पटना: राज्यसभा के लिए उम्मीदवारों के चयन में आरजेडी की ओर से अपर कास्ट के एडी सिंह को उम्मीदवार बनाए जाने पर सियासी चर्चा शुरू हो गई है. अपर कास्ट को जो आरक्षण दिया गया है. आरजेडी उसका जबरदस्त विरोध करती नजर आ रही है. पहले भी आरजेडी पर 'भूरा बाल साफ करो' जैसे नारों को लेकर निशाना लगता रहा है. ऐसे में राजनैतिक विशेषज्ञ कहते हैं कि तेजस्वी यादव के नेतृत्व में पार्टी की सोच बदल रही है और वोट बैंक का विस्तार करना चाह रही है.
विशेषज्ञ ने कहा आरजेडी बदल रही अपनी छवि
बिहार में विधानसभा के 5 सीटों पर उम्मीदवारों के चयन पर सियासत भी शुरू हो गई है. आरजेडी ने एडी सिंह के रूप में एक नया चेहरा को सामने लाया है. जो पार्टी कभी अपर कास्ट के 10 प्रतिशत आरक्षण का विरोध करती हो ऐसे में अपर कास्ट से ही उम्मीदवार के चयन पर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. विशेषज्ञ कहते हैं कि सोशल इंजीनियरिंग के तरफ हर पार्टी अपने आप को ढाल रही है और तेजस्वी यादव के नेतृत्व में आरजेडी में भी बदलाव हो रहा है. आरजेडी के लिए भी अब अपर कास्ट अछूत नहीं रहा ऐसा मैसेज देने की कोशिश हो रही है. इससे साफ लग रहा है कि आरजेडी एमवाई समीकरण से आगे निकलना चाह रही है.
'विरोधी शुरू से आरजेडी के खिलाफ दुष्प्रचार करते रहे हैं'
ए एन सिन्हा इंस्टिट्यूट के पूर्व निदेशक डीएम दिवाकर का यह भी कहना है कि राज्यसभा के लिए उम्मीदवारों का चयन किस तरह से होता है. यह किसी से छिपा नहीं है, लेकिन यह भी सच है कि अब आरजेडी अपर कास्ट को भी अपने साथ जोड़ना चाहती है. वहीं, आरजेडी के विधायक अख्तरुल इस्लाम शाहीन का कहना है कि विरोधी शुरू से आरजेडी के खिलाफ दुष्प्रचार करते रहे हैं. पार्टी ने शुरू से सभी को साथ लेकर चलने की कोशिश की है. उन्होंने कहा कि पहले भी पार्टी पर भूरा बाल साफ करो और एमवाई समीकरण जैसे झूठे आरोप भी लगते रहे हैं.