पटना: बिहार में राजनीतिक बयानबाजी का दौर चल रहा है. नीतीश के NDA से अलग हाेकर महागठबंधन ( Mahagathbandhan Government In Bihar) के साथ सरकार बनाने के बाद आराेप-प्रत्यारोप का दौर चलरहा है. हर रोज प्रमुख राजनीतिक दलों के नेता एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं. इसी क्रम मे राष्ट्रीय जनता दल के वरिष्ठ नेता और राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री आलोक कुमार मेहता ने बुधवार को कहा कि संजय जायसवाल क्या कोर्ट हैं?. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जयसवाल पर सीधा हमला (RJD Minister Alok Mehta Attack on Sanjay Jaiswal) किया है. ज्ञात हो कि बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर संजय जायसवाल ने राज्य चुनाव आयोग के बारे में कहा था कि यह सरकार के इशारे पर काम कर रहा है.
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संजय जायसवाल से सवाल: दरअसल बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने राज्य चुनाव आयोग को लेकर कहा था की यह सरकार के इशारे पर काम कर रहा है. जिसके बाद आलोक कुमार मेहता ने कहा कि क्या संजय जयसवाल कोर्ट हैं ? संजय जयसवाल रोज इसी तरह की बे सिर पैर की बातें करते हैं. उनकी बात में गंभीरता कितनी है, मैं इस पर टिप्पणी नहीं करना चाहता. आलोक मेहता ने यह भी सवाल किया कि जब वह सरकार में थे तो क्या यह स्टेटस नहीं था? उनको यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि अंतर कहां आ गया? जो आरोप लगा रहे हैं, यह आरोप उन पर भी लगेगा.
"जीतन राम मांझी महागठबंधन के वरिष्ठ नेता है. उनकी प्रतिबंध हटाने की मांग का मतलब यही था कि गरीब लोग अनावश्यक जो गिरफ्तार हो रहे हैं वह नहीं हो. सरकार पूर्ण शराबबंदी के साथ ही रोजगार की दिशा में भी आगे बढ़ रही है. जीतन राम मांझी के इस सवाल का मतलब यही है कि आम जनता को कष्ट न हो." :- आलोक कुमार मेहता, मंत्री राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग
महागठबंधन के वरिष्ठ नेता है जीतन राम मांझी: वही आलोक मेहता ने पूर्व सीएम जीतन राम मांझी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वो महागठबंधन के वरिष्ठ नेता है. उनकी प्रतिबंध हटाने की मांग का मतलब यही था कि गरीब लोग अनावश्यक जो गिरफ्तार हो रहे हैं वह नहीं हो. सरकार पूर्ण शराबबंदी के साथ ही रोजगार की दिशा में भी आगे बढ़ रही है. जीतन राम मांझी के इस सवाल का मतलब यही है कि आम जनता को कष्ट न हो. जो भी इस व्यवसाय में जुड़े हुए हैं. उनके लिए एक वैकल्पिक व्यवस्था हो.
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