पटना: राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की ओर से बिहार राज्य में औद्योगीकरण की प्रक्रिया को बढ़ावा देने के लिए एक पोर्टल को विकसित किया गया है. दरअसल विभाग ने कृषि भूमि को गैर कृषि प्रयोजनों के लिए संपरिवर्तन की पूरी प्रक्रिया को ऑनलाइन कर दिया है. पोर्टल का शुभारंभ राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री आलोक मेहता ने किया.
लैंड कन्वर्जन पोर्टल लॉन्च: पोर्टल के लॉन्च हो जाने से अब कोई भी उद्यमी घर बैठे पोर्टल के वेबसाईट landconversion.bihar.gov.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन दे सकता है. साथ ही लैंड कनवर्जन प्रमाण पत्र को ऑनलाइन डाउन लोड भी कर सकता है. इस मौके पर भूमि एवं राजस्व मंत्री आलोक मेहता ने कहा कि कृषि भूमि का गैर कृषि प्रयोजनार्थ संपरिवर्तन का आदेश देने के लिए सक्षम प्राधिकार अनुमंडल पदाधिकारी को बनाया गया है.
ऑनलाइन माध्यम से होंगे सारे काम: मंत्री ने बताया कि इस कार्य के लिए भूमि सुधार उप समाहर्त्ता को सक्षम प्राधिकार बनाने पर भी विभाग विचार कर रहा है. अब भुगतान की प्रक्रिया को भी ऑनलाइन कर दिया गया है, यानि की इंटरनेट बैंकिग, डेबिट (रूपे), क्रेडिट कार्ड एवं UPI के माध्यम से भुगतान किया जा सकता है. संपरिवर्तन फीस अधिसूचित भूमि के बाजार मूल्य का 10 फीसदी तय है.
संपरिवर्तन की कार्रवाई जारी: वहीं पूर्व में सक्षम प्राधिकार द्वारा स्वप्रेरणा से या अंचल अधिकारी द्वारा समर्पित प्रतिवेदन के आधार पर संपरिवर्तन की कार्रवाई की जाती थी, यह प्रकिया आगे भी जारी रहेगी. अब इस प्रक्रिया के ऑनलाइन होने से निष्पक्षता एवं पारदर्शिता को बढ़ावा मिलेगा और उद्यमी वर्ग को सरकारी कार्यालयों का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा. पहले की तरह थोड़े मामलों में भूमि संपरिवर्तन में अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी.
ऐसे भूमि में संपरिवर्तन की जरूरत नहीं: बताया गया कि छोटी दुकानों के लिए उपयोग में लायी जानेवाली 500 वर्गफीट से कम भूमि में संपरिवर्तन की जरूरत नहीं होगी. एक एकड़ से कम पारंपरिक पेशा से जुड़े सूक्ष्म गृह उद्योग के लिए भी यह आवश्यक नहीं होगा. बिहार कृषि भूमि (गैर कृषि प्रयोजनों के लिए संपरिवर्तन) अधिनियम, 2010 के अनुसार अनुमंडल पदाधिकारी के आदेश से व्यथित व्यक्ति 60 दिनों के भीतर समाहर्ता के समक्ष अपील दायर कर सकेगा. साथ ही अपीलीय आदेश के विरुद्ध 30 दिनों के भीतर प्रमंडलीय आयुक्त के समक्ष पुनरीक्षण के बाद दायर करने का प्रावधान है.
डीजिटली होंगे जमीन संबंधी काम: आलोक मेहता ने कहा कि विभाग के द्वारा लगातार लोगों की सुविधा को देखते हुए ऑनलाइन कार्य संपादित करने की व्यवस्था की जा रही है. जैसे दाखिल खारिज ऑनलाइन होने लगा, उससे लोगों को काफी सुविधा होने लगी है अब दावे प्रतिदावे भी ऑनलाइन होने लगे हैं. कहा कि जमीन संबंधी कार्य के लिए भी डिजिटल माध्यम से व्यवस्था की जा रही है.
"हमारा प्रयास है कि लोगों को जमीन संबंधी कार्य को करने में सहूलियत हो, इसको लेकर डिजिटल माध्यम से व्यवस्था को लागू किया जा रहा है. आगे भी कई ऐसे कार्य हैं, जिसे ऑनलाइन करने का काम विभाग करेगा."- आलोक मेहता, मंत्री, बिहार सरकार