नई दिल्ली/ पटना: आगामी 5 नवंबर से 15 नवंबर तक कांग्रेस पूरे देश में मोदी सरकार के खिलाफ राष्ट्रव्यापी आंदोलन करेगी. यह आंदोलन बेरोजगारी, कृषि संकट, आर्थिक मंदी, आरसीईपी के मुद्दों को लेकर की जाएगी. इन मुद्दों पर कांग्रेस विपक्षी दलों को भी लामबंद करने की कोशिश की है.
बता दें कि इन मुद्दों को लेकर सोमवार को कांग्रेस ने दिल्ली में विपक्षी दलों की एक बैठक बुलाई थी. जिसमें कई पार्टियों के नेता मौजूद रहे. इस बैठक में पूर्व केंद्रीय मंत्री और रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा भी शामिल हुए. वहीं, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और आम आदमी पार्टी ने इस बैठक से दूरी बनायी रखी.
केंद्र सरकार पर विफल होने के आरोप
बैठक में शामिल होने के बाद उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि कृषि संकट, बेरोजगारी, आर्थिक मंदी जैसे मुद्दों पर सभी विपक्षी दल को एकजुट होकर मोदी सरकार को घेरना चाहिए. उन्होंने कहा कि देश के मौजूदा हालात ठीक नहीं हैं. साथ ही उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि किसी भी क्षेत्र में मोदी सरकार अच्छे से काम नहीं कर पा रही है.
लेफ्ट पार्टियों को महागठबंधन में शामिल होने की अपील
रालोसपा प्रमुख ने कांग्रेस के 10 दिवसीय आंदोलन पर कहा कि कांग्रेस को मेरी पार्टी का समर्थन रहेगा. वहीं, उन्होंने कहा कि मैं तो चाहता हूं कि इन मुद्दे पर बिहार में भी प्रदर्शन हो. इस मौके पर महागठबंधन को एकजुट रहना चाहिए और लेफ्ट पार्टियों को भी महागठबंधन में आ जाना चाहिए.