पटना: बिहार में जब से शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर मेरिट लिस्ट (Bihar STET Result) जारी किया गया है, तब से एसटीइटी अभ्यर्थियों की ओर से धांधली के आरोप लगाए जा रहे हैं. अब मुख्य विपक्षी पार्टी आरजेडी भी खुलकर सामने आ गई है. युवा प्रकोष्ठ के कार्यकर्ताओं ने रविवार को जोरदार प्रदर्शन किया.
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सीएम का पुतला दहन
मेरिट लिस्ट में धांधली का आरोप लगाकर युवा आरजेडी ने पटना के कारगिल चौक पर प्रदर्शन किया. इस दौरान कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) और शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी (Minister Vijay Kumar Choudhary) के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. साथ ही सीएम का पुतला भी फूंका.
छात्रों के साथ खिलवाड़
इस दौरान युवा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष आकाश यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके शासनकाल में छात्रों और शिक्षकों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. शिक्षा व्यवस्था की स्थिति धीरे-धीरे बिगड़ती चली गई है.
सीएम के इशारे पर गड़बड़ी- आरजेडी
आरजेडी नेता आकाश ने कहा कि मुख्यमंत्री के इशारे पर ही शिक्षा विभाग ने रातों-रात मेरिट लिस्ट बदल दिया, जो निंदनीय. उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी की सरकार बनेगी तो मेनिफेस्टो के अनुसार जितने खाली पद हैं, उसे भरने का कार्य कैबिनेट की पहली बैठक में किया जाएगा.
शिक्षा विभाग का बड़ा फैसला
आपको बताएं कि तमाम विरोधों के बीच शिक्षा विभाग ने बड़ा फैसला लिया है. इसके माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा (एसटीईटी) के लिए न्यूनतम उत्तीर्णांक के आधार पर घोषित सभी सफल अभ्यर्थियों को माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षकों के सातवें और आगे की नियुक्ति के चरण में शामिल होने का मौका मिलेगा.
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सचिव की अध्यक्षता में बनी कमिटी
21 जून को बिहार बोर्ड द्वारा जारी एसटीईटी के परिणाम में उत्तीर्ण वैसे अभ्यर्थी, जो सफल होने के बाद भी मेधा सूची से बाहर रह गए थे, उनकी पात्रता की अनुशंसा के लिए शिक्षा मंत्री के निर्देश पर 22 जून को शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने विभागीय सचिव की अध्यक्षता में चार सदस्यीय जांच कमेटी गठित की थी. इसी कमेटी की अनुंशसा के आधार पर ये निर्णय लिया गया है.