नई दिल्ली/पटना: आरक्षण को लेकर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर सियासत गरमा गई है. नेता लगातार इसके पक्ष और विपक्ष में बयानबाजी कर रहे हैं. रामविलास पासवान ने भी इसपर प्रतिक्रिया दी है. केंद्रीय मंत्री और लोजपा सुप्रीमो रामविलास पासवान ने कहा कि आरक्षण था, है और हमेशा रहेगा.
रामविलास पासवान ने कहा है कि आरक्षण को कोई खत्म नहीं कर सकता. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी यह बात साफ कर दी है. पीएम ने कहा है कि अनुसूचित जाति-जनजाति, पिछड़ों को आरक्षण मिला है, तो अब तो सवर्ण गरीबों को भी आरक्षण मिल रहा है.
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'बयानबाजी का विधानसभा चुनाव पर नहीं पड़ेगा असर'
हालांकि, रामविलास पासवान से जब पूछा गया कि 2015 में बिहार विधानसभा चुनाव से पहले भी मोहन भागवत ने आरक्षण को लेकर बयान दिया था, जिसके कारण चुनाव में बीजेपी को नुकसान हुआ था. इस बार फिर आरक्षण पर बयान दिया है. इसी साल 3 राज्यों में विधानसभा के चुनाव हैं तो क्या प्रभाव पड़ेगा. इस पर रामविलास पासवान ने कहा कि 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में नुकसान हो गया था. लेकिन, अब कोई नुकसान नहीं होने वाला है. 2019 के लोकसभा चुनाव में भी विपक्ष के लोग आरक्षण का मुद्दा उठा रहे थे. लेकिन, बीजेपी को कोई नुकसान नहीं हुआ. बीजेपी और एनडीए को प्रचंड बहुमत मिला.
मोहन भागवत के इस बयान पर हुआ बवाल
बता दें कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि जो लोग आरक्षण के पक्ष में हैं और जो लोग इसके खिलाफ में हैं, उन लोगों को इस विषय पर सौहार्दपूर्ण माहौल में बातचीत करनी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि पहले भी आरक्षण पर हमने बयान दिया था. लेकिन, इससे काफी हंगामा मच गया और पूरी चर्चा मुख्य मुद्दे से भटक गयी. मोहन भागवत ने इस बार कहा है कि आरक्षण पर चर्चा हर बार तीखी हो जाती है, जबकि इस दृष्टिकोण पर समाज के विभिन्न वर्गों में सामंजस्य जरूरी है.