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Indian Railways News: 'पीएम नरेन्द्र मोदी सरकार ने 3.74 लाख लोगों को दी भारतीय रेलवे में नौकरी'

रेल बजट को आम बजट में शामिल करने पर रेलवे को फायदा हुआ है. सुशील मोदी ने एक आंकड़े का हवाला देते हुए कहा कि इससे नौकरियों की संख्या भी बढ़ी और इन्फ्रास्ट्रक्टर बढ़ाने का कार्य भी तेजी से हो रहा है. पढ़ें Bihar Politics

राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी
राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी
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Published : Jan 21, 2023, 9:39 PM IST

  • PR - मोदी सरकार ने 3.74लाख लोगों को दी रेलवे की नौकरी, विकास की बढ़ी रफ्तार
    PR - नीतीश के रेल मंत्री रहते 1.37लाख नौकरी कम हुई
    PR - बिहार में रेलवे की 57 परियोजनाओं पर हो रहा काम, रोजगार बढे
    PR - अलग रेल बजट की प्रथा खत्म करने से रेलवे की बजट सहायता में 6गुनी वृद्दि

    — Sushil Kumar Modi (@SushilModi) January 21, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

पटना : पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी ने कहा कि जहां नीतीश कुमार के रेल मंत्री रहते रेलवे में 1.37 लाख नौकरियां कम हो गई थीं, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आठ साल में 3.74 लाख लोगों को रेलवे में नौकरी मिली. रेल बजट को आम बजट में मिलाने से बिहार में रेलवे का बजट अनुदान यूपीए सरकार की तुलना में 6 गुना बढ़ कर 6,606 करोड़ रुपये हो गया. भारत के अलावा किसी देश में अलग से रेल बजट नहीं होता था.

ये भी पढ़ें- Samadhan Yatra in Gaya: नीतीश ने ली सुमो पर चुटकी..बोले- 'मेरे खिलाफ नहीं बोलेगा तो उसको क्या फायदा होगा'

'रेल बजट को आम बजट में जोड़ने से फायदा': मोदी ने अलग रेल बजट की अनुत्पादक परिपाटी समाप्त करने के ऐतिहासिक कदम के लिए प्रधानमंत्री का आभार प्रकट करते हुए इसके फायदे गिनाये. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के समय अलग रेल बजट के दौर ( 2003-04) में रेलवे को बजट सहायता 7 हजार करोड़ रुपये मिलती थी, जो बढ़कर आम बजट (2022-23) के जरिये 1.59 लाख करोड़ हो गई. अलग रेल बजट के जमाने में हर रेल मंत्री बिना बजट प्रावधान के लोक लुभावन घोषणाएं कर देते थे. लेकिन, वे संसाधन के अभाव में घोषणाएं लागू नहीं करा पाते थे.

बजट सहायता राशि में 484 % की बढ़ोतरी: सुशील मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की सरकार दस-बीस साल पहले की रेलवे संबंधी घोषणाएं को भी लागू करा रही है, क्योंकि अब बजट सहायता राशि में 484 फीसद की वृद्धि हो चुकी है. नीतीश कुमार को ये बदलाव और काम नहीं दिखते. यूपीए सरकार के समय रेलवे का विद्युतीकरण 14 किलोमीटर सालाना था, जो मोदी-सरकार के समय 1750 फीसद बढ़कर 245 किलोमीटर सालाना हो गया. पहले साल में केवल तीन आरओबी बनते थे, लेकिन अब हर साल रेलवे 40 आरओबी बनवा रहा है.

  • PR - मोदी सरकार ने 3.74लाख लोगों को दी रेलवे की नौकरी, विकास की बढ़ी रफ्तार
    PR - नीतीश के रेल मंत्री रहते 1.37लाख नौकरी कम हुई
    PR - बिहार में रेलवे की 57 परियोजनाओं पर हो रहा काम, रोजगार बढे
    PR - अलग रेल बजट की प्रथा खत्म करने से रेलवे की बजट सहायता में 6गुनी वृद्दि

    — Sushil Kumar Modi (@SushilModi) January 21, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

पटना : पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी ने कहा कि जहां नीतीश कुमार के रेल मंत्री रहते रेलवे में 1.37 लाख नौकरियां कम हो गई थीं, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आठ साल में 3.74 लाख लोगों को रेलवे में नौकरी मिली. रेल बजट को आम बजट में मिलाने से बिहार में रेलवे का बजट अनुदान यूपीए सरकार की तुलना में 6 गुना बढ़ कर 6,606 करोड़ रुपये हो गया. भारत के अलावा किसी देश में अलग से रेल बजट नहीं होता था.

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'रेल बजट को आम बजट में जोड़ने से फायदा': मोदी ने अलग रेल बजट की अनुत्पादक परिपाटी समाप्त करने के ऐतिहासिक कदम के लिए प्रधानमंत्री का आभार प्रकट करते हुए इसके फायदे गिनाये. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के समय अलग रेल बजट के दौर ( 2003-04) में रेलवे को बजट सहायता 7 हजार करोड़ रुपये मिलती थी, जो बढ़कर आम बजट (2022-23) के जरिये 1.59 लाख करोड़ हो गई. अलग रेल बजट के जमाने में हर रेल मंत्री बिना बजट प्रावधान के लोक लुभावन घोषणाएं कर देते थे. लेकिन, वे संसाधन के अभाव में घोषणाएं लागू नहीं करा पाते थे.

बजट सहायता राशि में 484 % की बढ़ोतरी: सुशील मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की सरकार दस-बीस साल पहले की रेलवे संबंधी घोषणाएं को भी लागू करा रही है, क्योंकि अब बजट सहायता राशि में 484 फीसद की वृद्धि हो चुकी है. नीतीश कुमार को ये बदलाव और काम नहीं दिखते. यूपीए सरकार के समय रेलवे का विद्युतीकरण 14 किलोमीटर सालाना था, जो मोदी-सरकार के समय 1750 फीसद बढ़कर 245 किलोमीटर सालाना हो गया. पहले साल में केवल तीन आरओबी बनते थे, लेकिन अब हर साल रेलवे 40 आरओबी बनवा रहा है.

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