पटना: राजद विधायक फतेह बहादुर अपने विवादास्पद बयान के कारण चर्चा में बने रहते हैं. हाल ही में उन्होंने मां सरस्वती को लेकर विवादास्पद बयान दिया था. अब राजद के विधायक फतेह बहादुर सिंह अपने क्षेत्र में सावित्रीबाई फुले की जयंती मनाने जा रहे हैं और उसको लेकर राबड़ी आवास के बाहर एक पोस्टर लगाया है. यह पोस्टर 10 सर्कुलर रोड में राबड़ी आवास के बाहर लगाया गया है.
राजद विधायक फतेह बहादुर का मंदिर पर हमला: इस पोस्टर द्वारा राजद के विधायक फतेह बहादुर सिंह ने सावित्रीबाई फुले के द्वारा कही गई बातों को दोहराते हुए फिर से सनातन पर तंज कसा है. पोस्टर में लिखा हुआ है कि मंदिर का मतलब मानसिक गुलामी का मार्ग और स्कूल का मतलब होता है जीवन में प्रकाश का मार्ग. जब मंदिर की घंटी बजती है तो हमें संदेश देती है कि हम अंधविश्वास पाखंड मूर्खता और अज्ञानता की ओर बढ़ रहे हैं. जब स्कूल की घंटी बजती है तो यह संदेश मिलता है कि हम तर्कपूर्ण ज्ञान और वैज्ञानिकता व प्रकाश की ओर बढ़ रहे हैं. अब तय करना है कि आपको किसी ओर जाना चाहिए.
मंदिर को बताया मानसिक गुलामी का प्रतीक: ये बातें सावित्रीबाई फुले की हैं. इस पोस्टर में लालू परिवार की तस्वीर है. राजद सुप्रीमो लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव की तस्वीर पोस्टर में है. एक तरह से देखें तो फतेह बहादुर सिंह ने पोस्टर लगाकर फिर से एक बार मंदिर और सनातन धर्म पर बड़ा हमला किया है और सावित्रीबाई फुले की जयंती के बहाने कहीं ना कहीं जिस तरह की बातें पोस्टर के जरिए उन्होंने कहने की कोशिश की है.
RJD का बीजेपी पर हमला: वहीं पोस्टर पर वॉर भी शुरू हो गया है. बीजेपी जमकर हमला कर रही है तो वहीं आरजेडी बचाव की मुद्रा में आ गई है. सबसे बड़ी बात ये कि जेडीयू का स्टैंड अलग नजर आ रहा है. एक तरफ बीते दिनों जेडीयू के सलाहाकार केसी त्यागी निमंत्रण मिलने पर रामलला के प्राण प्रतिष्ठा में जाने की बातें करते हैं. वहीं दूसरी ओर सरकार में उनके सहयोगी आरजेडी के इस पोस्टर से खलबली मची है और जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार आरजेडी विधायक पर ही हमला करते नजर आए.
"भाजपा की बौद्धिक पूंजी शून्य है. राम को लेकर राजनीति कर रहे हैं. 22 जनवरी को राम मंदिर का उद्घाटन होने वाला है. हो ना हो अगर प्रभु श्री राम धरती पर आ जाएंगे तो सबसे पहले भाजपा के लोगों से ही सवाल करेंगे. श्री राम पीएम मोदी से पूछेंगे कि देश में इतने युवा बेरोजगार क्यों हैं? देश में इतनी महंगाई क्यों बढ़ गई है? देश सिर्फ पूंजीपतियों के हाथ में क्यों है? सावित्रीबाई फुले वंचित समाज की महिला थीं. उनकी जयंती के अवसर पर आरजेडी कार्यक्रम करने वाली है. उसी को लेकर पोस्टर लिखा गया है. उस पर राजनीति करना गलत है."- मनोज झा, सांसद, राजद
'इस बात का सार्वजनिक ऐलान कीजिए माननीय 'कायर बहादुर सिंह जी कि जिसके घर में पूजा-पाठ होती है, अगरबत्ती दिखाई जाती है, सामाजिक समारोह में मंत्रोच्चारण होता है, श्राद्ध होता है या मंत्र की प्रक्रिया पूरी होती है, वहां आप नहीं जाएंगे. ऐसी घोषणा कीजिएगा, तभी माना जाएगा, नहीं तो जनता प्रतीक्षारत रहती है. ऐसे हमला करने वाले लोगों का जनता इलाज जानती है.''- नीरज कुमार, प्रवक्ता, जेडीयू
''आरजेडी मानसिक गुलामी का शिकार है. इन लोगों को न सनातन पर विश्वास है न अपनी संस्कृति पर भरोसा. ये लोग दोहरी राजनीति करते है. कभी परिवारवाद तो कभी कुर्सी के लिए महापुरुषों को भी राजनीति का शिकार बना देता है. ये राक्षसी प्रवृति वाले दल है.'' - अरविंद कुमार सिंह, प्रवक्ता, बीजेपी
पोस्टर में लालू परिवार की तस्वीर: बता दें कि 3 जनवरी को सावित्रीबाई फुले की जयंती है. जिसको लेकर राबड़ी आवास के बाहर ये पोस्टर लगाई गई है. वहीं 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा होना है. इसको लेकर तैयारियां जोरों पर है. वहीं राजद द्वारा पोस्टर के जरिए मंदिर का मतलब मानसिक गुलामी बताना देश की राजनीति में हलचल पैदा कर सकती है.
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