पटना: बिहार की राजधानी पटना के नौबतपुर में पांच दिवसीय बागेश्वर सरकार के द्वारा चल रहे हनुमत कथा का समापन हो गया. जाते-जाते बाबा बागेश्वर महाराज ने पोस्टर फाड़ने वालों को करारा जवाब भी दे दिया. उन्होंने कहा कि कागज की तस्वार तो फाड़ सकते हो, लेकिन बिहारवासियों की हृदय में बागेश्वर धाम बैठ गए हैं, वहां से उन्हें कैसे निकालोगे.उन्होंने कहा कि तरेत मठ के महंत महाराज की कृपा हुई तो वह दोबारा जरूर यहां आएंगे. यहां दोबारा आएंगे तो राम कथा कहेंगे.
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भक्तों ने लगाये जय श्री राम के नारे: बुधवार को बाबा धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि बागेश्वर धाम के तुम पोस्टर फाड़ सकते हो. लेकिन बिहार वासियों और भारत वासियों के हृदय में जो बाबा बैठ गए हैं. उन्हें निकालना बहुत कठिन होगा. बाबा का इतना ही कहना था कि लाखों की तादाद में कार्यक्रम में मौजूद लोग दोनों हाथ खोल कर ताली बजाते हुए जय श्री राम करने लगे. बिहार वासियों ने जिस प्रकार उन्हें हृदय में बसाया है.
दोबारा आएंगे तो राम कथा कहेंगे: पटना के नौबतपुर में बाबा बागेश्वर के कथा सुनने के लिए अंतिम दिन श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पड़ा. 13 मई से 17 मई तक के लिए आयोजित पांच दिवसीय हनुमत कथा में जिस प्रकार लोगों ने बाबा बागेश्वर धाम महाराज पंडित धीरेंद्र शास्त्री को प्यार दिया. उससे बाबा भी अभिभूत हुए और कहा कि तरेत मठ के महंत महाराज की कृपा हुई तो वह दोबारा जरूर यहां आएंगे. यहां दोबारा आएंगे तो राम कथा कहेंगे.
रामकथा की तैयारी करो: कथा के दौरान बाबा बागेश्वर ने कहा कि नौबतपुर वासियों तैयार हो जाओ, रामकथा की तैयारी करो. उन्होंने लोगों से कहा कि हंसते रहिए हंसाते रहिए और बागेश्वर धाम में भी आते रहिए. क्योंकि बागेश्वर धाम आपके बाप का घर है. बिहार के लोगों ने बागेश्वर बालाजी धाम के प्रति जो श्रद्धा दिखाया है. यह बता रहा है यदि हनुमान जी के हृदय में राम जी हैं तो बिहार वासियों के हृदय में सनातन धर्म की ज्वाला धधक उठी है.