पटना: बिहार के गोपालगंज जिले में बैकुंठपुर के फैजुल्लाहपुर में छपरा-सत्तरघाट मुख्य पथ को जोड़ने वाला पुल का एक हिस्सा ढह गया है. इस हादसे पर प्रदेश के पथ निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव ने कहा कि यह प्राकृतिक आपदा है, इसमें तो सड़कें बह जाती है, पुल टूट जाते हैं.
पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव ने सत्तरघाट पुल को लेकर कहा कि सत्तरघाट पुल से कटाव का कोई लेना देना नहीं है. पुल पूरी तरह सुरक्षित है और जो कटा हुआ है. वह पुल से काफी दूर एप्रोच है. उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष को एप्रोच और पुल का अंतर भी नहीं पता है.
'सत्तरघाट पुल को कोई नुकसान नहीं'
मंत्री नंद किशोर यादव ने आगे कहा कि सत्तरघाट पुल में तीन छोटे ब्रिज हैं. सत्तरघाट ब्रिज से 2 किलोमीटर दूर छोटे ब्रिज का अप्रोच केवल पानी के तेज बहाव से कटा है. पूरे सत्तरघाट पुल को कोई नुकसान नहीं हुआ. पानी जब बढ़ता है तो ऐसी स्थितियां पैदा होती हैं.
'पुल निर्माण में कोई गड़बड़ी नहीं हुई'
पथ निर्माण मंत्री ने कहा है कि पुल निर्माण में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि भारी बारिश की वजह से मिट्टी का कटाव हुआ, जिसकी वजह से पुल ढहा है. उन्होंने कहा कि नुकसान का आकलन किया जा रहा है. विभाग के इंजीनियर इसे ठीक करने में जुटे हुए हैं. इसे दो-तीन दिनों में ठीक कर आवागमन बहाल कर दिया जायेगा.
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वशिष्ठा कंपनी को मिला था पुल निर्माण का जिम्मा
बता दें कि वशिष्ठा कंस्ट्रक्शन कंपनी के द्वारा पुल एवं 9.1 किलोमीटर फैजुल्लाहपुर से चंपारण के लाला छापर के बीच संपर्क पथ का निर्माण साल 2012 में शुरू किया गया था. पुल को बनाने में 8 साल का वक्त लगा था. 16 जून 2020 को इस रामजानकी सेतु का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उद्घाटन किया था. अधिकारियों ने बताया कि यह सड़क मुख्य रूप से पूर्वी चंपारण के केसरिया और बैकुंठपुर को जोड़ता है. पुल, पुलिया और संपर्क पथ के निर्माण में 263.48 करोड़ की राशि खर्च की गई थी.