पटना: पुलिस विधेयक को लेकर बजट सत्र के दौरान सदन के अंदर भारी बवाल के बीच सरकार ने बिल को पास करवा लिया हैं. लेकिन इस बिल को लेकर आरजेडी का विरोध जारी है. आरजेडी नेता लगातार सरकार नीतीश कुमार के ऊपर हमलावर हैं. इन सबके पुलिस विधेयक को लेकर राजद ने सीएम नीतीश कुमार पर हमला करते हुए कहा कि इस कानून के जरिए सीएम नीतीश जनरल डायल बनने की कोशिश कर रहे हैं. इसलिए इस कानून को लेकर अब हम लोग प्रखंड मुख्यालय से लेकर जिला मुख्यालय तक विरोध प्रदर्शन करेंगे और 26 मार्च को बिहार बंद भी करेंगे.
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पुलिसवालों को क्लीनचीट
बिहार विधानसभा बजट सत्र के आखिरी दो दिन विपक्ष द्वारा लगातार पुलिस विधायक को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस द्वारा विधायकों की हुई हाथापाई को लेकर सोशल मीडिया पर लगातार वीडियो वायरल हो रहा है. इन सब के बीच कल मुख्यमंत्री ने साफ कह दिया की पुलिसवालों की कोई गलती नहीं थी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा पुलिस प्रशासन को क्लीन चिट देने के बाद राजद एक बार फिर हमलावर हो गई है.
जनरल डायर बनने का शौक
राजद विधायक सुधाकर सिंह नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए कहा कि इस कार्यकाल में मुख्यमंत्री को जनरल डायर और हिटलर बनने का शौक हो गया है. क्योंकि वह अब अंतिम दौर में हैं, हम लोग तो अभी सदन के अंदर सीखने आए हैं, विधानसभा के जितने भी सीनियर सदस्य हैं उनसे हम लोग सीख रहे है कि वो लोगों ने हमें कौन सी परंपरा देखकर जा रहे हैं. पुलिस विधायक को पीट रही थी. सदन के अंदर पुलिस द्वारा हुई हाथापाई को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भले ही क्लीन चिट दे दिया हो.
CM पर झूठ बोलने का आरोप
राजद विधायक ने सीएम नीतीश को चुनौती देते हुए कहा कि यदि उनके पास एक भी वीडियो दिखा दे जिसमें विधायक पुलिस को पीट रहा हो. सीएम अब खुलेआम झूठ बोलने में लगे हुए हैं. आरजेडी विधायक ने कहा कि जिस तरह से माननीय के ऊपर पुलिस द्वारा हमला किया गया, इसी आशंका को लेकर हम लोग कानून का विरोध कर रहे थे. यह अधिकार इस देश में लगे आर्मी के सुरक्षाकर्मियों के पास हैं. लेकिन राज्य की जितनी भी पुलिस है. उनके पास असीमित अधिकार नहीं है. बल्कि उनके पास सीमित अधिकार है. इस कानून के जरिए उन्हें असीमित अधिकार दिया जा रहा है.
कानून में बदलवा किये गये
राजद विधायक ने कहा कि यह कानून तो 1978 में कर्पूरी ठाकुर के नेतृत्व में बना था, लेकिन नीतीश कुमार द्वारा उस कानून को लेकर जो दलील दी जा रही है ,वह झूठा है. कर्पूरी ठाकुर के समय जब यह कानून बना था ,उस समय बताया गया था कि सार्वजनिक संपत्तियों के रखरखाव को लेकर जब पुलिस की नियुक्ति होगी, उसका सुपरविजन कलेक्टर करेगा. लेकिन इस कानून में सीएम नीतीश कुमार ने इसको बदल दिया कलेक्टर की भूमिका को समाप्त करके अब पुलिस पदाधिकारी की भूमिका को ही इन्होंने आगे कर दिया है.
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26 मार्च को बिहार बंद
राजद विधायक ने कहा कि इस कानून में दो चीज का हम लोग विरोध कर रहे हैं. पहला बिना वारंट की गिरफ्तारी और दूसरा सर्च करते समय पुलिस पदाधिकारी द्वारा किसी बेगुनाह व्यक्ति को गोली मार दिया जाता है, उसकी सुनवाई कोर्ट में नहीं होगी. यही दो बिंदुओं को हम लोग विरोध कर रहे हैं. इन दिनों को लेकर जो हम लोग सदन के अंदर विरोध कर रहे थे. कार्य स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा करने की मांग कर रहे थे. अब यह कानून जब पास हो गया है ,लेकिन हमारा विरोध खत्म नहीं हुआ है. इसलिए इस कानून को लेकर अब हम लोग प्रखंड मुख्यालय से लेकर जिला मुख्यालय तक विरोध प्रदर्शन करेंगे और 26 मार्च को बिहार बंद भी करेंगे.