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खजूरबानी जहरीली शराब कांड में परिजनों का छलका दर्द- 'कोर्ट पर भरोसा था.. बच्चों की जिंदगी बर्बाद हो गई'

गोपालगंज के खजूरबानी जहरीली शराब कांड (Khajurbani Poisonous Liquor Case) मामले में पटना हाईकोर्ट ने सजायफ्ता 13 दोषियों को बरी कर दिया है. ऐसे में ईटीवी भारत ने इन लोगों के परिजनों से बात की. परिजनों ने रोते हुए कैमरे के सामने अपना दर्द बयां करते हुए बीते कुछ सालों की कड़वी यादें साझा की है. पढ़ें ये पूरी रिपोर्ट

Khajurbani Poisonous Liquor Case
Khajurbani Poisonous Liquor Case
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Published : Jul 14, 2022, 4:37 PM IST

गोपालगंज: 16 अगस्त 2016 का काला दिन कोई नहीं भूल सकता. गोपालगंज में जहरीली शराब कांड (Gopalganj Poisonous Liquor Case) ने 19 लोगों की जान ले ली थी जबकि 6 लोगों के आंखों की रोशनी चली गई थी. इस घटना के साढ़े 4 साल बाद (5 मई 2021) गोपालगंज के एडीजे-2 कोर्ट ने दोषियों को सजा सुनाई थी. अदालत ने कुल 13 दोषियों में 9 लोगों को फांसी और चार महिलाओं को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. वहीं पटना हाईकोर्ट (Patna High Court ) ने सभी दोषियों को बरी कर दिया.

पढ़ें- गोपालगंज शराब कांड में 9 आरोपी फांसी की सजा से मुक्त, पटना हाईकोर्ट का बड़ा फैसला

परिजनों ने बयां किया अपना दर्द: कोर्ट का फैसला आते ही दोषियों के परिजनों की आंखों से आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे. इस दौरान उन्होंने अपनी आप बीती बताई उसे सुनकर किसी का भी दिल पसीज जाए. परिजनों ने बताया कि कोर्ट ने हमारे अपनों को फांसी और उम्र कैद की सजा सुनाई थी.घर सील कर दिया गया, उसके बाद से ही हम सभी दर-दर की ठोंकरें खा रहे हैं. घर में कमाने वाला कोई नहीं जिसके कारण बच्चों की परवरिश भी ठीक से नहीं हो सकी. कई दोषी तो ऐसे भी हैं जिनके घर का एकलौता चिराग बुझ गया लेकिन वह आखिरी बार उसे देख भी नहीं सका.

छठु पासी को एकलौते बेटे की मौत की नहीं जानकारी: वहीं जहरीली शराब कांड में सजा से मुक्त हुए लोगों में शिव नारायण पासी का बेटा छठु पासी भी है. छठु पासी बेल पर छूटा था इसके बाद पुनः उसे मार्च 2021 में गिरफ्तार किया गया और फांसी की सजा सुनाइ गई थी. सजा सुनाए जाने के एक माह बाद अप्रैल में उसके एकलौते बेटे की सड़क हादसे में मौत हो गई. बेटे की मौत पर वह अपने बेटे के मृत शरीर को भी नहीं देख सका था. परिजनों ने अब तक उससे उनके बेटे की मौत की खबर छिपा कर रखी है.

"मेरे पिता हार्ट के मरीज हैं. हमने उन्हें भाई की मौत की खबर अब तक नहीं दी है. ऐसे में जब यह जानकारी मिलेगी कि घर का चिराग हमेशा के लिए बुझ गया तो उनपर क्या बीतेगी इसको लेकर हम सभी चिंतित हैं. दोष मुक्त होने की खुशी है लेकिन भाई की मौत पर दुख है. पिता कैसे दुख सहन करेंगे."- रिंकी कुमारी, छठु पासी की बेटी

परिजनों के आंखों में आए खुशी के आंसू: उत्पाद के विशेष जज सह एडीजे दो लवकुश कुमार की कोर्ट ने 9 अभियुक्तों को फांसी की सजा व चार महिलाओं को उम्र कैद की सजा सुनाई थी. इस आदेश के विरुद्ध पटना हाईकोर्ट में इन लोगों ने अपील दायर की थी. अपीलों पर हाईकोर्ट ने लम्बी सुनवाई कर निर्णय सुरक्षित रख लिया था,जिसे बुधवार को सुनाया गया. वहीं सजा से मुक्त हुए लोगों के परिजनों ने कहा कि ईश्वर के घर देर है अंधेर नहीं है. कानून कोर्ट पर हमें पूरा भरोसा था.

