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मांझी जी शहाबुद्दीन की मौत से दु:खी हैं तो नीतीश सरकार से इसकी न्यायिक जांच कराइए- फैसल अली

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Published : May 7, 2021, 12:05 PM IST

मो. शहाबुद्दीन के निधन की जांच फैसल अली ने की है. उन्होंने कहा है कि 'साहब' की मौत से मांझी जी दुखी हैं तो नीतीश सरकार से इसकी न्यायिक जांच की अनुशंसा करावें, केवल बयानबाजी न करें.

सैयद फैसल अली
सैयद फैसल अली

पटनाः राजद के पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन की मौत के बाद से लगातार राजनीति जारी है. हम प्रमुख जीतन राम मांझी ने सवाल खड़े किए तो राजद नेता ने जवाब देने में देरी नहीं की. राजद नेता सह शिवहर लोकसभा से पूर्व राजद प्रत्याशी सैयद फैसल अली ने विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि राष्ट्रीय जनता दल के वरीय नेता डॉ. शहाबुद्दीन साहब की मौत पर जिस प्रकार से भाजपा-प्रायोजित राजनीति कर रही है, वह घोर निंदनीय है. अगर पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी शहाबुद्दीन साहब की मौत से दुखी हैं तो नीतीश सरकार से इसकी न्यायिक जांच की अनुशंसा करावें. केवल बयानबाजी न करें.

यह भी पढ़ें- शहाबुद्दीन की मौत पर मांझी का लालू यादव पर हमला, कहा- साहब के साथ जो किया याद रखा जाएगा

सैयद फैसल अली ने मरहूम डॉ. शहाबुद्दीन साहब के निधन पर गहरा दुख प्रकट करते हुए, उनके इलाज में बरती गई लापरवाहियों पर गंभीर प्रश्न चिन्ह उठाए. साथ ही दिल्ली व केंद्र सरकार से उनके इलाज के दौरान की सभी प्रक्रियाओं एवं बिंदुओं पर न्यायिक जांच की मांग की. उन्होंने विपक्षी पार्टियों एवं नेताओं को भी आड़े हाथों लिया. कहा कि जीतन राम मांझी जैसे वरिष्ठ नेता अगर सही में मरहूम शहाबुद्दीन की मौत के विषय पर गंभीर हैं, तो वे सरकार से अपील करने के बजाए बिहार सरकार से जांच के लिए अनुशंसा करवाकर केंद्र को भेजने का काम करें.

सियासी रोटी ना सेकें
उन्होंने कहा, अगर मांझी ऐसा नहीं करते हैं, तो कम से कम मरहुम की मौत पर सियासी रोटी न सेकें. कहा कि केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार ये बताए कि किस परिस्थिति में एक अंतर्राष्ट्रीय माफिया डॉन छोटा राजन का इलाज देश के सबसे बड़े अस्पताल एआइआइएमएस में होना संभव होता है. लेकिन चार बार सांसद रहे, दो बार के विधायक रहे, राजद के कद्दावर नेता शहाबुद्दीन का इलाज उनके परिजनों एवं उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप के बावजूद दिल्ली के किसी बड़े अस्पताल में संभव नहीं हो पाया.

लंबे समय तक नहीं हो सकती भरपाई
उन्होंने कहा डॉ. शहाबुद्दीन साहब का निधन धर्म निरपेक्ष समाज विशेष करके राजद परिवार के लिए एक अपूर्णीय क्षति है, जिसकी भरपाई लंबे समय तक नही की जा सकती है. राजद परिवार शहाबुद्दीन साहब के परिवार के साथ खड़ी है. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि तेजस्वी यादव के हस्तक्षेप के बाद उनके पार्थिव शरीर को दिल्ली के आइटीओ कब्रिस्तान में दफन किया जा सका. इसकी जानकारी जिला मीडिया प्रभारी जावेद अहमद ने दी.

