पटना : बिहार के शिक्षा जगत से एक बड़ी खबर सामने आ रही है. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक और राजभवन के बीच टकराव देखने को मिल रहा है. शिक्षा विभाग के एसीएस के के पाठक के फैसले को राजभवन ने आदेश जारी करते हुए खारिज कर दिया है. यह आदेश राज्यपाल के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल चोंग्थू की ओर से जारी किया गया है.
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आईएएस केके पाठक का आदेश निरस्त : दरअसल मुजफ्फरपुर के बीआर अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय के कुलपति और प्रति कुलपति के वेतन पर शिक्षा विभाग के एसीएस केके पाठक ने रोक लगा दी थी. उनके वित्तीय अधिकार पर भी रोक लगा दिया था. केके पाठक ने यह आदेश गुरुवार को जारी किया था, क्योंकि शिक्षा विभाग की ओर से पूर्व से निर्धारित विश्वविद्यालयों के विभागीय समीक्षा बैठक में बीआर अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय के कुलपति और प्रति कुलपति नहीं पहुंचे थे. ऐसे में केके पाठक के आदेश के अगले रोज ही आज शुक्रवार को राजभवन ने खारिज कर दिया है.
केके पाठक ने BRA यूनिवर्सिटी के खातों पर लगाई थी रोक : केके पाठक ने बीआरए विश्विद्यालय के वीसी और प्रो वीसी के वित्तीय अधिकार पर रोक लगाने के साथ-साथ बीआरए के बचत खाते और अन्य सभी खातों के ट्रांजेक्शन पर रोक लगा दी थी, लेकिन 24 घंटे के भीतर ही राजभवन ने आदेश जारी कर इसे खारिज कर दिया. राज्यपाल के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल चोंग्थू ने निर्देश पत्र जारी करते हुए पत्र को मुजफ्फरपुर के एसबीआई, पीएनबी और सेंट्रल बैंक को भी भेज दिया है.
राजभवन का संबंधित विभागों को आदेश : राजभवन द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि ''बिहार सरकार के आदेश ज्ञापांक 1741 का पालन नहीं करें. पत्र में कहा गया है कि जब तक राजभवन से आदेश जारी नहीं होता है तब तक सरकार के ज्ञापन 1741 का क्रियान्वयन नहीं करेंगे.'' इसके साथ ही बीआरए विश्वविद्यालय के कुलपति और प्रति कुलपति के वित्तीय अधिकारों को भी बहाल कर दिया है.