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बागी नेताओं ने बढ़ाई JDU की मुश्किलें, अधिकांश सीटों पर लोजपा प्रत्याशी बन दे रहे चुनौती

विधानसभा चुनाव में टिकट कटने से नाराज विधायकों ने बागी होकर चुनाव लड़ने का फैसला किया है. वहीं, जेडीयू से बागी नेताओं को लोजपा ने टिकट दिया है. इन बागी नेताओं ने जेडीयू के लिए मुश्किलें बढ़ा रखी है.

Rebel leaders increase problems of JDU regarding assembly election
Rebel leaders increase problems of JDU regarding assembly election
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Published : Oct 18, 2020, 6:00 PM IST

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव में कई राजनीतिक दलों के सीटिंग विधायकों का टिकट कट गया. इससे वो बागी हो गए और पार्टी के खिलाफ ही चुनाव लड़ने का फैसला कर लिया. इसी कड़ी में जेडीयू के कई बागी विधायक और नेताओं ने भी चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है. हालांकि इन बागी नेताओं के लिए लोजपा एक बड़ा जगह बना हुआ है. लोजपा ने कई बागी विधायकों को टिकट देकर जेडीयू के खिलाफ ही चुनावी मैदान में उतार दिया. इससे जेडीयू की मुश्किलें बढ़ी हुई है.

जेडीयू और बीजेपी ने टिकट नहीं मिलने से नाराज बागी विधायकों के खिलाफ कार्रवाई की है. जेडीयू ने अब तक 19 नेताओं के खिलाफ एक्शन लिया है तो वहीं, बीजेपी ने भी एक दर्जन से ज्यादा उम्मीदवारों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया है. वहीं, जब से लोजपा ने एनडीए से अलग चुनाव लड़ने का फैसला किया है, वो जेडीयू और बीजेपी के बागी विधायकों को ही एनडीए उम्मीदवार के खिलाफ टिकट दे रही है. इसको लेकर जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने प्रतिक्रिया दी है.

पेश है रिपोर्ट

हरेक चुनाव में कुछ ना कुछ उम्मीदवार होते हैं जिन्हें टिकट नहीं मिलता है. वो बागी हो जाते हैं. इसमें कोई नई बात नहीं है. इस चुनाव में भी कई उम्मीदवार बागी होंगे. इससे क्या होगा. बागी उम्मीदवारों की क्या स्थिति होती है सबको पता है. इसीलिए बागी उम्मीदवार किसी दूसरे दल से चुनाव लड़े तो उससे कोई असर नहीं पड़ेगा.- वशिष्ठ नारायण सिंह, प्रदेश अध्यक्ष, जेडीयू

हालांकि राजनीतिक विशेषज्ञ का मानना है कि बिहार चुनाव को लेकर बीजेपी ने चिराग के जरिए जेडीयू को टटोलने की कोशिश की है. लेकिन खुद के पार्टी में नेतृत्व का अभाव होने की वजह से या फिर कई नेतृत्व होने की वजह से वो पुराने मॉडल पर ही चल रही है. इसी वजह से बीजेपी ने सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ने का फैसला किया है. वहीं, लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने जेडीयू के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है तो बीजेपी खुलकर समर्थन में आ गई है.- डीएम दिवाकर, राजनीतिक विशेषज्ञ

57 फीसदी सीटों पर बागी नेता लड़ रहे चुनाव
बता दें कि विधानसभा चुनाव के पहले फेज में 57 फीसदी सीटों पर बागी नेता चुनाव लड़ रहे हैं. दूसरे और तीसरे चरण के चुनाव में भी कमोबेश यही स्थिति है. जेडीयू की ओर से 10 विधायकों का टिकट कटा है तो बीजेपी में भी कई विधायकों का टिकट काटा गया है. हालांकि आरजेडी ने भी कई विधायकों का टिकट काटा है.

जेडीयू की मुश्किलें बढ़ी
बीजेपी के कई नेता रामेश्वर चौरसिया, राजेंद्र सिंह और उषा विद्यार्थी लोजपा से चुनाव लड़ रही हैं. वहीं, जेडीयू के बागी नेताओं में राजगीर के विधायक रवि ज्योति, कांग्रेस के टिकट पर तो भगवान सिंह कुशवाहा लोजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. जेडीयू विधायक ददन यादव और कई नेता निर्दलीय भी चुनाव लड़ रहे हैं. इसमें से अधिकांश नेताओं ने जेडीयू की मुश्किलें बढ़ा रखी है.

