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बिहार महासमर 2020: तीसरे चरण में RJD की 22 सीटिंग सीटों पर मुकाबला, दिग्गजों पर नई सीटें जीतने का दबाव - बिहार महासमर 2020

बिहार विधानसभा के पहले और दूसरे चरण का मतदान शांतिपूर्वक संपन्न हो चुका है. वहीं तीसरे चरण के लिए प्रचार-प्रसार थम गया है. आगामी 7 तारीख को मतदान होना है.

पटना
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Published : Nov 5, 2020, 7:52 PM IST

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण में कुल 78 सीटों पर मतदान होना है. आगामी 7 नवंबर को वोट डाले जाने हैं. इस चरण में महागठबंधन की ओर से राजद 46, कांग्रेस 25 और वाम दल 7 सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं. कांग्रेस के लिए तीसरा चरण सबसे अहम है जबकि राजद भी अपने ज्यादातर पुराने चेहरों के भरोसे मैदान में ह.। हालांकि जिस तरह से राजद ने अपने तीन प्रमुख नेताओं को विधानसभा क्षेत्र बदलकर मैदान में उतारा है, उसे राजद की रणनीति का एक हिस्सा माना जा रहा है.

वर्तमान में राजद के पास तीसरे चरण में जो सीटिंग सीट हैं वह नरकटिया, ढाका, सुरसंड, खजौली, बिस्फी, पिपरा, नरपतगंज, जोकीहाट, बायसी, बरारी, मधेपुरा, सहरसा, महिषी, बहादुरपुर, केवटी, गायघाट, औराई, सकरा, महुआ, सिमरी बख्तियारपुर, पातेपुर और समस्तीपुर है. इन 22 सीटों में से एक सकरा सीट कांग्रेस के हिस्से में चली गई है जबकि औराई सीट भाकपा माले के पास है. ऐसे में मुकाबला दिलचस्प होने की उम्मीद है.

तीसरे चरण में आरजेडी का समीकरण
तीसरे चरण में जिन 46 सीटों पर राजद चुनाव लड़ रहा है उनमें से 11 मुस्लिम उम्मीदवार हैं. सीमांचल मुस्लिम बहुल इलाका होने के कारण विशेष रूप से राजद और कांग्रेस के लिए चुनौतीपूर्ण है. यह चुनौती ओवैसी के होने से ज्यादा बढ़ गई है. तीसरे चरण में राष्ट्रीय जनता दल के लिए सबसे महत्वपूर्ण उम्मीदवारों में से अब्दुल बारी सिद्दीकी, रमई राम, सरफराज आलम, चन्द्रशेखर, शिवचंद्र राम और लवली आनंद हैं.

पुराने चहेरों पर दांव
रमई राम 9 बार विधायक का चुनाव जीत चुके हैं जबकि अब्दुल बारी सिद्दीकी भी 7 बार विधायक और कई बार मंत्री भी रहे हैं. अब्दुल बारी सिद्दीकी इस बार राजद के लिए तीसरे चरण में तारणहार हो सकते हैं क्योंकि मुस्लिम नेताओं में एक प्रमुख चेहरा है. उनका विधानसभा क्षेत्र इस बार अलीनगर की जगह केवटी है. जहां मुस्लिम बाहुल्य होने के साथ-साथ असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी से राजद का मुकाबला है. पार्टी ने एक विशेष रणनीति के तहत भोला यादव का विधानसभा क्षेत्र भी बदल दिया है. उन्हें इस बार हायाघाट से टिकट मिला है. इधर पूर्व मंत्री शिवचंद्र राम को भी इस बार पातेपुर से मैदान में उतारा गया है.

विपक्षी दलों का हाल
हाल ही में जदयू से राजद में शामिल हुए अमरनाथ गामी के लिए दरभंगा शहरी क्षेत्र नया है. वह पिछली बार हायाघाट से चुनाव लड़े थे. तीसरे चरण में महुआ विधानसभा सीट पर मतदान होगा. जिससे पिछली बार तेज प्रताप यादव निर्वाचित हुए थे. इस बार पार्टी ने मुकेश रोशन को यहां से उम्मीदवार बनाया है क्योंकि तेज प्रताप यादव ने अपना विधानसभा सीट बदल लिया. राष्ट्रीय जनता दल ने व्यवसायिक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष रणविजय साहू को भी इस बार मैदान में उतारा है. वह समस्तीपुर के मोरवा से चुनाव लड़ रहे हैं. हाल ही में राजद में शामिल हुई लवली आनंद को पार्टी ने सहरसा से अपना उम्मीदवार बनाया है. इनके अलावा पूर्व मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर मधेपुरा से मैदान में हैं.

