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पांच राज्यों के चुनाव को देखते हुए केंद्र सरकार ने कृषि कानूनों को लिया वापस: लालू यादव - ईटीवी बिहार

तीन नए कृषि कानूनों (three Agricultural Laws) को वापस लिए जाने के ऐलान पर आरजेडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू यादव (Lalu Yadav) ने इसे केंद्र सराकर की मजबूरी बताया है. उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों को वापस ले लेने से बीजेपी को चुनावों में कोई फायदा नहीं होगा.

लालू यादव
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Published : Nov 19, 2021, 2:58 PM IST

Updated : Nov 19, 2021, 3:28 PM IST

नई दिल्ली/पटनाः राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने गुरु पर्व और कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर तीन नए कृषि कानूनों ( three Agricultural Laws) को वापस लेने की घोषणा कर दी. इसके बाद विपक्षी पार्टियां इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साध रही हैं. आरजेडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू यादव (Lalu Yadav) ने ईटीवी भारत से हुई बातचीत में कहा कि विपक्ष और किसानों के दबाव में आकर केंद्र सरकार ने कृषि कानूनों को वापस लेने का निर्णय लिया है.

ये भी पढ़ें: कृषि कानूनों की वापसी को तेजस्वी यादव ने बताया किसानों की जीत, सरकार की हार

राजद सुप्रीमो लालू यादव ने कहा कि विपक्ष और किसानों के दबाव में आकर केंद्र सरकार ने कृषि कानूनों को वापस लेने का निर्णय लिया है. यह बिल किसानों के हित के लिए बिल्कुल नहीं था. इससे किसानों को सिर्फ नुकसान होता. अगले साल पांच राज्यों में चुनाव होने हैं. उसी को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने यह निर्णय लिया है.

बयान देते लालू यादव

'पंजाब, यूपी समेत पांच राज्यों में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. कृषि कानूनों को वापस ले लेने से बीजेपी को इन चुनावों में कोई फायदा नहीं होगा. किसान आंदोलन में कई किसानों की मौत हो गई. कई लोगों को जेल भेज दिया गया. जेल में पीटा गया'- लालू यादव, राष्ट्रीय अध्यक्ष आरजेडी

राजद सुप्रीमो ने कहा कि केन्द्र सरकार कहती थी कि किसान आंदोलन में पाकिस्तानी, खालिस्तानी घुसे हैं. केंद्र सरकार ने आंदोलन को रोकने की पूरी कोशिश की. लेकिन कामयाब नहीं हो पाई और अंत में उसको झुकना पड़ा.

लालू ने कहा कि किसान आंदोलन अभी खत्म नहीं हुआ है. विपक्ष सरकार को घेरने का काम करता रहेगा. संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने वाला है. सत्र शुरू होते ही इस कानून को वापस लेने की प्रक्रिया को सरकार को शुरू कर देना चाहिए. हमारी यह मांग है.

ये भी पढ़ें- पीएम मोदी के फैसले का पक्ष-विपक्ष किसान संगठनों ने किया स्वागत, राहुल बोले- अन्याय पर हुई जीत
बता दें के पीएम मोदी ने आज तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान कर दिया है. उन्होंने कहा कि किसानों के हित के लिए हम यह बिल लाए थे. लेकिन किसानों के एक वर्ग को हम लोग समझा नहीं पाए. इस कानून को वापस लेने के लिए किसान संगठन पिछले 1 साल से लगातार प्रदर्शन कर रहे थे. उनकी मांग थी कि इस कानून को जल्द से जल्द वापस लिया जाए. विपक्षी दल भी लगातार आंदोलन कर रहे थे और इस बिल को वापस लेने का दबाव केंद्र सरकार पर डाल रहे थे.

पीएम मोदी ने ये भी कहा कि कृषि मंडियों के आधुनिकीकरण के लिए हजारों करोड़ रुपये खर्च किए हैं. किसानों को कानूनों के बारे में अनेक माध्यमों से समझाने का भरपूरा कोशिश की गई. लेकिन वह समझ नहीं पाए. उन्होंने कहा कि हमने किसानों की बातों और उनके तर्क को समझने में भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ी. जिन कानूनों पर ऐतराज था उनको समझने में सरकार ने भरपूर कोशिश की गई.

नई दिल्ली/पटनाः राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने गुरु पर्व और कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर तीन नए कृषि कानूनों ( three Agricultural Laws) को वापस लेने की घोषणा कर दी. इसके बाद विपक्षी पार्टियां इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साध रही हैं. आरजेडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू यादव (Lalu Yadav) ने ईटीवी भारत से हुई बातचीत में कहा कि विपक्ष और किसानों के दबाव में आकर केंद्र सरकार ने कृषि कानूनों को वापस लेने का निर्णय लिया है.

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राजद सुप्रीमो लालू यादव ने कहा कि विपक्ष और किसानों के दबाव में आकर केंद्र सरकार ने कृषि कानूनों को वापस लेने का निर्णय लिया है. यह बिल किसानों के हित के लिए बिल्कुल नहीं था. इससे किसानों को सिर्फ नुकसान होता. अगले साल पांच राज्यों में चुनाव होने हैं. उसी को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने यह निर्णय लिया है.

बयान देते लालू यादव

'पंजाब, यूपी समेत पांच राज्यों में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. कृषि कानूनों को वापस ले लेने से बीजेपी को इन चुनावों में कोई फायदा नहीं होगा. किसान आंदोलन में कई किसानों की मौत हो गई. कई लोगों को जेल भेज दिया गया. जेल में पीटा गया'- लालू यादव, राष्ट्रीय अध्यक्ष आरजेडी

राजद सुप्रीमो ने कहा कि केन्द्र सरकार कहती थी कि किसान आंदोलन में पाकिस्तानी, खालिस्तानी घुसे हैं. केंद्र सरकार ने आंदोलन को रोकने की पूरी कोशिश की. लेकिन कामयाब नहीं हो पाई और अंत में उसको झुकना पड़ा.

लालू ने कहा कि किसान आंदोलन अभी खत्म नहीं हुआ है. विपक्ष सरकार को घेरने का काम करता रहेगा. संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने वाला है. सत्र शुरू होते ही इस कानून को वापस लेने की प्रक्रिया को सरकार को शुरू कर देना चाहिए. हमारी यह मांग है.

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बता दें के पीएम मोदी ने आज तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान कर दिया है. उन्होंने कहा कि किसानों के हित के लिए हम यह बिल लाए थे. लेकिन किसानों के एक वर्ग को हम लोग समझा नहीं पाए. इस कानून को वापस लेने के लिए किसान संगठन पिछले 1 साल से लगातार प्रदर्शन कर रहे थे. उनकी मांग थी कि इस कानून को जल्द से जल्द वापस लिया जाए. विपक्षी दल भी लगातार आंदोलन कर रहे थे और इस बिल को वापस लेने का दबाव केंद्र सरकार पर डाल रहे थे.

पीएम मोदी ने ये भी कहा कि कृषि मंडियों के आधुनिकीकरण के लिए हजारों करोड़ रुपये खर्च किए हैं. किसानों को कानूनों के बारे में अनेक माध्यमों से समझाने का भरपूरा कोशिश की गई. लेकिन वह समझ नहीं पाए. उन्होंने कहा कि हमने किसानों की बातों और उनके तर्क को समझने में भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ी. जिन कानूनों पर ऐतराज था उनको समझने में सरकार ने भरपूर कोशिश की गई.

Last Updated : Nov 19, 2021, 3:28 PM IST
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