ETV Bharat / state

IAS KK Pathak को कान पकड़कर बाहर कर देना चाहिए.. भाई विरेंद्र बोले- 'उनको क्या चाहिए जल्द करेंगे खुलासा'

बिहार के आईएएस केके पाठक को लेकर एक बार फिर से बिहार की सियासत गरमा गई है. आरजेडी विधायक भाई विरेंद्र ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि उन्हें क्या चाहिए मुझे पता है, जल्द खुलासा करूंगा. ऐसे अधिकारियों को कान पकड़कर बाहर कर देना चाहिए.

kk pathak should be thrown out by holding his ears
kk pathak should be thrown out by holding his ears
author img

By

Published : Jul 5, 2023, 2:04 PM IST

राजद विधायक भाई विरेंद्र

पटना: शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक की कार्यशैली को लेकर लगातार बयानबाजी हो रही है. शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने केके पाठक के कार्यशैली को लेकर पीत पत्र भी लिखा है और अब राजद के विधायक भाई विरेंद्र ने उन्हें विभाग से निकालने की मांग की है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को विभाग से केके पाठक को कान पकड़कर बाहर कर देना चाहिए.

पढ़ें- IAS KK Pathak Viral Video: 1 मिनट में 22 गाली! केके पाठक पर कार्रवाई तय, तेजस्वी ने तो बोल दिया..

केके पाठक पर विरेंद्र का हमला: भाई विरेंद्र ने कहा कि शिक्षा विभाग के अधिकारी खास कर केके पाठक विभागीय मंत्री से बिना सलाह लिए खुद से कुछ से कुछ आदेश जारी करते रहते हैं, जो कहीं से उचित नहीं है. शिक्षा मंत्री ने भी इनकी शिकायत की है. कई बार इनकी शिकायत अन्य विभाग से भी मिली है.

"अभी एक मंत्री ने भी इनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. देखिए ये कैसे अधिकारी हैं कि सरकार में रहकर सरकार को बदनाम करने का प्रयास करते हैं. फैसला लेने से पहले सरकार में बैठे मंत्री से सलाह लेना ही होगा."- भाई विरेंद्र, राजद विधायक

'मुझे मालूम है उन्हें क्या चाहिए': भाई विरेंद्र ने आगे कहा कि शिक्षा विभाग में जब से केके पाठक आए हैं, बहुत कुछ हो रहा है. मुझे ये भी पता है कि उन्हें क्या चाहिए क्या वो करना चाहते हैं, समय आने पर इसका खुलासा हम करेंगे. लेकिन अभी जो स्थिति है उसको देखिए किस तरह केके पाठक तुगलकी फरमान जारी कर रहे हैं.

"हम इनकी शिकायत मुख्यमंत्री से करेंगे और कहेंगे कि ऐसे अधिकारी जो सरकार को बदनाम कर रहे हैं, उसे फौरन कान पकड़कर निकाल देना चाहिए. सरकार को बदनाम करनेवाले अफसर नहीं ही रहे यही अच्छा होगा. हम ये बात कई बार कह चुके हैं कि कुछ अधिकारी ऐसे हैं जिनकी मंशा ठीक नहीं है."- भाई विरेंद्र, राजद विधायक

केके पाठक और शिक्षा मंत्री में ठनी: शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर और विभागीय अपर सचिव के बीच ठनी हुई है. चंद्रशेखर अपने विभाग के अधिकारी की कार्यशैली से नाराज हैं. उन्होंने केके पाठक को पीत पत्र भेजा है. साथ ही विभाग के निदेशक स्तर के पदाधिकारियों को भी पीत पत्र भेजा है. पत्र में लिखा है कि सरकार के कार्य संहिता के हिसाब से काम नहीं हो रहा है. राजपत्रित अधिकारियों को उनके पद के अनुसार काम नहीं दिए जा रहे हैं. इस तरह की कार्यशैली में सुधार लाने की जरूरत है.

क्यों हो रहा हंगामा: दरअसल केके पाठक के नए गाइडलाइन को लेकर भी विरोध हो रहा है. महादलित टोलों के शिक्षकों में इसको लेकर नाराजगी है. नए गाइडलाइन के अनुसार अगर महादलित टोले के शिक्षक जो महादलित बच्चों को पढ़ाते हैं, बच्चों की उपस्थिति 90 फीसदी नहीं रही तो उनके वेतन में कटौती का प्रावधान किया गया है.