"पूरा भरोसा था और वह भरोसा सही साबित हुआ. मेरे पति को फंसाया गया था. मेरी सास को भी उम्र कैद की सजा हुई थी. दोनों के जेल में रहने के कारण हमने किसी तरह से अपना जीवन काटा है. कोई पूछने वाला नहीं था, घर सील हो गया था."- मंजू देवी, कन्हैया पासी की पत्नी

"मेरे पति, देवर और सास को आरोपी बनाकर सजा सुनाई गई थी. तीन बच्चों को लेकर बेघर हो गई थी. किसी तरह से बच्चों की परवरिश कर रही थी. घर को सील कर दिया गया था. पटना हाईकोर्ट के फैसले के बाद काफी खुश है. मेरे पति संजय, सास इन्दु और देवर रंजय अपने घर आएंगे. "- सरिता देवी, संजय पासी की पत्नी

पटना हाईकोर्ट ने रद्द की 9 दोषियों की फांसी की सजा: जस्टिस अश्वनी कुमार सिंह और जस्टिस हरीश कुमार ने इस मामले में दायर अपीलों पर सुनवाई कर फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसे बुधवार को सुनाया गया. हाईकोर्ट ने जिन लोगों को फांसी की सजा से मुक्त किया हैं, उनके नाम छठू पासी,कन्हैया पासी, नगीना पासी,लाल बाबू पासी,राजेश पासी,सनोज पासी,संजय चौधरी और मुन्ना पासी हैं.

पूरा मामला: बता दें कि कि गोपालगंज के खजुरबनी मोहल्ले में जहरीली शराब पीने से 19 लोगों की मौत हो गई थी और 6 लोगों की आंखों की रोशनी चली गई थी. मामले को लेकर गोपालगंज नगर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. पुलिस ने 14 आरोपियों को गिरफ्तार किया था, जिसमें से एक आरोपी की ट्रायल के दौरान ही मौत हो गई थी. 13 लोगों में से 9 पुरुषों को फांसी की सजा और 4 महिलाओं को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी.

पढ़ें- सुन लीजिए छपरा के DM-SP साहब.. 'ईहे दरूआ पी के राजवा मरीये रे गईले'

गोपालगंज: 16 अगस्त 2016 का काला दिन कोई नहीं भूल सकता. गोपालगंज में जहरीली शराब कांड (Gopalganj Poisonous Liquor Case) ने 19 लोगों की जान ले ली थी जबकि 6 लोगों के आंखों की रोशनी चली गई थी. इस घटना के साढ़े 4 साल बाद (5 मई 2021) गोपालगंज के एडीजे-2 कोर्ट ने दोषियों को सजा सुनाई थी. अदालत ने कुल 13 दोषियों में 9 लोगों को फांसी और चार महिलाओं को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. वहीं पटना हाईकोर्ट (Patna High Court ) ने सभी दोषियों को बरी कर दिया.

पढ़ें- गोपालगंज शराब कांड में 9 आरोपी फांसी की सजा से मुक्त, पटना हाईकोर्ट का बड़ा फैसला

परिजनों ने बयां किया अपना दर्द: कोर्ट का फैसला आते ही दोषियों के परिजनों की आंखों से आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे. इस दौरान उन्होंने अपनी आप बीती बताई उसे सुनकर किसी का भी दिल पसीज जाए. परिजनों ने बताया कि कोर्ट ने हमारे अपनों को फांसी और उम्र कैद की सजा सुनाई थी.घर सील कर दिया गया, उसके बाद से ही हम सभी दर-दर की ठोंकरें खा रहे हैं. घर में कमाने वाला कोई नहीं जिसके कारण बच्चों की परवरिश भी ठीक से नहीं हो सकी. कई दोषी तो ऐसे भी हैं जिनके घर का एकलौता चिराग बुझ गया लेकिन वह आखिरी बार उसे देख भी नहीं सका.

