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लालू-राबड़ी ने लिखी बिहार से मजदूर पलायन की पटकथा- राजीव रंजन सिंह

मुंगेर सांसद राजीव रंजन सिंह ने कहा कि महागठबंधन सिर्फ आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति में सिमटकर रह गया है. जनसरोकार से विपक्ष का दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं है. तेजस्वी यादव को प्रवासी पलायन पर बोलने से पहले रांची जाकर अपने पिताजी से पूछना चाहिए कि आखिर हमारे लोग पलायन को मजबूर क्यों हुए

पटना
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Published : Jun 5, 2020, 4:40 PM IST

Updated : Jun 5, 2020, 4:49 PM IST

पटना: जेडीयू सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने शुक्रवार को कहा कि कोरोना काल में पलायन के दौरान प्रदेश लौटे प्रत्येक मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराना जडीयू का मुख्य ध्येय है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का स्पष्ट निर्दश और विचार है कि दूसरों राज्यों से बिहार वापस लौटे प्रत्येक श्रमिकों को उनके स्किल के अनुसार रोजगार उपलब्ध कराया जाए. यह हमारा दायित्व है. जिसे हम जरूर पूरा करेंगे.

विपक्ष पर निशाना साधते हुए मुंगेर सांसद राजीव रंजन सिंह ने कहा कि महागठबंधन सिर्फ आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति में सिमटकर रह गया है. जनसरोकार से विपक्ष का दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं है. तेजस्वी यादव को प्रवासी पलायन पर बोलने से पहले रांची जाकर अपने पिताजी से पूछना चाहिए कि आखिर हमारे लोग पलायन को मजबूर क्यों हुए और रोजगार के लिए अन्य प्रदेशों में जाने की क्या आवश्यकता आन पड़ी.

'लालू यादव से पूछना चाहिए सवाल'
राजीव रंजन सिंह ने तेजस्वी यादव को हिदायत देते हुए कहा कि तेजस्वी को लालू यादव से पूछना चाहिए कि उनके शासनकाल में बिहार की कितनी फैक्ट्रियां बंद हुईं, कितने जूट और शुगर मिल को बंद करवाया गया. फिर पटना लौटकर अपनी माताजी से भी यही सवाल दुहराना चाहिए कि आखिर बिहार में फैक्ट्रियों को बंद करने में आपका कितना और क्या योगदान रहा.

पटना
जदयू सांसद राजीव रंजन सिंह

'मजदूरों को कहीं जाने की जरूरत नहीं'
मुंगेर सासंद ने कहा कि लालू-राबड़ी शासनकाल में रोजगार के अभाव में श्रमिक तबका पलायन का शिकार हुआ. क्योंकि इनकी कारगुजारियों से लोग यहां फांकाकशी से जूझ रहे थे. अब कोरोना काल में हमारे लोग वापस लौटकर आए हैं. मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि अब मजदूरों को कहीं जाने की जरूरत नहीं है. हम उनके लिए यहीं रोजगार उत्पन्न करेंगे.

क्वारंटीन सेंटरों की हो रही है सराहना
ललन सिंह ने कहा कि तेजस्वी यादव क्वारंटीन सेंटर का अवलोकन किए बिना खाली फेसबुक पर चिल्लपों करते रहते हैं. कभी घूमें तब तो पता चले कि आखिर बिहार के क्वारंटीन सेंटर कितना सुव्यवस्थित तरीके से संचालित हैं. मुख्यमंत्री ने स्वयं वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हर जिले के क्वारंटीन सेंटरों पर रहने, खाने, शौच वगैरह एक-एक चीज का गहन निरीक्षण किया है. बिहार के क्वारंटीन सेंटरों पर उपलब्ध कराए गए व्यवस्थाओं का विभिन्न राज्यों ने सराहना की है.

विपक्ष सिर्फ मढ़ रहा है आरोप
ललन सिंह ने आगे कहा कि शायद ही किसी अन्य प्रदेश के क्वारंटाइन सेंटर में ऐसी समुचित व्यवस्था हो. मुख्यमंत्री का शुरू से कथन रहा है कि राजकोष पर सबसे पहला अधिकार आपदा पीड़ितों का है. उन्होंने कहा कि जब 2008 में कोसी आपदा के समय भी विपक्ष ने इसी तरह सिर्फ आरोप मढ़ने का काम किया था. इसीलिए चुनाव परिणाम में कोसी प्रक्षेत्र में इनका सूपड़ा साफ हो गया था. कोसी प्रक्षेत्र में फिर वही दुहराएगा जाएगा. हम काम कर रहे हैं. विपक्ष सिर्फ आरोप मढ़ रहा है.