यह भी पढ़ें- जब सीवान में शहाबुद्दीन की कोठी पर तेजाब से नहला दिए गए थे चंदा बाबू के दो बेटे

मांझी ने किया था ट्वीट
हम पार्टी के अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने ट्वीट कर कहा, "कितना भी वर्चुअल मीटिंग कर लीजिए, अब सबको पता लग गया है कि बुरे वक्त में आप अपनों का साथ छोड़ देतें हैं. साहब के साथ जो आपने किया उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता. सब याद रखा जाएगा, सब कुछ याद रखा जाएगा."

न्यायिक जांच की मांग
बता दें कि बिहार में सत्ताधारी एनडीए के सहयोगी दल हम के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने पूर्व सांसद के मौत की न्यायिक जांच की मांग की है. इससे पहले मांझी ने सोमवार को ट्वीट कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से आग्रह किया कि सीवान के पूर्व सांसद सैयद शहाबुद्दीन के निधन की न्यायिक जांच एवं उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाए.

एक मई को कोरोना से हुआ था निधन
बता दें कि राजद के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन का दिल्ली के एक अस्पताल में एक मई को निधन हो गया था, जहां उनका कोरोना का इलाज चल रहा था. पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन को सोमवार को दिल्ली के कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया गया. शहाबुद्दीन 2004 के दोहरे हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहे थे. उन्हें 2018 में तिहाड़ जेल में ट्रांसफर कर दिया गया था.

तेजस्वी को मिली थी चेतावनी
ओसामा साहब के नाम से जिस अकाउंट से ट्वीट किया गया था, उसमें लिखा गया था, "अगर हमारे अब्बू डॉ. शहाबुद्दीन साहब अपनी जन्मभूमि सिवान में दफन नहीं हुए तो तेजस्वी यादव की राजनीति हमेशा के लिए जमीन में दफन हो जाएगी, इंशाअल्लाह!!."

ये भी पढ़ें- शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा ने दी तेजस्वी की राजनीति को दफन करने की चेतावनी, तो हिल गया लालू परिवार!

ट्विटर अकाउंट पर उठे थे सवाल
हालांकि, ओसामा साहब के नाम से जिस अकाउंट से ट्वीट किया जा रहा था, उसपर सवाल उठ रहे हैं. कई ट्वीट में इसका जिक्र किया गया था कि इस अकाउंट को किसी और नाम से चलाया जाता था.

यह भी पढ़ें- जब दहला था सीवान का कलेजा, शहाबुद्दीन के गांव प्रतापपुर में गिरी थीं 13 लाशें

यह भी पढ़ें- आरजेडी के बाहुबली नेता शहाबुद्दीन का कोरोना से निधन

यह भी पढ़ें- जेल और अस्पताल में लगाते थे 'दरबार', एसपी पर भी कर चुके हैं वार, जानिए शहाबुद्दीन का अब तक का सफर

पटनाः राजद के पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन की मौत के बाद से लगातार राजनीति जारी है. हम प्रमुख जीतन राम मांझी ने सवाल खड़े किए तो राजद नेता ने जवाब देने में देरी नहीं की. राजद नेता सह शिवहर लोकसभा से पूर्व राजद प्रत्याशी सैयद फैसल अली ने विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि राष्ट्रीय जनता दल के वरीय नेता डॉ. शहाबुद्दीन साहब की मौत पर जिस प्रकार से भाजपा-प्रायोजित राजनीति कर रही है, वह घोर निंदनीय है. अगर पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी शहाबुद्दीन साहब की मौत से दुखी हैं तो नीतीश सरकार से इसकी न्यायिक जांच की अनुशंसा करावें. केवल बयानबाजी न करें.