3 चरणों में चुनाव
बिहार विधानसभा चुनाव 3 चरणों में होगा. वहीं, चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी गई है. पहले चरण का चुनाव 28 अक्टूबर को 71 सीटों के लिए होगा. वहीं, दूसरे चरण का चुनाव 3 नवंबर को 94 सीटों के लिए और तीसरे चरण का चुनाव 7 नवंबर को 78 सीटों के लिए होगा. वहीं, वोटों की गिनती 10 नवंबर को होगी.

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव में कई राजनीतिक दलों के सीटिंग विधायकों का टिकट कट गया. इससे वो बागी हो गए और पार्टी के खिलाफ ही चुनाव लड़ने का फैसला कर लिया. इसी कड़ी में जेडीयू के कई बागी विधायक और नेताओं ने भी चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है. हालांकि इन बागी नेताओं के लिए लोजपा एक बड़ा जगह बना हुआ है. लोजपा ने कई बागी विधायकों को टिकट देकर जेडीयू के खिलाफ ही चुनावी मैदान में उतार दिया. इससे जेडीयू की मुश्किलें बढ़ी हुई है.

जेडीयू और बीजेपी ने टिकट नहीं मिलने से नाराज बागी विधायकों के खिलाफ कार्रवाई की है. जेडीयू ने अब तक 19 नेताओं के खिलाफ एक्शन लिया है तो वहीं, बीजेपी ने भी एक दर्जन से ज्यादा उम्मीदवारों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया है. वहीं, जब से लोजपा ने एनडीए से अलग चुनाव लड़ने का फैसला किया है, वो जेडीयू और बीजेपी के बागी विधायकों को ही एनडीए उम्मीदवार के खिलाफ टिकट दे रही है. इसको लेकर जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने प्रतिक्रिया दी है.

पेश है रिपोर्ट

हरेक चुनाव में कुछ ना कुछ उम्मीदवार होते हैं जिन्हें टिकट नहीं मिलता है. वो बागी हो जाते हैं. इसमें कोई नई बात नहीं है. इस चुनाव में भी कई उम्मीदवार बागी होंगे. इससे क्या होगा. बागी उम्मीदवारों की क्या स्थिति होती है सबको पता है. इसीलिए बागी उम्मीदवार किसी दूसरे दल से चुनाव लड़े तो उससे कोई असर नहीं पड़ेगा.- वशिष्ठ नारायण सिंह, प्रदेश अध्यक्ष, जेडीयू

हालांकि राजनीतिक विशेषज्ञ का मानना है कि बिहार चुनाव को लेकर बीजेपी ने चिराग के जरिए जेडीयू को टटोलने की कोशिश की है. लेकिन खुद के पार्टी में नेतृत्व का अभाव होने की वजह से या फिर कई नेतृत्व होने की वजह से वो पुराने मॉडल पर ही चल रही है. इसी वजह से बीजेपी ने सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ने का फैसला किया है. वहीं, लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने जेडीयू के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है तो बीजेपी खुलकर समर्थन में आ गई है.- डीएम दिवाकर, राजनीतिक विशेषज्ञ

57 फीसदी सीटों पर बागी नेता लड़ रहे चुनाव
बता दें कि विधानसभा चुनाव के पहले फेज में 57 फीसदी सीटों पर बागी नेता चुनाव लड़ रहे हैं. दूसरे और तीसरे चरण के चुनाव में भी कमोबेश यही स्थिति है. जेडीयू की ओर से 10 विधायकों का टिकट कटा है तो बीजेपी में भी कई विधायकों का टिकट काटा गया है. हालांकि आरजेडी ने भी कई विधायकों का टिकट काटा है.

जेडीयू की मुश्किलें बढ़ी
बीजेपी के कई नेता रामेश्वर चौरसिया, राजेंद्र सिंह और उषा विद्यार्थी लोजपा से चुनाव लड़ रही हैं. वहीं, जेडीयू के बागी नेताओं में राजगीर के विधायक रवि ज्योति, कांग्रेस के टिकट पर तो भगवान सिंह कुशवाहा लोजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. जेडीयू विधायक ददन यादव और कई नेता निर्दलीय भी चुनाव लड़ रहे हैं. इसमें से अधिकांश नेताओं ने जेडीयू की मुश्किलें बढ़ा रखी है.

3 चरणों में चुनाव
बिहार विधानसभा चुनाव 3 चरणों में होगा. वहीं, चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी गई है. पहले चरण का चुनाव 28 अक्टूबर को 71 सीटों के लिए होगा. वहीं, दूसरे चरण का चुनाव 3 नवंबर को 94 सीटों के लिए और तीसरे चरण का चुनाव 7 नवंबर को 78 सीटों के लिए होगा. वहीं, वोटों की गिनती 10 नवंबर को होगी.

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