पटना: ट्रांसपोर्टर सत्येंद्र सिंह हत्याकांड ( Transporter Satyendra Singh Murder Case ) में आजीवन कारावास (life imprisonment) की सजा काट रहे पूर्व सांसद विजय कृष्ण और उनके बेटे चाणक्य को पटना हाईकोर्ट (Patna High Court ) ने बड़ी राहत देते हुए उन्हें आजीवन सजा से मुक्त कर दिया है. जस्टिस ए एम बदर और जस्टिस सुनील कुमार पंवार की खंडपीठ ने विजय कृष्ण और चाणक्य द्वारा अपील पर सुनवाई पूरी कर 9 मई 2022 को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया.
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पूर्व सांसद विजय कृष्ण को बड़ी राहत: 23 मई 2009 को ट्रांसपोर्टर सत्येंद्र सिंह की हत्या कृष्णापुरी थाना क्षेत्र में हुई थी. इस मामलें में पूर्व सांसद विजय कृष्ण,उनके बेटे चाणक्य व अन्य दो को आरोपी बनाया गया था. ट्रांसपोर्टर सत्येंद्र सिंह हत्या के मामले में पटना सिविल कोर्ट ने वर्ष 2013 में इन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी.
कोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित: पटना निचली अदालत के फैसले को हाई कोर्ट में आपराधिक अपील दायर कर चुनौती दी गई. कई दिनों तक चली बहस के बाद हाईकोर्ट ने अपना आदेश सुरक्षित कर लिया. आज हाईकोर्ट ने निचली अदालत के निर्णय को पलटते हुए पूर्व सांसद विजय कृष्ण और उनके बेटे को आजीवन कारावास की सजा से बरी किया. कोर्ट में अपीलार्थियों की ओर से दलील रखी गई थी कि हत्या का कोई प्रयोजन नहीं था. साथ ही इस घटना का कोई प्रत्यक्षदर्शी गवाह नहीं था.
पटना सिविल कोर्ट ने आजीवन कारावास की सुनाई थी सजा: ट्रांसपोर्टर सत्येन्द्र सिंह हत्याकांड मामले में 2013 को सुनवाई करते हुए पटना सिविल कोर्ट ने पूर्व सांसद विजय कृष्ण समेत चार लोगों को दोषी मानते हुए सभी को उम्र कैद की सजा सुनाई थी. पूर्व सांसद विजय कृष्ण, उनके पुत्र चाणक्य, अंगरक्षक उमेश सिंह और नौकर गगन को आईपीसी की धारा 302, 120 बी, 34 और 25 आर्म्स एक्ट के तहत दोषी बनाया गया था.
कौन हैं पूर्व सांसद विजय कृष्ण?: यहां जिस पूर्व सांसद विजय कृष्ण की बात की जा रही है. कभी उनकी छवि बिहार के दबंग नेताओं में की जाती थी. उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को 2004 के लोकसभा के चुनाव में शिकस्त दी थी.
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