पटनाः कोरोना महामारी में बिहार की चरमराती स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल तो खुल ही रही है, लेकिन नेता प्रतिपक्ष यादव सिलसिलेवार तरीके से बदहाली की तस्वीरों को जनता के सामने ला रहे हैं. सूबे की लापरवाह स्वास्थ्य व्यवस्था और बदइंतजामी का दंश झेल रहे स्वास्थ्य केन्द्रों में कहें तो राजद के विधायक इन दिनों धप्पा बोल रहे हैं. वे लगातार प्राथमिक स्वास्थ्य व टीकाकरण केंद्रों का दौरा कर अराजक और भ्रष्ट व्यवस्था को उजागर करने में जुटे हैं. कहें तो राजद की इस मुहीम ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की चिंता बढ़ा दी है.
-
यह अफ़्रीका का जंगल नहीं बल्कि बिहार का स्वास्थ्य केंद्र है। नीतीश जी कहते है डॉक्टर, दवा, उपकरण और स्वास्थ्यकर्मी हम नियुक्त नहीं कर सकते इसलिए 15 वर्ष पूर्व निर्मित स्वास्थ्य उपकेंद्रों और रेफ़रल अस्पताल में स्वतः इतना जंगल उग आए ताकि खंडहरों में ऑक्सिजन की कोई कमी ना रहे। https://t.co/IyfmLWTUkG
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) May 21, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">यह अफ़्रीका का जंगल नहीं बल्कि बिहार का स्वास्थ्य केंद्र है। नीतीश जी कहते है डॉक्टर, दवा, उपकरण और स्वास्थ्यकर्मी हम नियुक्त नहीं कर सकते इसलिए 15 वर्ष पूर्व निर्मित स्वास्थ्य उपकेंद्रों और रेफ़रल अस्पताल में स्वतः इतना जंगल उग आए ताकि खंडहरों में ऑक्सिजन की कोई कमी ना रहे। https://t.co/IyfmLWTUkG
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) May 21, 2021यह अफ़्रीका का जंगल नहीं बल्कि बिहार का स्वास्थ्य केंद्र है। नीतीश जी कहते है डॉक्टर, दवा, उपकरण और स्वास्थ्यकर्मी हम नियुक्त नहीं कर सकते इसलिए 15 वर्ष पूर्व निर्मित स्वास्थ्य उपकेंद्रों और रेफ़रल अस्पताल में स्वतः इतना जंगल उग आए ताकि खंडहरों में ऑक्सिजन की कोई कमी ना रहे। https://t.co/IyfmLWTUkG
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) May 21, 2021
सरैया प्रखण्ड के रेफरल अस्पताल की बदहाली
पारू विधानसभा के सरैया प्रखण्ड का रेफरल अस्पताल की बदहाल स्थिति की तस्वीर को दिखाते हुए तेजस्वी यादव ने अपने ट्वीट करते हुए लिखा कि "यह अफ्रीका का जंगल नहीं बल्कि बिहार का स्वास्थ्य केंद्र है. नीतीश जी कहते है डॉक्टर, दवा, उपकरण और स्वास्थ्यकर्मी हम नियुक्त नहीं कर सकते इसलिए 15 वर्ष पूर्व निर्मित स्वास्थ्य उपकेंद्रों और रेफ़रल अस्पताल में स्वतः इतना जंगल उग आए ताकि खंडहरों में ऑक्सिजन की कोई कमी ना रहे"
-
गोपालगंज जिले से बिहार सरकार में तीन मंत्री है। स्वास्थ्य मंत्री बगल के जिले से है फिर यहाँ के स्वास्थ्य उपकेंद्रों यह स्थिति है। राजनीतिक विद्वेष के चलते नीतीश सरकार ने यहाँ की स्वास्थ्य व्यवस्था को इतना जर्जर बना दिया है कि जिलावासियों को ईलाज के लिए गोरखपुर जाना पड़ता है। https://t.co/i3nFkQZYwp
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) May 22, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">गोपालगंज जिले से बिहार सरकार में तीन मंत्री है। स्वास्थ्य मंत्री बगल के जिले से है फिर यहाँ के स्वास्थ्य उपकेंद्रों यह स्थिति है। राजनीतिक विद्वेष के चलते नीतीश सरकार ने यहाँ की स्वास्थ्य व्यवस्था को इतना जर्जर बना दिया है कि जिलावासियों को ईलाज के लिए गोरखपुर जाना पड़ता है। https://t.co/i3nFkQZYwp
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) May 22, 2021गोपालगंज जिले से बिहार सरकार में तीन मंत्री है। स्वास्थ्य मंत्री बगल के जिले से है फिर यहाँ के स्वास्थ्य उपकेंद्रों यह स्थिति है। राजनीतिक विद्वेष के चलते नीतीश सरकार ने यहाँ की स्वास्थ्य व्यवस्था को इतना जर्जर बना दिया है कि जिलावासियों को ईलाज के लिए गोरखपुर जाना पड़ता है। https://t.co/i3nFkQZYwp
