पटनाः आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर राजद कार्यकर्ता अपने अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. वहीं राजद नेता मृत्युंजय तिवारी कहते हैं कि तेजस्वी 5 साल में ही 20 साल का अनुभव प्राप्त कर चुके हैं. पूरे महागठबंधन की जिम्मेदारी तेजस्वी के कंधे पर है, फिर भी पार्टी को लालू का इंतजार है.
राजद कार्यकर्ता लालू का कर रहे इंतजार
मालूम हो कि लालू यादव पिछले साल लोकसभा चुनाव के दौरान भी जेल में सजा काट रहे थे. उस दौरान तेजस्वी को ना सिर्फ पार्टी की बल्कि महागठबंधन की भी जिम्मेदारी मिली थी. लेकिन पिछले साल लोकसभा चुनाव में पार्टी का और महागठबंधन का जो हाल हुआ वह किसी से छुपा नहीं है. ऐसे में चाहे महागठबंधन के नेता हों चाहे राजद के वरिष्ठ नेता, सभी के दिल में आशंका के बादल गहरा रहे हैं. हालांकि वह सामने आकर कुछ खुलकर बोलने से हिचक रहे हैं.
महागठबंधन की जिम्मेदारी तेजस्वी के कंधे पर
वहीं पार्टी में टिकट के दावेदार भी कह रहे हैं कि उन्हें बेसब्री से लालू का इंतजार है. वे तेजस्वी के नेतृत्व में चुनाव लड़ने को तैयार हैं. लेकिन यह साफ कह रहे हैं कि लालू होते तो कुछ और बात होती है पार्टी कार्यालय में भी अब तेजस्वी और तेजप्रताप की बजाय लालू यादव की तस्वीर प्रमुखता से हर जगह दिख रही है. हालांकि इसके पीछे एनडीए नेता पारिवारिक कलह को वजह बताते हैं.
'राजद में पारिवारिक कलह चरम पर'
बीजेपी नेता अजहर शम्सी ने कहा कि राजद में पारिवारिक कलह चरम पर है, पार्टी में वरिष्ठ नेताओं की कोई कदर नहीं है और लालू ने अपने कार्यकाल के दौरान जितने पाप किए हैं. उसकी पूरी फेहरिस्त जनता के सामने है. ऐसे में अगर लालू चुनाव के वक्त जेल के बाहर आएंगे, तो इसका फायदा एनडीए को मिलेगा और एनडीए 200 से ज्यादा सीट जीतेगा.