पटना: जेडीयू सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने शुक्रवार को कहा कि कोरोना काल में पलायन के दौरान प्रदेश लौटे प्रत्येक मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराना जडीयू का मुख्य ध्येय है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का स्पष्ट निर्दश और विचार है कि दूसरों राज्यों से बिहार वापस लौटे प्रत्येक श्रमिकों को उनके स्किल के अनुसार रोजगार उपलब्ध कराया जाए. यह हमारा दायित्व है. जिसे हम जरूर पूरा करेंगे.

विपक्ष पर निशाना साधते हुए मुंगेर सांसद राजीव रंजन सिंह ने कहा कि महागठबंधन सिर्फ आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति में सिमटकर रह गया है. जनसरोकार से विपक्ष का दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं है. तेजस्वी यादव को प्रवासी पलायन पर बोलने से पहले रांची जाकर अपने पिताजी से पूछना चाहिए कि आखिर हमारे लोग पलायन को मजबूर क्यों हुए और रोजगार के लिए अन्य प्रदेशों में जाने की क्या आवश्यकता आन पड़ी.

'लालू यादव से पूछना चाहिए सवाल'
राजीव रंजन सिंह ने तेजस्वी यादव को हिदायत देते हुए कहा कि तेजस्वी को लालू यादव से पूछना चाहिए कि उनके शासनकाल में बिहार की कितनी फैक्ट्रियां बंद हुईं, कितने जूट और शुगर मिल को बंद करवाया गया. फिर पटना लौटकर अपनी माताजी से भी यही सवाल दुहराना चाहिए कि आखिर बिहार में फैक्ट्रियों को बंद करने में आपका कितना और क्या योगदान रहा.

पटना
जदयू सांसद राजीव रंजन सिंह

'मजदूरों को कहीं जाने की जरूरत नहीं'
मुंगेर सासंद ने कहा कि लालू-राबड़ी शासनकाल में रोजगार के अभाव में श्रमिक तबका पलायन का शिकार हुआ. क्योंकि इनकी कारगुजारियों से लोग यहां फांकाकशी से जूझ रहे थे. अब कोरोना काल में हमारे लोग वापस लौटकर आए हैं. मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि अब मजदूरों को कहीं जाने की जरूरत नहीं है. हम उनके लिए यहीं रोजगार उत्पन्न करेंगे.

क्वारंटीन सेंटरों की हो रही है सराहना
ललन सिंह ने कहा कि तेजस्वी यादव क्वारंटीन सेंटर का अवलोकन किए बिना खाली फेसबुक पर चिल्लपों करते रहते हैं. कभी घूमें तब तो पता चले कि आखिर बिहार के क्वारंटीन सेंटर कितना सुव्यवस्थित तरीके से संचालित हैं. मुख्यमंत्री ने स्वयं वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हर जिले के क्वारंटीन सेंटरों पर रहने, खाने, शौच वगैरह एक-एक चीज का गहन निरीक्षण किया है. बिहार के क्वारंटीन सेंटरों पर उपलब्ध कराए गए व्यवस्थाओं का विभिन्न राज्यों ने सराहना की है.

विपक्ष सिर्फ मढ़ रहा है आरोप
ललन सिंह ने आगे कहा कि शायद ही किसी अन्य प्रदेश के क्वारंटाइन सेंटर में ऐसी समुचित व्यवस्था हो. मुख्यमंत्री का शुरू से कथन रहा है कि राजकोष पर सबसे पहला अधिकार आपदा पीड़ितों का है. उन्होंने कहा कि जब 2008 में कोसी आपदा के समय भी विपक्ष ने इसी तरह सिर्फ आरोप मढ़ने का काम किया था. इसीलिए चुनाव परिणाम में कोसी प्रक्षेत्र में इनका सूपड़ा साफ हो गया था. कोसी प्रक्षेत्र में फिर वही दुहराएगा जाएगा. हम काम कर रहे हैं. विपक्ष सिर्फ आरोप मढ़ रहा है.

Last Updated : Jun 5, 2020, 4:49 PM IST
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