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Rupesh Murder Case: पहली गिरफ्तारी के 50 दिन बाद पुलिस को एक और बड़ी कामयाबी

हाई प्रोफाइल रूपेश हत्याकांड मामले में बिहार की पटना पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है. पहले आरोपी की गिरफ्तारी के 50 दिनों बाद पुलिस को यह कामयाबी मिली है.

patna
एयरपोर्ट पर इंडिगो स्टेशन मैनेजर रूपेश सिंह
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Published : Mar 25, 2021, 7:35 AM IST

पटना: एयरपोर्ट पर इंडिगो स्टेशन मैनेजर रूपेश सिंह की हत्या के मामले में पटना पुलिस को एक और बड़ी कामयाबी मिली है. इस मामले में पुलिस ने एक और आरोपी को गिरफ्तार किया है. इस बारे में जानकारी खुद पटना के एसएसपी उपेन्द्र शर्मा ने प्रेस कांफ्रेंस के जरिए दी है. एसएसपी ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि मुख्य साजिशकर्ता ऋतुराज को दो फरवरी को गिरफ्तार किया गया था. जिसकी गिरफ्तारी के महज 50 दिन के बाद ही दूसरे आरोपी को पकड़ने में कामयाबी हाथ लगी है.

इसे भी पढ़ें: रोडरेज में हुई थी रूपेश सिंह की हत्या, मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी के बाद SSP का खुलासा

एसएसपी ने बताया कैसे पकड़ा गया दूसरा आरोपी
एसएसपी ने बताया कि ऋतुराज की तरह ही इस अपराधी का भी मोबाइल घटना के दिन बंद रहा और अगले दिन खुला. जिसका लोकेशन कंकड़बाग में था. उन्होंने बताया कि जो मोबाइल 12 जनवरी तक हर दिन चलता ऑन था वो अब हर दो-तीन बाद खुलता है और फिर बंद हो जाता था. एसएसपी ने बताया कि यह अपराधी भी एक अलग रूम लेकर रहता है और एक पैरलर लाइफ ​जीता था जिसके बारे में उसके परिजनों को नहीं पता है. उन्होंने बताया कि जिस पल्सर मोटरसाइकिल को हम पहले बरामद नहीं कर सके थे उसे भी बरामद कर लिया गया है. गिरफ्तार अपराधी के बारे में उन्होंने बताया कि इसपर पहले से दो अपराधिक मामले दर्ज हैं.

Rupesh Murder Case: पहली गिरफ्तारी के 50 दिन बाद पुलिस को एक और बड़ी कामयाबी

काफी टफ था इस केस को क्रेक करना - एसएसपी
एसएसपी ने बताया कि यह अपराधी भी व्हाट्सएप कॉल से ही बात करता था. ऋतुराज की गिरफ्तारी के बाद यह लगातार अपने रिश्तेदार के घर भागा फिर रहा था. इसी बीच यह दिल्ली भी गया. कल रात इसकी गिरफ्तारी कुम्हरार गांव से की गई. एसएसपी ने गिरफ्तार आरोपी की पहचान सौरव के रूप में की है. पुलिस को आरोपी सौरभ के पास से एक पिस्टल और 5 कारतूस भी मिला है. मीडिया को जानकारी देते हुए पटना एसएसपी ने बताया कि मामले को क्रेक करने में ऋतुराज ने पूछताछ में काफी सपोर्ट किया था. जिसकी बदौलत दूसरे आरोपी को पकड़ने में सफलता मिली है. उन्होंने कहा कि यह केस सच में बहुत मुश्किल था. हम पुलिस में मानकर चलते हैं कि कोई क्राइम परफेक्ट नहीं होता. उन्होंने कहा कि ये केस भी मुश्किल था. उन्होंने कहा कि इसमें समय लगा क्योंकि ये टफ था. हम नहीं चाहते थे कि किसी निर्दोष को सजा हो.

इसे भी पढ़ें: Rupesh Murder Case: ये आरोप तो हिलाने वाला है! ऋतुराज की पत्नी बोली- '2 रात मुझे थाने में रखा, जबरदस्ती...'

ऋतुराज को लेकर उठे सवालों पर भी बोले
एसएसपी ने ऋतुराज के बारे में बोलते हुए कहा कि हमने आपको पहले बताया था कि उस इंसान ने पहले कभी गोली नहीं चलाई थी. लेकिन अनुसंधान में जानकारी मिलती है उसका नाम रक्सौल में एक मामले में वो जेल गया था. घटना की तिथि से 22 दिन बाद ऋतुराज की गिरफ्तारी हो सकी. उससे ज्यादा समय इस दूसरे आरोपी को पकड़ने में समय लगा. एसएसपी ने केस को लेकर मीडिया में उठे सवालों को लेकर भी बोला. उन्होंने कहा कि मोटिव और आरोपी को लेकर कई सवाल उठे थे. सीएम के संग हुई बैठक को लेकर उन्होंने कहा कि हमारी ओर से उनके परिजवनों को यह पूरी छूट थी कि अगर पुलिसिया कार्रवाई पर उन्हें कोई शक था तो मामला सीबीआई को दिया जा सकता था.

क्या है रूपेश हत्याकांड मामला?
दरअसल, 12 जनवरी को पटना एयरपोर्ट से घर आने के दौरान अपराधियों ने घर के पास ही रूपेश सिंह को निशाना बनाया था. बाइक सवार ऋतुराज समेत अन्य अपराधियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग की थी. जिससे उनकी घटना स्थल पर ही मौत हो गई थी. पुलिस ने अपने बयान में कहा है कि पोस्टमार्टम के दौरान रूपेश सिंह की बॉडी से 6 गोलियां निकाली गईं थीं. इस मामले की जांच को लेकर भी कई सवाल उठे थे. मामले के कई दिनों तक पुलिस किसी भी आरोपी को नहीं पकड़ सकी थी. लेकिन 22 दिन बाद पुलिस ने पहले आरोपी ऋतुराज को सबके सामने लाकर खड़ा कर दिया. जिसको लेकर भी कई सवाल खड़े हुए थे.

