पटना: पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह अपनी नई राजनीतिक पारी की शुरुआत कर चुके हैं. आरसीपी सिंह ने भाजपा का दामन थामा है. रामचंद्र प्रसाद सिंह अब कमल खिलाने के लिए भाजपा के पक्ष में बल्लेबाजी करने को तैयार हैं. सम्राट चौधरी के नेतृत्व में भाजपा कार्यसमिति की पहली बैठक का नजारा थोड़ा अलग दिखा. भाजपा के तमाम कद्दावर नेताओं को मंच पर जगह मिली थी लेकिन आरसीपी सिंह को भी मंच पर जगह दी गई. आरसीपी सिंह प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य नहीं हैं लेकिन विशेष आमंत्रित सदस्य के तौर पर बैठक में शामिल हुए.
बोले RCP सिंह- 'JDU का होगा RJD मर्जर': पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान कहा कि जेडीयू पतन की राह पर है. ऐसे तो जेडीयू का राजद में विलय होना तय है, अगर नहीं हुआ तो लोकसभा चुनाव में जदयू को औकात का पता चल जाएगा. उनके प्रत्याशी 200000 से अधिक वोट हासिल नहीं कर पाएंगे. मुझे बीजेपी की कार्यसमिति की बैठक में आकर बहुत अच्छा लगा. जिस तरह से यहां बात रखी गई और जो माहौल था, बहुत अच्छा लगा. पीएम कहते हैं सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास और सबका प्रयास और अब सबको इसका एहसास भी हो रहा है. जेडीयू के पास अब कुछ नहीं बचा है. 2014 में दो सीट मिल भी गई थी 2024 में कुछ होने वाला नहीं है.
"जब नेता ही नहीं है तो विपक्ष एकजुट कैसे होगा? बेंगलुरु में किसको किसको बुलाया गया और किसको नहीं बुलाया गया, आप खुद देख लीजिए. बिहार में शराबबंदी पूरी तरह फेल साबित हुई है. जहरीली शराब से लोगों की मौतें हो रही हैं और बिहार सरकार को करोड़ों के राजस्व की क्षति भी हो रही है. शराब बंदी लागू करने में सरकार पूरी तरह नाकामयाब साबित हुई है."- आरसीपी सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री
जेडीयू के आरजेडी में विलय को लेकर पहले भी बयानबाजी : दरअसल जिस दिन से नीतीश कुमार ने आरजेडी के साथ मिलकर नई सरकार बनाई और एनडीए से अलग हो गए, उसी दिन से पार्टी के विलय को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है. बीजेपी के कई नेता जेडीयू के आरजेडी में विलय की बातें कहते रहे हैं. वहीं उपेद्र कुशवाहा ने जेडीयू से अलग होते ही कहा था कि आरजेडी और जेडीयू के बीच डील हुई है. साथ ही उन्होंने मर्जर को लेकर भी बयान दिया था. वहीं नीतीश से नाराज आरसीपी सिंह भी लगातार इस तरह की बयानबाजी करते रहे हैं.