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RLSP ने मुंह पर काला पट्टी बांध मनाया काला दिवस

उपेंद्र कुशवाहा ने बिहार सरकार से मांग की है कि बिहार से बाहर फंसे मजदूर, जो घर वापसी चाहते हैं, उनको बुलाने की त्वरित कार्रवाई की जाए और जो स्वेच्छा से वहां रुकना चाहें, उनके खाते में ही उतनी रकम डाल दी जाये. जितनी उनको ट्रेन से लाने, क्वॉरनटीन करने आदि पर खर्च हो जाता है.

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Published : May 10, 2020, 5:37 PM IST

नयी दिल्ली/पटना: बिहार सरकार की ओर से क्वॉरेंटाइन सेंटर से खबर संग्रहित करने से मीडिया कर्मियों को प्रतिबंधित करने के लोकतंत्र विरोधी आदेश के खिलाफ रालोसपा ने पूरे बिहार में मुंह पर काला पट्टी बांध कर धरना-सत्याग्रह पर बैठ कर काला दिवस मनाया.

रालोसपा ने मुंह पर काला पट्टी बांध मनाया काला दिवस
पूर्व केंद्रीय मंत्री व रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा भी मुंह पर काली पट्टी बांध कर बिहार में अपने पैतृक निवास स्थान जावज, जंदाहा, वैशाली में सत्याग्रह पर बैठे. कुशवाहा ने कहा कि राज्य सरकार के रवैये के कारण कोरोना से लोगों को राहत नहीं मिल पा रही है. सरकार इस वायरस से लड़ने में विफल हो रही है. एक तरफ लोग परेशान है और दूसरी तरफ राज्य सरकार को यह चिंता है कि कुव्यवस्था का सच कहीं बाहर ना आ जाए. इसलिए मीडिया पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है. क्वॉरेंटाइन सेंटर्स का हाल इतना बुरा है. जहां सिर्फ खानापूर्ति हो रही है. इस बदहाली का सच उजागर करने वाले मीडिया के लोगों पर पाबंदी लगाकर राज्य सरकार ने विचित्र निर्णय लिया है.

देखें पूरी रिपोर्ट

'क्वॉरेंटाइन सेंटर्स का हाल है बुरा'
वहीं, उपेंद्र कुशवाहा ने बिहार सरकार से मांग की है कि बिहार से बाहर फंसें मजदूर, जो घर वापसी चाहते हैं, उनको बुलाने की त्वरित कार्रवाई की जाए और जो स्वेच्छा से वहां रुकना चाहें, उनके खाते में ही उतनी रकम डाल दी जाये. जितनी उनको ट्रेन से लाने, क्वॉरेंटाइन करने आदि पर खर्च हो जाता है. यह खर्च सरकारी आंकड़े के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति पर कम से कम 10 हजार का होता है. अर्थात प्रति व्यक्ति 10 हजार की राशि सभी के खाते में डालने की व्यवस्था की जाए.

'कोरोना से लड़ने में बिहार सरकार पूरी तरह फेल'
वहीं, बिहार के अलावा दिल्ली में भी रालोसपा ने काला दिवस मनाया. दिल्ली में पार्टी के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव माधव माधव आनंद मुंह में काला पट्टी बांध कर धरना पर बैठे. उन्होंने कहा कि क्वॉरेंटाइन सेंटर में जाने से मीडिया को रोकना लोकतंत्र के विरुद्ध है. कोरोना से लड़ने में बिहार सरकार पूरी तरह फेल हो गयी है. उन्होंने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए दिल्ली से बिहार तक रालोसपा ने काला दिवस मनाया है. वहीं उन्होंने कहा कि बिहार सरकार अपना अहंकार छोड़कर हम लोगों की मांग मान ले. वरना हम लोगों का आंदोलन चलता रहेगा. जनता को हम परेशानी में नहीं देख सकते हैं.

नयी दिल्ली/पटना: बिहार सरकार की ओर से क्वॉरेंटाइन सेंटर से खबर संग्रहित करने से मीडिया कर्मियों को प्रतिबंधित करने के लोकतंत्र विरोधी आदेश के खिलाफ रालोसपा ने पूरे बिहार में मुंह पर काला पट्टी बांध कर धरना-सत्याग्रह पर बैठ कर काला दिवस मनाया.

रालोसपा ने मुंह पर काला पट्टी बांध मनाया काला दिवस
पूर्व केंद्रीय मंत्री व रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा भी मुंह पर काली पट्टी बांध कर बिहार में अपने पैतृक निवास स्थान जावज, जंदाहा, वैशाली में सत्याग्रह पर बैठे. कुशवाहा ने कहा कि राज्य सरकार के रवैये के कारण कोरोना से लोगों को राहत नहीं मिल पा रही है. सरकार इस वायरस से लड़ने में विफल हो रही है. एक तरफ लोग परेशान है और दूसरी तरफ राज्य सरकार को यह चिंता है कि कुव्यवस्था का सच कहीं बाहर ना आ जाए. इसलिए मीडिया पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है. क्वॉरेंटाइन सेंटर्स का हाल इतना बुरा है. जहां सिर्फ खानापूर्ति हो रही है. इस बदहाली का सच उजागर करने वाले मीडिया के लोगों पर पाबंदी लगाकर राज्य सरकार ने विचित्र निर्णय लिया है.

देखें पूरी रिपोर्ट

'क्वॉरेंटाइन सेंटर्स का हाल है बुरा'
वहीं, उपेंद्र कुशवाहा ने बिहार सरकार से मांग की है कि बिहार से बाहर फंसें मजदूर, जो घर वापसी चाहते हैं, उनको बुलाने की त्वरित कार्रवाई की जाए और जो स्वेच्छा से वहां रुकना चाहें, उनके खाते में ही उतनी रकम डाल दी जाये. जितनी उनको ट्रेन से लाने, क्वॉरेंटाइन करने आदि पर खर्च हो जाता है. यह खर्च सरकारी आंकड़े के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति पर कम से कम 10 हजार का होता है. अर्थात प्रति व्यक्ति 10 हजार की राशि सभी के खाते में डालने की व्यवस्था की जाए.

'कोरोना से लड़ने में बिहार सरकार पूरी तरह फेल'
वहीं, बिहार के अलावा दिल्ली में भी रालोसपा ने काला दिवस मनाया. दिल्ली में पार्टी के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव माधव माधव आनंद मुंह में काला पट्टी बांध कर धरना पर बैठे. उन्होंने कहा कि क्वॉरेंटाइन सेंटर में जाने से मीडिया को रोकना लोकतंत्र के विरुद्ध है. कोरोना से लड़ने में बिहार सरकार पूरी तरह फेल हो गयी है. उन्होंने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए दिल्ली से बिहार तक रालोसपा ने काला दिवस मनाया है. वहीं उन्होंने कहा कि बिहार सरकार अपना अहंकार छोड़कर हम लोगों की मांग मान ले. वरना हम लोगों का आंदोलन चलता रहेगा. जनता को हम परेशानी में नहीं देख सकते हैं.

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