पटना (मसौढ़ी): केंद्रीय श्रमिक संगठनों ने सरकार के कामगार, किसान और जन विरोधी नीतियों के विरोध में 28 और 29 मार्च को देशव्यापी हड़ताल (Protest Against Government Policies in Bihar) का आह्वान किया है. जिसको लेकर प्रदेश में सभी 10 केंद्रीय श्रमिक संगठन और सैकड़ों ट्रेड यूनियन के कार्यकर्ताओं ने सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन (Central Labor Organization Protest in Masaurhi) किया. वहीं, राजधानी पटना से सटे मसौढ़ी कर्पूरी चौक पर पहुंचकर भारी संख्या में श्रमिक संगठनों के कार्यकर्ताओं ने सड़क जाम किया और जमकर प्रदर्शन किया. उनके साथ रसोईया संघ भी इस प्रदर्शन में शामिल रहा.
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वेतन बढ़ाने की मांग: दो दिवसीय विभिन्न श्रमिक संगठनों की महाहड़ताल रसोईया संघ भी अपने वेतनमान की मांग को लेकर प्रदर्शन किया. रसोईया संघ ने तो रसोईया को सम्मान देने और वेतन बढ़ाने की मांग की. उन्होंने कहा कि उनका वेतन कम से कम 1800 होना चाहिए. इसको लेकर बिहार राज्य विद्यालय रसोईया संघ ने जमकर प्रदर्शन किया और नारेबाजी की. उन्होंने वेतन नहीं बढ़ाये जाने पर बड़ा आन्दोलन करने की चेतावनी दी.
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सड़क पर उतरे रसोईया: बता दें कि मसौढ़ी में केंद्रीय ट्रेड यूनियन और राज्य संघ के कामगार यूनियन के दो दिवसीय हड़ताल को रसोईया, आशा और एएनएम ने समर्थन दिया. इसके साथ उन्होंने सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन भी किया. उन्होंने कहा कि सरकार महिला सशक्तिकरण करने की बात कर रही है. जबकि तमाम कार्यालयों में कांटेक्ट पर नौकरी करने वाली महिला कर्मचारी संविदा पर बहाल हैं. जिन्हें महंगाई भत्ता नहीं मिल रहा है. समाज के कमजोर, दलित, अति पिछड़े समुदाय से जो रसोईया आते है उन्हें नाम मात्र का वेतन दिया जाता है. इसके साथ ही घरेलू कामगार को भी न्यूनतम मजदूरी नहीं मिलती.
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