सीमांचल की जनता तय करेगी सरकार!
तीसरे चरण में एक खास बात पर गौर करें तो यह प्रचलित है कि मिथिलांचल और सीमांचल में जनता ने जिस पार्टी पर मेहरबानी दिखाई बिहार में उसकी सरकार बनने तय है. यही वजह है कि जदयू, बीजेपी, राजद और कांग्रेस समेत तमाम दलों ने अपनी पूरी ताकत तीसरे चरण में झोंक दी है.

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण में कुल 78 सीटों पर मतदान होना है. आगामी 7 नवंबर को वोट डाले जाने हैं. इस चरण में महागठबंधन की ओर से राजद 46, कांग्रेस 25 और वाम दल 7 सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं. कांग्रेस के लिए तीसरा चरण सबसे अहम है जबकि राजद भी अपने ज्यादातर पुराने चेहरों के भरोसे मैदान में ह.। हालांकि जिस तरह से राजद ने अपने तीन प्रमुख नेताओं को विधानसभा क्षेत्र बदलकर मैदान में उतारा है, उसे राजद की रणनीति का एक हिस्सा माना जा रहा है.

वर्तमान में राजद के पास तीसरे चरण में जो सीटिंग सीट हैं वह नरकटिया, ढाका, सुरसंड, खजौली, बिस्फी, पिपरा, नरपतगंज, जोकीहाट, बायसी, बरारी, मधेपुरा, सहरसा, महिषी, बहादुरपुर, केवटी, गायघाट, औराई, सकरा, महुआ, सिमरी बख्तियारपुर, पातेपुर और समस्तीपुर है. इन 22 सीटों में से एक सकरा सीट कांग्रेस के हिस्से में चली गई है जबकि औराई सीट भाकपा माले के पास है. ऐसे में मुकाबला दिलचस्प होने की उम्मीद है.

तीसरे चरण में आरजेडी का समीकरण
तीसरे चरण में जिन 46 सीटों पर राजद चुनाव लड़ रहा है उनमें से 11 मुस्लिम उम्मीदवार हैं. सीमांचल मुस्लिम बहुल इलाका होने के कारण विशेष रूप से राजद और कांग्रेस के लिए चुनौतीपूर्ण है. यह चुनौती ओवैसी के होने से ज्यादा बढ़ गई है. तीसरे चरण में राष्ट्रीय जनता दल के लिए सबसे महत्वपूर्ण उम्मीदवारों में से अब्दुल बारी सिद्दीकी, रमई राम, सरफराज आलम, चन्द्रशेखर, शिवचंद्र राम और लवली आनंद हैं.

पुराने चहेरों पर दांव
रमई राम 9 बार विधायक का चुनाव जीत चुके हैं जबकि अब्दुल बारी सिद्दीकी भी 7 बार विधायक और कई बार मंत्री भी रहे हैं. अब्दुल बारी सिद्दीकी इस बार राजद के लिए तीसरे चरण में तारणहार हो सकते हैं क्योंकि मुस्लिम नेताओं में एक प्रमुख चेहरा है. उनका विधानसभा क्षेत्र इस बार अलीनगर की जगह केवटी है. जहां मुस्लिम बाहुल्य होने के साथ-साथ असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी से राजद का मुकाबला है. पार्टी ने एक विशेष रणनीति के तहत भोला यादव का विधानसभा क्षेत्र भी बदल दिया है. उन्हें इस बार हायाघाट से टिकट मिला है. इधर पूर्व मंत्री शिवचंद्र राम को भी इस बार पातेपुर से मैदान में उतारा गया है.

विपक्षी दलों का हाल
हाल ही में जदयू से राजद में शामिल हुए अमरनाथ गामी के लिए दरभंगा शहरी क्षेत्र नया है. वह पिछली बार हायाघाट से चुनाव लड़े थे. तीसरे चरण में महुआ विधानसभा सीट पर मतदान होगा. जिससे पिछली बार तेज प्रताप यादव निर्वाचित हुए थे. इस बार पार्टी ने मुकेश रोशन को यहां से उम्मीदवार बनाया है क्योंकि तेज प्रताप यादव ने अपना विधानसभा सीट बदल लिया. राष्ट्रीय जनता दल ने व्यवसायिक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष रणविजय साहू को भी इस बार मैदान में उतारा है. वह समस्तीपुर के मोरवा से चुनाव लड़ रहे हैं. हाल ही में राजद में शामिल हुई लवली आनंद को पार्टी ने सहरसा से अपना उम्मीदवार बनाया है. इनके अलावा पूर्व मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर मधेपुरा से मैदान में हैं.

सीमांचल की जनता तय करेगी सरकार!
तीसरे चरण में एक खास बात पर गौर करें तो यह प्रचलित है कि मिथिलांचल और सीमांचल में जनता ने जिस पार्टी पर मेहरबानी दिखाई बिहार में उसकी सरकार बनने तय है. यही वजह है कि जदयू, बीजेपी, राजद और कांग्रेस समेत तमाम दलों ने अपनी पूरी ताकत तीसरे चरण में झोंक दी है.

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