरीजों का बेहतर इलाज हो पाएगा.