पटना : केके पाठक ने बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव का पद छोड़ दिया है. बता दें कि केके पाठक की हनक पूरे शिक्षा विभाग पर थी. उनकी वजह से बिहार के शिक्षा विभाग में काफी कुछ सुधार हुआ था. हालांकि केके पाठक का पूरा कार्यकाल भी काफी विवादित रहा है. उनके फैसले से पूरा विभाग त्रस्त था. सख्त मिजाज और तेज तर्रार आईएएस ऑफिसर के रूप में उनकी छवि रही है. केके पाठक जिस भी विभाग में रहे हैं उन्होंने उसमें बेहतर काम किया है.
केके पाठक का इस्तीफा : शिक्षा विभाग के अफसर केके पाठक के इस्तीफे की मांग अक्सर राजनीतिज्ञ भी करते रहे हैं. लेकिन उन्होंने इस पद को किसी दबाव में नहीं बल्कि खुद ही छोड़ दिया है. उन्होंने सामान्य प्रशासन विभाग को अपना इस्तीफा भेजा है. विभाग को पत्र लिखकर स्वेच्छा से पद छोड़ने की जानकारी दी है. हालांकि अभी तक सरकार की तरफ से उनके इस्तीफे को स्वीकार नहीं किया गया है.
छुट्टी पर चल रहे हैं केके पाठक : बता दें कि कुछ दिन पहले ही केके पाठक ने पत्र लिखकर एक सप्ताह की छुट्टी पर जाने की बात कही थी. वह पिछले 8 जनवरी से अवकाश पर चल रहे हैं. अपने पत्र में उन्होंने स्वास्थ्य को कारण बताया था. उनकी अनुपस्थिति में फिलहाल वरिष्ठ आईएएस अधिकारी बैद्यनाथ यादव बने हुए हैं.
केके पाठक और विवाद : केके पाठक जितने सख्त अफसर रहे हैं. उनके फैसले ऐसे होते थे जिससे सरकार पर भी संकट आ जाता था. फिर चाहे त्योहारों में छुट्टी का मसला हो या फिर शिक्षकों को रविवार को भी बुलाने का. हर बार केके पाठक पर तोहमत लगती थी. हालांकि इससे इतर केके पाठक विभाग में सुधार लाने की कोशिश कर रहे थे. उनके कार्यकाल में ही बीपीएससी की परीक्षा आयोजित की गई और रिकॉर्ड समय में परीक्षा से लेकर रिजल्ट और ज्वाइनिंग भी कराई गई थी. केके पाठक की तब मंच से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी तारीफ की थी.
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