कौन हैं केके पाठक?: केके पाठक बिहार के 1990 कैडर के सीनियर आईएएस हैं. उनपर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार में शराबबंदी को रोकने के लिए बड़ी जिम्मेदारी दी थी, वे मद्य निषेध विभाग के प्रधान सचिव रह चुके हैं. पिछले महीने ही इनका तबादला शिक्षा विभाग में कर दिया गया और तबसे शिक्षा विभाग में अपने फैसलों को लेकर केके पाठक विवादों में हैं.

राजद विधायक भाई विरेंद्र

पटना: शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक की कार्यशैली को लेकर लगातार बयानबाजी हो रही है. शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने केके पाठक के कार्यशैली को लेकर पीत पत्र भी लिखा है और अब राजद के विधायक भाई विरेंद्र ने उन्हें विभाग से निकालने की मांग की है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को विभाग से केके पाठक को कान पकड़कर बाहर कर देना चाहिए.

पढ़ें- IAS KK Pathak Viral Video: 1 मिनट में 22 गाली! केके पाठक पर कार्रवाई तय, तेजस्वी ने तो बोल दिया..

केके पाठक पर विरेंद्र का हमला: भाई विरेंद्र ने कहा कि शिक्षा विभाग के अधिकारी खास कर केके पाठक विभागीय मंत्री से बिना सलाह लिए खुद से कुछ से कुछ आदेश जारी करते रहते हैं, जो कहीं से उचित नहीं है. शिक्षा मंत्री ने भी इनकी शिकायत की है. कई बार इनकी शिकायत अन्य विभाग से भी मिली है.

"अभी एक मंत्री ने भी इनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. देखिए ये कैसे अधिकारी हैं कि सरकार में रहकर सरकार को बदनाम करने का प्रयास करते हैं. फैसला लेने से पहले सरकार में बैठे मंत्री से सलाह लेना ही होगा."- भाई विरेंद्र, राजद विधायक

'मुझे मालूम है उन्हें क्या चाहिए': भाई विरेंद्र ने आगे कहा कि शिक्षा विभाग में जब से केके पाठक आए हैं, बहुत कुछ हो रहा है. मुझे ये भी पता है कि उन्हें क्या चाहिए क्या वो करना चाहते हैं, समय आने पर इसका खुलासा हम करेंगे. लेकिन अभी जो स्थिति है उसको देखिए किस तरह केके पाठक तुगलकी फरमान जारी कर रहे हैं.

"हम इनकी शिकायत मुख्यमंत्री से करेंगे और कहेंगे कि ऐसे अधिकारी जो सरकार को बदनाम कर रहे हैं, उसे फौरन कान पकड़कर निकाल देना चाहिए. सरकार को बदनाम करनेवाले अफसर नहीं ही रहे यही अच्छा होगा. हम ये बात कई बार कह चुके हैं कि कुछ अधिकारी ऐसे हैं जिनकी मंशा ठीक नहीं है."- भाई विरेंद्र, राजद विधायक

केके पाठक और शिक्षा मंत्री में ठनी: शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर और विभागीय अपर सचिव के बीच ठनी हुई है. चंद्रशेखर अपने विभाग के अधिकारी की कार्यशैली से नाराज हैं. उन्होंने केके पाठक को पीत पत्र भेजा है. साथ ही विभाग के निदेशक स्तर के पदाधिकारियों को भी पीत पत्र भेजा है. पत्र में लिखा है कि सरकार के कार्य संहिता के हिसाब से काम नहीं हो रहा है. राजपत्रित अधिकारियों को उनके पद के अनुसार काम नहीं दिए जा रहे हैं. इस तरह की कार्यशैली में सुधार लाने की जरूरत है.

क्यों हो रहा हंगामा: दरअसल केके पाठक के नए गाइडलाइन को लेकर भी विरोध हो रहा है. महादलित टोलों के शिक्षकों में इसको लेकर नाराजगी है. नए गाइडलाइन के अनुसार अगर महादलित टोले के शिक्षक जो महादलित बच्चों को पढ़ाते हैं, बच्चों की उपस्थिति 90 फीसदी नहीं रही तो उनके वेतन में कटौती का प्रावधान किया गया है.

कौन हैं केके पाठक?: केके पाठक बिहार के 1990 कैडर के सीनियर आईएएस हैं. उनपर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार में शराबबंदी को रोकने के लिए बड़ी जिम्मेदारी दी थी, वे मद्य निषेध विभाग के प्रधान सचिव रह चुके हैं. पिछले महीने ही इनका तबादला शिक्षा विभाग में कर दिया गया और तबसे शिक्षा विभाग में अपने फैसलों को लेकर केके पाठक विवादों में हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.