पटना: कोविड-19 महामारी के कारण मार्च महीने से ही पटना हाईकोर्ट का काम शिथिल पड़ गया है. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से चल रही अदालती कार्यवाही से अधिकांश लोग असंतुष्ट हैं. कानूनी पेचीदगी में फंसे लोग त्राहि-त्राहि कर रहे हैं, जिन्होंने हाईकोर्ट में मामले दर्ज किए हैं, उन्हेंं नहीं पता कि कब तब सुनवाई होगी.
अब हाईकोर्ट में फिजिकल कोर्ट के शुरू होने के बाद केसों की सुनवाई में बहुत तेजी नहीं आ पाई है. करोना काल और जजों की कमी के कारण ऐसा पहली बार हुआ है, जब अग्रिम जमानत (एंटीसिपेटरी बेल) की सुनवाई काफी कम हो रही है.
छोटे-छोटे मामलों में भी अभियुक्त अब जेल जाने लगे हैं. मामले की सुनवाई में कटौती किए जाने के बाद स्थिति और भी बदतर होती जा रही है. फिलहाल प्रत्येक जज 35 से अधिक मामलों की सुनवाई नहीं करते हैं. जमानत मामले की संख्या 12000 से अधिक पहुंची गई है.
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हाईकोर्ट की रजिस्ट्री ऑफिस से मिली जानकारी के अनुसार फिलहाल अग्रिम जमानत के 7300 मामले लंबित हो गए हैं, जबकि नियमित जमानत के 5200 मामले सुनवाई के लिए लंबित हैं. करीब 2200 ऐसे मामले हैं जिनका अभी तक स्टांप रिपोर्टिंग नहीं हो पाया है. दूसरी तरफ हर दिन केस बड़ी संख्या में फाइल हो रहे हैं. इस समस्या का निदान शीघ्र निकाले जाने की आवश्कता है.