पटना : राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी (RJD Leader Shivanand Tiwari) ने लालू प्रसाद यादव और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) में जब समझौता हुआ तो, यह हुआ कि राजद के विधायकों की संख्या ज्यादा है. नीतीश कुमार की पार्टी की विधायकों की संख्या 43-44 है. इसके बाद भी यह तय हुआ कि नीतीश ही मुख्यमंत्री होंगे और वहीं सरकार का नेतृत्व करेंगे. लोकसभा और विधानसभा का चुनाव होने वाला है. उसमें भी उनकी मुख्य भूमिका होगी. फिर उपमुख्यमंत्री की बात कहां से आयी.
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जो फॉर्मूला पहले था वही चलेगा : शिवानंद तिवारी ने कहा कि नीतीश कुमार गठबंधन में है. इसके पहले बीजेपी के गठबंधन में थे. जो विधायकों की संख्या होती थी, उसी के अनुपात में मंत्रियों की संख्या निर्धारित होती थी. बीजेपी की संख्या ज्यादा हो गई, तो मंत्रियों की संख्या ज्यादा थी. नीतीश कुमार के मंत्रियों की संख्या कम थी. जो फार्मूला नीतीश कुमार बनाए हुए हैं, उसी फार्मूले के आधार पर देखा जाए तो आपको लगेगा कि आप जो सवाल पूछ रहे हैं वह गलत है.
सत्ता पक्ष का कोई नेता समाधान यात्रा पर सवाल नहीं उठाता : सीएम नीतीश कुमार की समाधान यात्रा के बारे में शिवानंद तिवारी का कहना था कि इस यात्रा को लेकर विपक्ष आवाज उठा रहा है. वह विपक्ष के निशाने पर नहीं रहेंगे तो इसका मतलब है कि विपक्ष निर्जीव हो गया है. विपक्ष का काम ही निशाने पर लेना है. लेकिन मुझे ऐसा नहीं लगता कि समाधान यात्रा को लेकर वह (नीतीश) पक्ष के निशाने पर हैं. मैंने किसी का बयान ऐसा नहीं देखा कि सीएम की समाधान यात्रा गलत है. इसकी आलोचना भी मैंने किसी से नहीं सुनी.
हालांकि शिवानंद का यह भी कहना था कि अगर कोई इंडिविजुअल इसकी बात कर रहा है तो वह दूसरी बात है. लेकिन वह कोई अथॉरिटी नहीं है. अगर जगदानंद सिंह, तेजस्वी या लालू प्रसाद कुछ कहते हैं तो उसका मतलब होता. पार्टी में 80 विधायक हैं. उसमें से एक विधायक कुछ बोल दिया तो, वो पार्टी का प्रतिनिधित्व करने वाली आवाज है, ऐसा नहीं कहा जा सकता.