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सैयद फैसल अली ने मरहूम डॉ. शहाबुद्दीन साहब के निधन पर गहरा दुख प्रकट करते हुए, उनके इलाज में बरती गई लापरवाहियों पर गंभीर प्रश्न चिन्ह उठाए. साथ ही दिल्ली व केंद्र सरकार से उनके इलाज के दौरान की सभी प्रक्रियाओं एवं बिंदुओं पर न्यायिक जांच की मांग की. उन्होंने विपक्षी पार्टियों एवं नेताओं को भी आड़े हाथों लिया. कहा कि जीतन राम मांझी जैसे वरिष्ठ नेता अगर सही में मरहूम शहाबुद्दीन की मौत के विषय पर गंभीर हैं, तो वे सरकार से अपील करने के बजाए बिहार सरकार से जांच के लिए अनुशंसा करवाकर केंद्र को भेजने का काम करें.

सियासी रोटी ना सेकें
उन्होंने कहा, अगर मांझी ऐसा नहीं करते हैं, तो कम से कम मरहुम की मौत पर सियासी रोटी न सेकें. कहा कि केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार ये बताए कि किस परिस्थिति में एक अंतर्राष्ट्रीय माफिया डॉन छोटा राजन का इलाज देश के सबसे बड़े अस्पताल एआइआइएमएस में होना संभव होता है. लेकिन चार बार सांसद रहे, दो बार के विधायक रहे, राजद के कद्दावर नेता शहाबुद्दीन का इलाज उनके परिजनों एवं उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप के बावजूद दिल्ली के किसी बड़े अस्पताल में संभव नहीं हो पाया.

लंबे समय तक नहीं हो सकती भरपाई
उन्होंने कहा डॉ. शहाबुद्दीन साहब का निधन धर्म निरपेक्ष समाज विशेष करके राजद परिवार के लिए एक अपूर्णीय क्षति है, जिसकी भरपाई लंबे समय तक नही की जा सकती है. राजद परिवार शहाबुद्दीन साहब के परिवार के साथ खड़ी है. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि तेजस्वी यादव के हस्तक्षेप के बाद उनके पार्थिव शरीर को दिल्ली के आइटीओ कब्रिस्तान में दफन किया जा सका. इसकी जानकारी जिला मीडिया प्रभारी जावेद अहमद ने दी.

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मांझी ने किया था ट्वीट
हम पार्टी के अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने ट्वीट कर कहा, "कितना भी वर्चुअल मीटिंग कर लीजिए, अब सबको पता लग गया है कि बुरे वक्त में आप अपनों का साथ छोड़ देतें हैं. साहब के साथ जो आपने किया उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता. सब याद रखा जाएगा, सब कुछ याद रखा जाएगा."

न्यायिक जांच की मांग
बता दें कि बिहार में सत्ताधारी एनडीए के सहयोगी दल हम के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने पूर्व सांसद के मौत की न्यायिक जांच की मांग की है. इससे पहले मांझी ने सोमवार को ट्वीट कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से आग्रह किया कि सीवान के पूर्व सांसद सैयद शहाबुद्दीन के निधन की न्यायिक जांच एवं उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाए.

एक मई को कोरोना से हुआ था निधन
बता दें कि राजद के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन का दिल्ली के एक अस्पताल में एक मई को निधन हो गया था, जहां उनका कोरोना का इलाज चल रहा था. पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन को सोमवार को दिल्ली के कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया गया. शहाबुद्दीन 2004 के दोहरे हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहे थे. उन्हें 2018 में तिहाड़ जेल में ट्रांसफर कर दिया गया था.

तेजस्वी को मिली थी चेतावनी
ओसामा साहब के नाम से जिस अकाउंट से ट्वीट किया गया था, उसमें लिखा गया था, "अगर हमारे अब्बू डॉ. शहाबुद्दीन साहब अपनी जन्मभूमि सिवान में दफन नहीं हुए तो तेजस्वी यादव की राजनीति हमेशा के लिए जमीन में दफन हो जाएगी, इंशाअल्लाह!!."

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ट्विटर अकाउंट पर उठे थे सवाल
हालांकि, ओसामा साहब के नाम से जिस अकाउंट से ट्वीट किया जा रहा था, उसपर सवाल उठ रहे हैं. कई ट्वीट में इसका जिक्र किया गया था कि इस अकाउंट को किसी और नाम से चलाया जाता था.

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