पटनाः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने शुक्रवार को कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima) के अवसर पर तीनों नए कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान कर दिया. जिसके बाद कई राजनीतिक दलों ने पीएम के इस फैसले को स्वागत योग्य बताया. तो वहीं इस कानून की वापसी को विपक्ष ने किसानों की जीत करार दिया है.
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राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि यह साफ तौर पर नजर आता है कि 5 राज्यों में जो चुनाव होने वाले हैं और उनमें पंजाब शामिल है, जिसे देखते हुए मजबूरी में भारतीय जनता पार्टी ने यह फैसला लिया है. लेकिन अब इसमें काफी देर हो चुकी है.
मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि चाहे किसान हो या आम लोग सभी बीजेपी की चालाकी समझ चुके हैं. अब कानून वापस लेने का कोई फायदा चुनाव में उनको नहीं मिलने वाला. तीनों कानून की वापसी पूंजीपतियों, उनके रखवालों और सरकार की हार है. ये सिर्फ और सिर्फ किसानों की जीत है.
आपको बता दें कि राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरु पर्व और कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान कर दिया है. प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं आज देशवासियों से क्षमा मांगते हुए और देशवासियों से यह कहना चाहता हूं कि हमारी तपस्या में कोई कमी रह गई होगी. हम कुछ किसान भाइयों को समझा नहीं पाए.
पीएम मोदी ने ये भी कहा कि आज गुरुनानक देव का पवित्र पर्व है. ये समय किसी को दोष देने का समय नहीं है. आज पूरे देश को यह बताने आया हूं कि तीन कृषि कानूनों का वापस लेने का फैसला किया है. इस महीने के अंत में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की संवैधानिक प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी.
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