पटना: पिछले कुछ दिनों से बीजेपी और जेडीयू नेताओं के बीच जुबानी जंग छिड़ी हुई है. जिसका प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष असर गठबंधन पर दिख रहा है. ऐसे में जेडीयू की ओर से पार्टी से इतर बयान देने वाले नेताओं को बर्खास्त कर दिया गया. जिसमें पवन वर्मा और प्रशांत किशोर शामिल हैं. लेकिन, बीजेपी के कई नेता अभी भी पीके और पवन वर्मा की राह पर हैं, जिन पर कार्रवाई की मांग उठने लगी है.
जेडीयू के प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि बीजेपी खेमें के नेताओं के बयान से गठबंधन में गांठ बढ़ रही है. उन्होंने कहा है कि बीजेपी के संजय पासवान, सच्चिदानंद राय, मिथिलेश तिवारी, रामेश्वर चौरसिया जैसे नेता नीतीश कुमार के नेतृत्व को लेकर बयानबाजी करते रहते हैं. जिन पर अब शीर्ष नेतृत्व को कार्रवाई करनी चाहिए.
'जेडीयू ना करे चिंता, एनडीए में दरार नहीं'
सहयोगी दल के सवाल पर बीजेपी की ओर से पार्टी के वरिष्ठ नेता और बिहार सरकार के मंत्री रामनारायण मंडल ने कहा कि गठबंधन में कोई मतभेद नहीं है. नेतृत्व को लेकर भी अमित शाह ने नीतीश कुमार के नेतृत्व का ऐलान कर दिया है. अब किसी नेता के बयान का कोई मतलब नहीं है. वैसे भी नेताओं को पार्टी लाइन के खिलाफ बयान देने से परहेज करना चाहिए.
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पवन वर्मा और पीके किए गए बर्खास्त
बता दें कि जेडीयू के दो वरिष्ठ नेता पवन वर्मा और प्रशांत किशोर लगातार एनआरसी, एनपीआर और सीएए के खिलाफ बयानबाजी कर रहे थे. जिसके बाद पार्टी ने दोनों को बाहर का रास्ता दिखाया है. ऐसे में अब ये कहा जा रहा है कि बीजेपी भी पार्टी से अलग राग अलाप रहे नेताओं पर कार्रवाई करे.