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) May 22, 2021
थावे प्रखंड के इन्द्रवां के स्वास्थ्य उपकेंद्र बंद
गोपालगंज जिले के थावे प्रखंड के इन्द्रवां गांव स्थित स्वास्थ्य उपकेंद्र की तस्वीर भी बदहाल है. इसकी कुछ तस्वीरों को ट्वीट करते हुए तेजस्वी ने लिखा कि "गोपालगंज जिले से बिहार सरकार में तीन मंत्री है. स्वास्थ्य मंत्री बगल के जिले से है फिर यहाँ के स्वास्थ्य उपकेंद्रों यह स्थिति है. राजनीतिक विद्वेष के चलते नीतीश सरकार ने यहाँ की स्वास्थ्य व्यवस्था को इतना जर्जर बना दिया है कि जिलावासियों को ईलाज के लिए गोरखपुर जाना पड़ता है."
-
जनता की शिकायत पर शनिवार को निरीक्षण के लिए RJD MLA अशराफ़ अली साहब सबौर प्रखंड अंतर्गत अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ममलखा पहुँचे, तो वहाँ डॉक्टर-नर्स कोई मौजूद नहीं थे। गेट पर ताला लगा हुआ था। अस्पताल की भवन जर्जर है और वहाँ पर मवेशी बंधे हुए मिलें। सुशासन बाबू जवाब देंगे? pic.twitter.com/WZKXXUornH
— RJD Bhagalpur (@Rjd_Bhagalpur) May 22, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">जनता की शिकायत पर शनिवार को निरीक्षण के लिए RJD MLA अशराफ़ अली साहब सबौर प्रखंड अंतर्गत अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ममलखा पहुँचे, तो वहाँ डॉक्टर-नर्स कोई मौजूद नहीं थे। गेट पर ताला लगा हुआ था। अस्पताल की भवन जर्जर है और वहाँ पर मवेशी बंधे हुए मिलें। सुशासन बाबू जवाब देंगे? pic.twitter.com/WZKXXUornH
— RJD Bhagalpur (@Rjd_Bhagalpur) May 22, 2021जनता की शिकायत पर शनिवार को निरीक्षण के लिए RJD MLA अशराफ़ अली साहब सबौर प्रखंड अंतर्गत अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ममलखा पहुँचे, तो वहाँ डॉक्टर-नर्स कोई मौजूद नहीं थे। गेट पर ताला लगा हुआ था। अस्पताल की भवन जर्जर है और वहाँ पर मवेशी बंधे हुए मिलें। सुशासन बाबू जवाब देंगे? pic.twitter.com/WZKXXUornH
— RJD Bhagalpur (@Rjd_Bhagalpur) May 22, 2021
सबौर अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थिति बदहाल
स्वास्थ्य व्यवस्था का जायजा लेने के लिए जब RJD MLA अशराफ अली साहब सबौर प्रखंड अंतर्गत अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ममलखा पहुंचे तो वहां भी उन्होंने घोर अभाव पाया.
-
बिहार के मधुबनी जिले में कागजों पर कार्यरत यह (PHC) प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है। इसकी दशा आप स्वयं देखिए। वर्षों से यह बंद है।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) May 24, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
इसके संचालन के नाम पर आवंटित फंड कहाँ जाता होगा? नीतीश कुमार के संगठित भ्रष्टाचार के सौजन्य से बिहार में ऐसे हज़ारों स्वास्थ्य केंद्र बंद पड़े है।👇 https://t.co/d5CgwWW2ke
">बिहार के मधुबनी जिले में कागजों पर कार्यरत यह (PHC) प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है। इसकी दशा आप स्वयं देखिए। वर्षों से यह बंद है।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) May 24, 2021
इसके संचालन के नाम पर आवंटित फंड कहाँ जाता होगा? नीतीश कुमार के संगठित भ्रष्टाचार के सौजन्य से बिहार में ऐसे हज़ारों स्वास्थ्य केंद्र बंद पड़े है।👇 https://t.co/d5CgwWW2keबिहार के मधुबनी जिले में कागजों पर कार्यरत यह (PHC) प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है। इसकी दशा आप स्वयं देखिए। वर्षों से यह बंद है।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) May 24, 2021
इसके संचालन के नाम पर आवंटित फंड कहाँ जाता होगा? नीतीश कुमार के संगठित भ्रष्टाचार के सौजन्य से बिहार में ऐसे हज़ारों स्वास्थ्य केंद्र बंद पड़े है।👇 https://t.co/d5CgwWW2ke
सकरी का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बीमार!
