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रामविलास पासवान ने SC-ST वर्ग से आने वाले सांसदों के साथ की बैठक, कई मुद्दों पर हुई चर्चा

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Published : Feb 11, 2020, 2:01 AM IST

Updated : Feb 11, 2020, 8:16 AM IST

आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से सियासी बवाल मचा हुआ है. सुप्रीम कोर्ट ने 7 फरवरी को अपने निर्णय में कहा था कि सरकार अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग को सरकारी नौकरी प्रमोशन में आरक्षण देने के लिए बाध्य नहीं है.

पटना
रामविलास पासवान

नई दिल्ली/पटना: केंद्रीय उपभोक्ता मामले खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने सोमवार को अपने आवास 12 जनपथ पर एसटी-एससी वर्ग से आने वाले लोकसभा और राज्यसभा सांसदों के साथ बैठक किया. बता दें कि रामविलास पासवान ने सांसदों को डिनर पर आमंत्रित किया था. बैठक में विभिन्न दलों के 50 से अधिक सांसद और केंद्रीय मंत्री शामिल हुए.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले का किया स्वागत
रामविलास पासवान ने उच्चतम न्यायालय के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति संशोधन कानून की वैधता को बरकरार रखने के फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार एससी-एसटी के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है. केंद्र सरकार अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति समुदाय को अत्याचार से बचाने और उनके संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए कृतसंकल्पित है.

देखें पूरी रिपोर्ट

'दलित समाज को डरने की जरूरत नहीं'
आरक्षण पर एससी के निर्णय पर रामविलास पासवान ने कहा कि पीएम मोदी से हम लोग एक डेलिगेशन लेकर मिलने जाएंगे. आरक्षण से जुड़े सभी विषयों को संविधान की नौंवी अनुसूचि में डाल देनी चाहिए. जिससे दलित समाज को किसी भी तरह का भ्रम ना रहे. उन्होंने बताया कि मोदी सरकार दलित हितैषी है. आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से दलित समाज को डरने की जरूरत नहीं है. एससी के फैसले पर केन्द्र सरकार पूर्नविचार याचिका दायर करे या अध्यादेश लाए.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर हुई बैठक
वहीं, आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से सियासी बवाल मचा हुआ है. सुप्रीम कोर्ट ने 7 फरवरी को अपने निर्णय में कहा था कि सरकार अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग को सरकारी नौकरी प्रमोशन में आरक्षण देने के लिए बाध्य नहीं है. आज की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हुई.

नई दिल्ली/पटना: केंद्रीय उपभोक्ता मामले खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने सोमवार को अपने आवास 12 जनपथ पर एसटी-एससी वर्ग से आने वाले लोकसभा और राज्यसभा सांसदों के साथ बैठक किया. बता दें कि रामविलास पासवान ने सांसदों को डिनर पर आमंत्रित किया था. बैठक में विभिन्न दलों के 50 से अधिक सांसद और केंद्रीय मंत्री शामिल हुए.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले का किया स्वागत
रामविलास पासवान ने उच्चतम न्यायालय के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति संशोधन कानून की वैधता को बरकरार रखने के फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार एससी-एसटी के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है. केंद्र सरकार अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति समुदाय को अत्याचार से बचाने और उनके संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए कृतसंकल्पित है.

देखें पूरी रिपोर्ट

'दलित समाज को डरने की जरूरत नहीं'
आरक्षण पर एससी के निर्णय पर रामविलास पासवान ने कहा कि पीएम मोदी से हम लोग एक डेलिगेशन लेकर मिलने जाएंगे. आरक्षण से जुड़े सभी विषयों को संविधान की नौंवी अनुसूचि में डाल देनी चाहिए. जिससे दलित समाज को किसी भी तरह का भ्रम ना रहे. उन्होंने बताया कि मोदी सरकार दलित हितैषी है. आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से दलित समाज को डरने की जरूरत नहीं है. एससी के फैसले पर केन्द्र सरकार पूर्नविचार याचिका दायर करे या अध्यादेश लाए.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर हुई बैठक
वहीं, आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से सियासी बवाल मचा हुआ है. सुप्रीम कोर्ट ने 7 फरवरी को अपने निर्णय में कहा था कि सरकार अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग को सरकारी नौकरी प्रमोशन में आरक्षण देने के लिए बाध्य नहीं है. आज की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हुई.

Intro:रामविलास पासवान ने SC/ST वर्ग से आने वाले सांसदों के साथ की बैठक, कई मुद्दों पर हुई चर्चा

नयी दिल्ली- केंद्रीय उपभोक्ता मामले खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने अपने आवास 12 जनपथ पर SC/ST वर्ग से आने वाले लोकसभा और राज्यसभा सांसदों के साथ बैठक की है, सांसदों को डिनर पर रामविलास पासवान ने आमंत्रित किया था, विभिन्न दलों के सांसद और केंद्रीय मंत्री इसमें शामिल हुए


Body:रामविलास पासवान ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति संशोधन कानून की वैधता को बरकरार रखने के उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत किया, उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार एससी/एसटी के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है

रामविलास पासवान ने कहा कि केंद्र सरकार अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति समुदाय को अत्याचार से बचाने और उनके संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए कृतसंकल्पित है, सुप्रीम कोर्ट ने आज इस पर मुहर लगा दी है

वहीं आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से सियासी बवाल मचा हुआ है, सुप्रीम कोर्ट ने 7 फरवरी को अपने निर्णय में कहा था कि सरकार अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग को सरकारी नौकरी/प्रमोशन में आरक्षण देने के लिए बाध्य नहीं. आज की बैठक में इस मुद्दे पर भी चर्चा हुई है


Conclusion:रामविलास पासवान ने कहा है कि पीएम मोदी से हम लोग एक डेलिगेशन लेकर मिलने जाएंगे, केंद्र सरकार को पुनर्विचार याचिका दायर करनी चाहिए या अध्यादेश लाना चाहिए, आरक्षण से जुड़े सभी विषयों को संविधान की नौवीं अनुसूची में डाल देना चाहिए ताकि दलित समाज को किसी भी तरह का भ्रम ना हो

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार दलित हितैषी है और दलितों के हित के लिए कई काम किए गए हैं, आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से दलित समाज को डरने की जरूरत नहीं है, जो भी संभव कदम होगा वह सरकार उठाएगी.
Last Updated : Feb 11, 2020, 8:16 AM IST
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