पटना: नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार 22 फरवरी यानि आज वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए बजट पेश किया जाएगा. कोरोनाकाल के चलते इस बजट पर सबकी नजर हैं. वहीं, इस बजट से बिहार वासियों को भी काफी उम्मीदें हैं. कोरोना संकटकाल में स्वास्थ्य विभाग को ज्यादा फंड एलोकेट हुए जनप्रतिनिधियों ने भी बढ़-चढ़कर भूमिका निभाई, केंद्र सरकार ने भी स्वास्थ्य के बजट में इजाफा किया है. जिससे जाहिर तौर पर उसका लाभ बिहार जैसे राज्यों को मिलने वाला है.
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स्वास्थ्य पर बजट का बड़ा हिस्सा खर्च करेगी सरकार?
बिहार सरकार स्वास्थ्य पर बजट का बड़ा हिस्सा खर्च करती है. पिछले बजट में स्वास्थ्य विभाग 11 हजार 901 करोड़ का बजट था. इस बार कोरोना संकट को देखते हुए बिहार सरकार स्वास्थ्य विभाग के बजट को और अधिक बढ़ाने की तैयारी कर रही है. हालांकि, केंद्र की सरकार ने भी स्वास्थ्य बजट में बड़ा इजाफा किया है. ऐसे में जाहिर है कि उसका लाभ बिहार जैसे राज्यों को भी मिलेगा.
'बिहार सरकार लंबे चौड़े वादे करती है लेकिन स्वास्थ्य विभाग पर आम लोगों को भरोसा नहीं है. सरकार पैसे तो खर्च करती है लेकिन उसका लाभ आम आदमी को नहीं मिल पाता है. गरीब आज भी सरकारी अस्पताल में जाने से परहेज करता है.'- अनवर हुसैन, राजद प्रवक्ता
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'कोरोना संकटकाल में स्वास्थ्य विभाग ने बेहतर काम किया है. जिसका नतीजा सामने है. राष्ट्रीय स्तर पर हमारा रिकवरी रेट सबसे ज्यादा है. टेस्टिंग के मामले में भी हम अव्वल हैं. वहीं, केंद्र की सरकार ने स्वास्थ्य विभाग के बजट में इजाफा किया है और उसका लाभ बिहार जैसे राज्यों को मिलने वाला है. हम बेहतर वित्तीय प्रबंधन से आम लोगों के कल्याण के लिए और योजना बनाएंगे पीएमसीएच में विश्व का दूसरा सबसे बड़ा अस्पताल निर्माणाधीन है.'- मंगल पांडे, स्वास्थ्य मंत्री