मधुबनी के सकरी का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में व्यवस्था को लेकर ट्वीट करते हुए तेजस्वी ने लिखा कि "मधुबनी जिले में कागजों पर कार्यरत यह (PHC) प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है. इसकी दशा आप स्वयं देखिए. वर्षों से यह बंद है. इसके संचालन के नाम पर आवंटित फंड कहाँ जाता होगा? नीतीश कुमार के संगठित भ्रष्टाचार के सौजन्य से बिहार में ऐसे हज़ारों स्वास्थ्य केंद्र बंद पड़े है."
-
हमारे विधायक @RanvijaysahuRJD जी ने जब अपने क्षेत्राअंतर्गत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का औचक निरीक्षण तो प्रभारी समेत अधिकांश स्टाफ़ गायब मिला।गिनी-चुनी दवाएँ उपलब्ध थी वो भी एक्स्पायर्ड।स्वास्थ्य उपकरण भी गायब।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) May 25, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
स्वास्थ्यमंत्री व CM को वर्चुअल से अधिक ऐक्चूअल पर ध्यान देना चाहिए https://t.co/n0hFE5yByR
">हमारे विधायक @RanvijaysahuRJD जी ने जब अपने क्षेत्राअंतर्गत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का औचक निरीक्षण तो प्रभारी समेत अधिकांश स्टाफ़ गायब मिला।गिनी-चुनी दवाएँ उपलब्ध थी वो भी एक्स्पायर्ड।स्वास्थ्य उपकरण भी गायब।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) May 25, 2021
स्वास्थ्यमंत्री व CM को वर्चुअल से अधिक ऐक्चूअल पर ध्यान देना चाहिए https://t.co/n0hFE5yByRहमारे विधायक @RanvijaysahuRJD जी ने जब अपने क्षेत्राअंतर्गत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का औचक निरीक्षण तो प्रभारी समेत अधिकांश स्टाफ़ गायब मिला।गिनी-चुनी दवाएँ उपलब्ध थी वो भी एक्स्पायर्ड।स्वास्थ्य उपकरण भी गायब।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) May 25, 2021
स्वास्थ्यमंत्री व CM को वर्चुअल से अधिक ऐक्चूअल पर ध्यान देना चाहिए https://t.co/n0hFE5yByR
कोठिया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक्सपायर्ड मिली दवाइयां
मोरवा विधायक रणविजय साहू के द्वारा ताजपुर प्रखंड के कोठिया पंचायत के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का औचक निरीक्षण करने के दौरान प्रभारी समेत अधिकांश स्टाफ़ गायब मिला. गिनी-चुनी दवाएं. तेजस्वी ने ट्वीट में लिखा कि जो दवाएं उपलब्ध भी थी, वो एक्स्पायर्ड थी. स्वास्थ्य उपकरण भी गायब थे. स्वास्थ्यमंत्री और CM को वर्चुअल से अधिक ऐक्चूअल पर ध्यान देना चाहिए.
-
हज़ारों की संख्या में बिहार में बंद पड़े (लेकिन कागजों में सुचारु रूप से संचालित) ऐसे हज़ारों स्वास्थ्य केंद्रों को मुख्यमंत्री @NitishKumar जी और बीजेपी के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे का विशेष आशीर्वाद प्राप्त है।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) May 25, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
कल्पना करिए, प्रतिवर्ष कितने हज़ारों करोड़ का ग़बन हो रहा है। https://t.co/3EZFccEoYh
">हज़ारों की संख्या में बिहार में बंद पड़े (लेकिन कागजों में सुचारु रूप से संचालित) ऐसे हज़ारों स्वास्थ्य केंद्रों को मुख्यमंत्री @NitishKumar जी और बीजेपी के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे का विशेष आशीर्वाद प्राप्त है।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) May 25, 2021
कल्पना करिए, प्रतिवर्ष कितने हज़ारों करोड़ का ग़बन हो रहा है। https://t.co/3EZFccEoYhहज़ारों की संख्या में बिहार में बंद पड़े (लेकिन कागजों में सुचारु रूप से संचालित) ऐसे हज़ारों स्वास्थ्य केंद्रों को मुख्यमंत्री @NitishKumar जी और बीजेपी के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे का विशेष आशीर्वाद प्राप्त है।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) May 25, 2021
कल्पना करिए, प्रतिवर्ष कितने हज़ारों करोड़ का ग़बन हो रहा है। https://t.co/3EZFccEoYh
बांका के स्वास्थ्य केन्द्रों की स्थिति बदहाल
बांका जिले के बौंसी प्रखण्ड के बभनगामा के स्वास्थ्य केंद्रों की स्थिति को लेकर तेजस्वी ने नीतीश कुमार और मंगल पांडे पर निशाना साधा. "हजारों की संख्या में बिहार में बंद पड़े (लेकिन कागजों में सुचारु रूप से संचालित) ऐसे हज़ारों स्वास्थ्य केंद्रों को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बीजेपी के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे का विशेष आशीर्वाद प्राप्त है. कल्पना करिए, प्रतिवर्ष कितने हज़ारों करोड़ का ग़बन हो रहा है."
