पटना: बिहार में कोरोना कहर बरपा रहा है. अस्पताल मरीजों से भर गए हैं. स्थिति यह है कि मरीजों को बेड नहीं मिल रहा. सरकार नए अस्थायी हॉस्पिटल बनाने पर काम कर रही है ताकि कोरोना के मरीजों का इलाज किया जा सके. वहीं, पिछले साल आई कोरोना संक्रमण की पहली लहर के दौरान रेलवे द्वारा आपात स्थिति में इस्तेमाल के लिए तैयार किए गए आइसोलेशन कोच अब भी बेकार पड़े हैं.
यह भी पढ़ें- NMCH के दर पर सिर्फ इंतजार, न ऑक्सीजन न बेड...भटक रहे मरीज
पिछले साल कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए रेलवे स्टेशनों पर आइसोलेशन कोच लगाए गए थे. कहा गया था कि जब अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ेगी तो इनमें मरीजों को रखा जाएगा. इन कोच में चिकित्सा की तमाम व्यवस्था की गई थी. डॉक्टर से लेकर नर्स तक को तैनात किया गया था.
धूल फांक रहा आइसोलेशन कोच
पटना में कोरोना मरीजों के लिए बेड कम पड़ गए हैं, लेकिन अभी तक सरकार ने आइसोलेशन कोच के इस्तेमाल के संबंध में कोई फैसला नहीं लिया है. आइसोलेशन कोच पटना के पाटलिपुत्र स्टेशन के आउटर एरिया में धूल फांक रहे हैं. बिहार के विभिन्न स्टेशनों पर पिछले साल 240 आइसोलेशन कोच लगाए गए थे.
इस साल राजधानी पटना में अभी तक आइसोलेशन कोच को नहीं लगाया गया है. हालांकि कई जिलों में आइसोलेशन कोच को रेलवे स्टेशनों पर खड़ा कर दिया गया है. पटना में ऐसी पहल होती नजर नहीं आ रही है.
यह भी पढ़ें- रिटायरमेंट से 4 महीने पहले कोरोना ने छीन ली अरुण कुमार की जान, ऐसा रहा 1985 बैच के अधिकारी का सफर