पटना: एयरपोर्ट पर इंडिगो स्टेशन मैनेजर रूपेश सिंह की हत्या के मामले में पटना पुलिस को एक और बड़ी कामयाबी मिली है. इस मामले में पुलिस ने एक और आरोपी को गिरफ्तार किया है. इस बारे में जानकारी खुद पटना के एसएसपी उपेन्द्र शर्मा ने प्रेस कांफ्रेंस के जरिए दी है. एसएसपी ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि मुख्य साजिशकर्ता ऋतुराज को दो फरवरी को गिरफ्तार किया गया था. जिसकी गिरफ्तारी के महज 50 दिन के बाद ही दूसरे आरोपी को पकड़ने में कामयाबी हाथ लगी है.

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एसएसपी ने बताया कैसे पकड़ा गया दूसरा आरोपी
एसएसपी ने बताया कि ऋतुराज की तरह ही इस अपराधी का भी मोबाइल घटना के दिन बंद रहा और अगले दिन खुला. जिसका लोकेशन कंकड़बाग में था. उन्होंने बताया कि जो मोबाइल 12 जनवरी तक हर दिन चलता ऑन था वो अब हर दो-तीन बाद खुलता है और फिर बंद हो जाता था. एसएसपी ने बताया कि यह अपराधी भी एक अलग रूम लेकर रहता है और एक पैरलर लाइफ ​जीता था जिसके बारे में उसके परिजनों को नहीं पता है. उन्होंने बताया कि जिस पल्सर मोटरसाइकिल को हम पहले बरामद नहीं कर सके थे उसे भी बरामद कर लिया गया है. गिरफ्तार अपराधी के बारे में उन्होंने बताया कि इसपर पहले से दो अपराधिक मामले दर्ज हैं.

Rupesh Murder Case: पहली गिरफ्तारी के 50 दिन बाद पुलिस को एक और बड़ी कामयाबी

काफी टफ था इस केस को क्रेक करना - एसएसपी
एसएसपी ने बताया कि यह अपराधी भी व्हाट्सएप कॉल से ही बात करता था. ऋतुराज की गिरफ्तारी के बाद यह लगातार अपने रिश्तेदार के घर भागा फिर रहा था. इसी बीच यह दिल्ली भी गया. कल रात इसकी गिरफ्तारी कुम्हरार गांव से की गई. एसएसपी ने गिरफ्तार आरोपी की पहचान सौरव के रूप में की है. पुलिस को आरोपी सौरभ के पास से एक पिस्टल और 5 कारतूस भी मिला है. मीडिया को जानकारी देते हुए पटना एसएसपी ने बताया कि मामले को क्रेक करने में ऋतुराज ने पूछताछ में काफी सपोर्ट किया था. जिसकी बदौलत दूसरे आरोपी को पकड़ने में सफलता मिली है. उन्होंने कहा कि यह केस सच में बहुत मुश्किल था. हम पुलिस में मानकर चलते हैं कि कोई क्राइम परफेक्ट नहीं होता. उन्होंने कहा कि ये केस भी मुश्किल था. उन्होंने कहा कि इसमें समय लगा क्योंकि ये टफ था. हम नहीं चाहते थे कि किसी निर्दोष को सजा हो.

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ऋतुराज को लेकर उठे सवालों पर भी बोले
एसएसपी ने ऋतुराज के बारे में बोलते हुए कहा कि हमने आपको पहले बताया था कि उस इंसान ने पहले कभी गोली नहीं चलाई थी. लेकिन अनुसंधान में जानकारी मिलती है उसका नाम रक्सौल में एक मामले में वो जेल गया था. घटना की तिथि से 22 दिन बाद ऋतुराज की गिरफ्तारी हो सकी. उससे ज्यादा समय इस दूसरे आरोपी को पकड़ने में समय लगा. एसएसपी ने केस को लेकर मीडिया में उठे सवालों को लेकर भी बोला. उन्होंने कहा कि मोटिव और आरोपी को लेकर कई सवाल उठे थे. सीएम के संग हुई बैठक को लेकर उन्होंने कहा कि हमारी ओर से उनके परिजवनों को यह पूरी छूट थी कि अगर पुलिसिया कार्रवाई पर उन्हें कोई शक था तो मामला सीबीआई को दिया जा सकता था.

क्या है रूपेश हत्याकांड मामला?
दरअसल, 12 जनवरी को पटना एयरपोर्ट से घर आने के दौरान अपराधियों ने घर के पास ही रूपेश सिंह को निशाना बनाया था. बाइक सवार ऋतुराज समेत अन्य अपराधियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग की थी. जिससे उनकी घटना स्थल पर ही मौत हो गई थी. पुलिस ने अपने बयान में कहा है कि पोस्टमार्टम के दौरान रूपेश सिंह की बॉडी से 6 गोलियां निकाली गईं थीं. इस मामले की जांच को लेकर भी कई सवाल उठे थे. मामले के कई दिनों तक पुलिस किसी भी आरोपी को नहीं पकड़ सकी थी. लेकिन 22 दिन बाद पुलिस ने पहले आरोपी ऋतुराज को सबके सामने लाकर खड़ा कर दिया. जिसको लेकर भी कई सवाल खड़े हुए थे.

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