नई दिल्ली/पटना: बीजेपी (BJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) के 'गुंडाराज और अपहरण उद्योग' वाले बयान पर आरजेडी ने पलटवार किया है. पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रो. सुबोध मेहता (RJD Prof. Subodh Mehta) ने कहा कि नड्डा को शायद तथ्यों और आंकड़ों की सही जानकारी नहीं है.
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सामाजिक न्याय के नाम हमारा कार्यकाल
आरजेडी प्रवक्ता ने जेपी नड्डा पर पलटवार करते हुए कहा कि जंगल राज तो वास्तव में एनडीए के शासनकाल में है. लालू-राबड़ी का कार्यकाल तो सामाजिक न्याय के नाम रहा था. उन्होंने बिहार पुलिस के क्राइम रिकॉर्ड का हवाला देते हुए बीजेपी अध्यक्ष को घेरा है.
नीतीश सरकार में अपराध बढ़े
प्रो. सुबोध मेहता ने कहा कि मार्च 2021 के आंकड़े के मुताबिक प्रदेश में 2001 में आरजेडी के शासनकाल में 1680 अपहरण के मामले दर्ज हुए थे. वहीं 2020 में NDA के शासन काल में ये आंकड़ा 10,500 है. रेप के मामले 2001 में 750 थे, जो 2020 में 1500 हो गए. वहीं, 2001 में संज्ञेय अपराध (Cognisable Offence) के मामले 95,000 थे, जो 2020 में 2 लाख 75 हजार हो गए है.
'लालू फोबिया' से बीजेपी ग्रसित
आरजेडी नेता ने कहा कि नड्डा समेत पूरी भारतीय जनता पार्टी 'लालू फोबिया' से ग्रसित है. लालू यादव जब मुख्यमंत्री बने तो बिहार में सामाजिक न्याय के लिए काम हुआ. गरीब, वंचितों, दबे-कुचलों को ताकत मिली और समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास की रोशनी पहुंची.
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एनडीए ने किया बंटाधार
सुबोध मेहता ने दावा किया कि आरजेडी के शासनकाल को याद करने वाले लोग 15 साल के नीतीश के कामकाज को भी देख लें. सच तो ये है कि नीतीश कुमार और एनडीए की सरकार ने 15 सालों में बिहार का बंटाधार कर दिया है.
क्या कहा था नड्डा ने?
दरअसल, रविवार को प्रदेश कार्यसमिति को वर्चुअली संबोधित करते हुए बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने आरजेडी पर निशाना साधा था. लालू यादव का नाम लिए बगैर कहा- 'आरजेडी के शासनकाल में शाम के पांच बजे के बाद कोई घर से नहीं निकलता था. अपहरण उद्योग की तरह चल रहा था. बिहार में जंगलराज था. उस दौर से निकलकर आज खिलता हुआ, आगे बढ़ता हुआ बिहार हम देख रहे हैं. इसमें भाजपा का बहुत बड़ा योगदान है".