राजद विधायक कर रहे औचक निरीक्षण
बता दें कि तेजस्वी यादव ने एक ट्वीट कर बताया कि उनके विधायक कोविड महामारी के इस दौर में राजद कोविड केयर चला रहे हैं. जहां जरुरतमंदों को चिकित्सीय परामर्श के साथ-साथ इलाज भी किया जा रहा है. वहीं प्राथमिक स्वास्थ्य और टीकाकरण केंद्रों का दौरा कर अराजक व भ्रष्ट व्यवस्था को भी उजागर किया जा रहा है.
"नेता प्रतिपक्ष यादव ने आंकड़े के साथ बिहार के डबल इंजन की सरकार को ये बता दिया कि राजद शासन काल में बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था सुदृढ़ थी. राजद शासनकाल के 16 सालों के बाद स्वास्थ्य उपकेन्द्रों की संख्या कम हो गई है. राज्य में स्वास्थ्य उपकेन्द्रों की बिहार में क्या हाल है इसे लेकर तेजस्वी यादव के नेतृत्व में राजद के विधायक कुव्यवस्था को उजागर कर रहे है."- मृत्युंजय तिवारी, राजद प्रवक्ता
"पिछले 15 सालों में बिहार की डबल इंजन की सरकार में भाजपा के पास स्वास्थ्य विभाग रहा है. और आज के हालात बताते हैं कि इन 15 सालों में इस क्षेत्र में कितनी लूट हुई है."- कुंतल कृष्णा, कांग्रेस प्रवक्ता
राज्य में विपक्ष के द्वारा लगातार क्रिटिसाइज पॉलिटिक्स किया जा रहा है. अगर उन्हें लगता है कि किसी स्वास्थ्य केन्द्र में कोई कमी है, तो उन्हें कमियों को दूर करने के उपाय भी बताए जाने चाहिए. सिर्फ कमियों को गिनाना राजनीति नहीं है.-दानिश रिजवान, हम प्रवक्ता
"बीते 15 सालों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था में कितना सुधार किया है, यह किसी से छिपा हुआ नहीं है. पहले कितने पीएचसी हुआ करते थे, और उनकी क्या स्थिति थी, यह भी सब लोगों ने देखा है. लेकिन इस विषम परिस्थिति में नेता प्रतिपक्ष और राजद के लोगों के द्वारा जनता के बीच भ्रम की स्थिति फैलाई जा रही है."-अभिषेक झा, जदयू प्रवक्ता
"नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को जानकारी का अभाव है. पहले उनको ज्ञानवर्धन करना चाहिए. तेजस्वी यादव राज्य के हेल्थ सब-सेंटर का फोटो खींचकर राज्य की छवि को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं. अभी सूबे के सभी प्रखंडों के पीएचसी में मरीजों को बेहतर इलाज हो रहा है."-प्रेमरंजन पटेल, भाजपा प्रवक्ता
इसे भी पढ़ेंः सरकारी तंत्र के इंतजार में 7 वर्षों से पड़ा है वीरान अस्पताल, परिसर पर असमाजिक तत्वों का कब्जा
इसे भी पढ़ेंः देख लीजिए... दरभंगा का 'खटाल वाला अस्पताल', दवाओं की जगह उपलब्ध है चारा
इसे भी पढ़ेंः CM नीतीश के गांव से ग्राउंड रिपोर्ट: भव्य अस्पताल, इलाज नदारद.. कल्याण बिगहा में बाकी सब ठीक है..