छठु पासी को एकलौते बेटे की मौत की नहीं जानकारी: वहीं जहरीली शराब कांड में सजा से मुक्त हुए लोगों में शिव नारायण पासी का बेटा छठु पासी भी है. छठु पासी बेल पर छूटा था इसके बाद पुनः उसे मार्च 2021 में गिरफ्तार किया गया और फांसी की सजा सुनाइ गई थी. सजा सुनाए जाने के एक माह बाद अप्रैल में उसके एकलौते बेटे की सड़क हादसे में मौत हो गई. बेटे की मौत पर वह अपने बेटे के मृत शरीर को भी नहीं देख सका था. परिजनों ने अब तक उससे उनके बेटे की मौत की खबर छिपा कर रखी है.

"मेरे पिता हार्ट के मरीज हैं. हमने उन्हें भाई की मौत की खबर अब तक नहीं दी है. ऐसे में जब यह जानकारी मिलेगी कि घर का चिराग हमेशा के लिए बुझ गया तो उनपर क्या बीतेगी इसको लेकर हम सभी चिंतित हैं. दोष मुक्त होने की खुशी है लेकिन भाई की मौत पर दुख है. पिता कैसे दुख सहन करेंगे."- रिंकी कुमारी, छठु पासी की बेटी

परिजनों के आंखों में आए खुशी के आंसू: उत्पाद के विशेष जज सह एडीजे दो लवकुश कुमार की कोर्ट ने 9 अभियुक्तों को फांसी की सजा व चार महिलाओं को उम्र कैद की सजा सुनाई थी. इस आदेश के विरुद्ध पटना हाईकोर्ट में इन लोगों ने अपील दायर की थी. अपीलों पर हाईकोर्ट ने लम्बी सुनवाई कर निर्णय सुरक्षित रख लिया था,जिसे बुधवार को सुनाया गया. वहीं सजा से मुक्त हुए लोगों के परिजनों ने कहा कि ईश्वर के घर देर है अंधेर नहीं है. कानून कोर्ट पर हमें पूरा भरोसा था.

"पूरा भरोसा था और वह भरोसा सही साबित हुआ. मेरे पति को फंसाया गया था. मेरी सास को भी उम्र कैद की सजा हुई थी. दोनों के जेल में रहने के कारण हमने किसी तरह से अपना जीवन काटा है. कोई पूछने वाला नहीं था, घर सील हो गया था."- मंजू देवी, कन्हैया पासी की पत्नी

"मेरे पति, देवर और सास को आरोपी बनाकर सजा सुनाई गई थी. तीन बच्चों को लेकर बेघर हो गई थी. किसी तरह से बच्चों की परवरिश कर रही थी. घर को सील कर दिया गया था. पटना हाईकोर्ट के फैसले के बाद काफी खुश है. मेरे पति संजय, सास इन्दु और देवर रंजय अपने घर आएंगे. "- सरिता देवी, संजय पासी की पत्नी

पटना हाईकोर्ट ने रद्द की 9 दोषियों की फांसी की सजा: जस्टिस अश्वनी कुमार सिंह और जस्टिस हरीश कुमार ने इस मामले में दायर अपीलों पर सुनवाई कर फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसे बुधवार को सुनाया गया. हाईकोर्ट ने जिन लोगों को फांसी की सजा से मुक्त किया हैं, उनके नाम छठू पासी,कन्हैया पासी, नगीना पासी,लाल बाबू पासी,राजेश पासी,सनोज पासी,संजय चौधरी और मुन्ना पासी हैं.

पूरा मामला: बता दें कि कि गोपालगंज के खजुरबनी मोहल्ले में जहरीली शराब पीने से 19 लोगों की मौत हो गई थी और 6 लोगों की आंखों की रोशनी चली गई थी. मामले को लेकर गोपालगंज नगर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. पुलिस ने 14 आरोपियों को गिरफ्तार किया था, जिसमें से एक आरोपी की ट्रायल के दौरान ही मौत हो गई थी. 13 लोगों में से 9 पुरुषों को फांसी की सजा और 4 महिलाओं को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी.

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