नई दिल्ली/पटना: विपक्षी दलों के सांसदों ने आज राज्यसभा (Rajya Sabha) के सभापति वेंकैया नायडू (Venkaiah Naidu) से मुलाकात की. बैठक के बाद बाहर निकलकर आरजेडी के राज्यसभा सांसद डॉ. मनोज झा (RJD MP Manoj Jha) ने कहा कि हम लोगों ने वेंकैया नायडू को बताया है कि सदन की गरिमा और प्रतिष्ठा आपके हाथों में है. अगर सदन की गरिमा और प्रतिष्ठा को आघात पहुंचता है, तो इससे देश की आत्मा पर आघात होगा. उन्होंने कहा कि जिस तरह से राज्यसभा में महिला सांसदों के साथ मार्शलों द्वारा बदसलूकी की गई, वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है.
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मनोज झा ने कहा कि संसद के मॉनसून सत्र में केंद्र सरकार किसी भी मुद्दे पर चर्चा को तैयार नहीं थी. विपक्ष की आवाज को दबाने की कोशिश संसद में लगातार की गई. पेगासस जासूसी विवाद, कृषि कानून, महंगाई, बेरोजगारी इन तमाम मुद्दों पर सदन में सरकार ने चर्चा नहीं कराई.
उन्होंने कहा कि संसद के सत्र को कल ही खत्म भी कर दिया गया, जबकि इसको 13 अगस्त तक चलना था. इस दौरान जबरन बिल पास कराया जाता है. विधेयकों पर विपक्ष सुझाव देना चाहता है, चर्चा करना चाहता है, लेकिन हो नहीं पाता है.
आरजेडी सांसद ने केंद्र सरकार पर लोकतंत्र की हत्या का आरोप लगाते हुए कहा कि एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) नई संसद की इमारत बना रहे हैं और दूसरी तरफ संसदीय परंपराओं की कब्रगाह भी साथ में खोद रहे हैं, जोकि चिंता का विषय है. लिहाजा इन सभी बातों से हम लोगों ने उपराष्ट्रपति एवं राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू को अवगत करा दिया है.
"मुझे तो कहीं न कहीं लगा रहा है कि प्रधानमंत्री जी नई संसद की इमारत बना रहे हैं और संसदीय परंपराओं की कब्रगाह भी साथ में खोद रहे हैं, ये चिंता का विषय है. उससे उपराष्ट्रपति को अवगत करा दिया है"- डॉ. मनोज झा, राज्यसभा सांसद, आरजेडी
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बता दें संसद का मानसून सत्र हंगामे की भेंट चढ़ गया और समाप्त भी हो गया. वहीं विपक्ष सड़क पर भी एकजुट है. आज कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के नेतृत्व में विपक्ष के करीब 15 पार्टियों ने संसद से विजय तक चौक तक मार्च निकाला. इसके बाद विपक्ष के नेताओं ने राज्य सभा के चेयरमैन नायडू से मुलाकात की. इसमें एनसीपी के शरद पवार, कांग्रेस से मल्लिकार्जुन खड़के, जयराम रमेश, आनंद शर्मा, समाजवादी पार्टी से रामगोपाल यादव, राजद से मनोज झा, शिवसेना से संजय राउत एवं विपक्ष के अन्य नेता भी शामिल थे. नायडू से मुलाकात के बाद नेताओं ने कहा कि बीते दिन जो सदन में हुआ, उसको लेकर शिकायत की है. मार्शल किस तरह सदन में घुसे और किसके कहने पर महिला सांसदों के साथ बदतमीजी की? यह हमने पूछा है.
बुधवार को खत्म हुए संसद के मानसून सत्र के अंतिम दिन कुछ महिला सांसदों ने आरोप लगाया कि राज्यसभा में उनके साथ पुरुष मार्शलों ने बदसलूकी की. कई विपक्षी दलों के नेताओं ने यह आरोप लगाया है. यह घटना तब हुआ जब जनरल इंश्योरेंस बिजनेस, राष्ट्रीयकरण संशोधन विधेयक 2021 पास किया जा रहा था. उस दौरान विपक्षी दलों के सांसद नारेबाजी कर रहे थे और उन्होंने कुछ कागजों को भी फाड़ दिया. विपक्ष के प्रदर्शन को रोकने के लिए सदन में बड़ी संख्या में मार्शलों को तैनात कर दिया गया था. दूसरी तरफ केन्द्र सरकार का कहना है कि सांसदों ने ही मार्शलों को धक्का दिया और उन पर हमला किया. संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने विपक्षी सांसदों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने विपक्ष के सांसदों द्वारा मार्शलों पर गलत व्यवहार करने के आरोप को झूठ बताया और कहा कि कोई भी सीसीटीवी फुटेज से इस बात की जांच कर सकता है.