पटना: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार का नौवां और अपने कार्यकाल का 5वां बजट पेश किया. इस बजट से बिहार की उम्मीदों पर पानी फिर गया. बजट को लेकर बिहार की सत्ताधारी दल की तरफ से लगातार प्रतिक्रिया आ रही है. उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने आम बजट को ठगने वाला बजट बताया है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार लगातार कह रही थी कि किसानों का आय दोगुना होगा क्या अभी तक किसानों का आय दोगुना हुआ है?
बोले तेजस्वी- 'लोगों को ठगने का हुआ काम': तेजस्वी यादव ने कहा कि केंद्र सरकार ने कहा था कि 2022 तक सभी लोगों को पक्का मकान मिल जाएगा क्या अभी तक देश में सभी लोगों को पक्का मकान मिल गया? निश्चित तौर पर जो बजट पेश किया गया है वह पूरी तरह से आम लोगों को ठगने वाला बजट है. इससे कहीं किसी का भला नहीं हो सकता है.
"भारतीय जनता पार्टी लगातार धर्म के नाम पर लोगों का ध्यान भटकाने का काम करती है. यहां तक कि संविधान को भी पूरी तरह से खत्म करने का काम भाजपा के लोगों ने किया है. कहीं न कहीं जो बजट पेश किया गया है वह पूरी तरह से आम जनता को निराश करने वाला बजट है. कहीं से भी कोई फायदा आम जनता को इस बजट में नहीं दिख रहा है."- तेजस्वी यादव, उपमुख्यमंत्री, बिहार
'बिहार की मांगों से केंद्र सरकार ने फेरा मुंह': वहीं जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने बजट को निराशाजनक बजट बताया है. उमेश कुशवाहा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की तरफ से जो बजट पेश की गई है उसमें सिर्फ जुमलेबाजी की गई है. जुमलेबाजी के अलावा कुछ नहीं है. बिहार की लगातार हिस्सेदारी में कटौती की जा रही है. हम लोगों की बिहार को विशेष राज्य के दर्जा देने की मांग, पटना विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाने की और जातीय जनगणना कराने की मांग से केंद्र सरकार मुंह फेरती रही है.
"बिहार के हिस्से की राशि केंद्र के पास बकाया है तो बिहार के लिए बजट में कोई व्यवस्था नहीं की गई है. युवाओं के लिए रोजगार को लेकर भी कोई व्यवस्था नहीं है. बजट पूरी तरह से खोखला है. आम बजट में बिहार के विशेष राज्य के दर्जे को लेकर कोई पहल नहीं की गई है. जनता देख रही है और 2024 में बिहार की जनता जवाब देगी."- उमेश कुशवाहा, प्रदेश अध्यक्ष, जेडीयू
श्याम रजक ने बजट को बताया दिशाहीन और गरीब विरोधी: राष्ट्रीय जनता दल के महासचिव श्याम रजक ने केंद्र सरकार के आम बजट को दिशाहीन और गरीब विरोधी बताया है. उन्होंने कहा कि यह बजट पूरी तरह से दिशाहीन है और गरीब विरोधी बजट है. इस बजट में कहीं से भी गरीबों को कोई फायदा देखने को नहीं मिल रहा है. एक तरफ सरकार कह रही है कि किसानों को लागत से दोगुना फायदा होगा तो किसानों के लिए इस बजट में कुछ नहीं है.
"गरीबों को राशन देने की बात हमें नहीं लगता है कि इससे भी कुछ फायदा होने वाला है. इससे अच्छा होता कि गरीबों को स्वावलंबी बनाने की बात यह सरकार करती. पूरी तरह से गरीब विरोधी बजट है. बिहार के लिए इस बजट में कुछ खास नहीं है. हम लोग बहुत पहले से स्पेशल पैकेज मांग रहे थे. बिहार को कुछ नहीं मिला. जनता समझ चुकी है कि किस तरह से उद्योगपति को फायदा पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार आजकल बजट बनाती है."- श्याम रजक, महासचिव, राजद
'रेल का बजट अलग होना चाहिए': जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि रेलवे बजट को हम लोग अलग करने की मांग करते रहे हैं क्योंकि विकसित राज्य और विकासशील राज्यों को लेकर बजट में व्यवस्था होनी चाहिए थी. अब जीविका दीदी को लेकर देश में हम नंबर वन है लेकिन उनका फोकस उस पर नहीं है. फोकस कॉर्पोरेट पर है. विशेष राज्य की मांग हम लोग लगातार करते रहे हैं और विशेष सहायता बिहार को मिले और तमाम पिछड़े राज्यों को मिले. जदयू मुख्य प्रवक्ता नीरज ने कहा कि विकसित राज्य और विकासशील राज्यों के लिए एक ही पैमाना है. लगातार राज्यांश बढ़ता जा रहा है.
"हम लोग लोकतंत्र में भरोसा करते हैं इसलिए मांग करते हैं. लेकिन परिणाम हम लोग जानते हैं. पीएम मोदी की सरकार किसानों नौजवानों और वंचित तबके के लिए भला करने वाली सरकार नहीं है. यह जब भी भला करेंगे कॉर्पोरेट जगत का करेंगे. रेलवे बजट अलग करने की मांग का कारण यही है कि रेलवे रोजगार का सबसे बड़ा सेक्टर है. उसके बाद भी रेल बजट को समाहित कर दिया. पहले पिछड़े इलाकों को लेकर लोकसभा में चर्चा होती थी. जब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रेल मंत्री थे तो उस समय जिन योजनाओं का शिलान्यास किया अभी तक पूरा नहीं हुआ है."- नीरज कुमार, मुख्य प्रवक्ता,जदयू